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    26-11-2021 : प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 51 ए में वर्णित मौलिक कर्तव्यों को अवश्य पढ़ना, समझना तथा पालन करना चाहिये।-राज्यपाल

    प्रकाशित तिथि: नवम्बर 26, 2021

    राजभवन देहरादून 26 नवम्बर, 2021

    राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 51 ए में वर्णित मौलिक कर्तव्यों को अवश्य पढ़ना, समझना तथा पालन करना चाहिये। युवाओं को सोशल मीडिया व मास मीडिया के माध्यम से नागरिक कर्तव्यों का प्रचार-प्रसार करना चाहिये। अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन बेहद जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि कानून का अध्ययन करने वाले युवाओं को भविष्य में अपने कानूनी कार्यक्षेत्र में राष्ट्र, समाज और जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिये। किसी भी संशय की स्थिति में भारत का संविधान ही हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है।

    राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह ( से नि ) ने शुक्रवार को संविधान दिवस के अवसर पर सिद्धार्थ लॉ कॉलेज में मूल भारतीय संविधान की प्रतिलिपि का विमोचन किया। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान में गुरू नानक देव जी का एकता के सूत्र में बांधने वाला एकम मंत्र तथा गुरू गोबिन्द सिंह जी के देह शिवा बरू मोहि इहै, सुभ करमन ते कबहूं न टरों का मूलमंत्र भी निहित है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि संविधान की पवित्र पुस्तक के प्रत्येक शब्द, प्रत्येक कौमा, प्रत्येक विराम चिह्न, प्रत्येक पृष्ठ से हमारी सभ्यता, संस्कृति व इतिहास की गहराई का ज्ञान होता है। संविधान की प्रस्तावना में ही भारतीयता का जुनून है। प्रस्तावना हम भारतीयों को मैं की भावना से हम में बदल देती है, इसमें अलग ही उत्साह है। भारतीय संविधान के निर्माण के पीछे महामनीषियों का अथक परिश्रम, लगन और समर्पण है। यह वास्तव में एक पवित्र ग्रन्थ है। संविधान ने हमे एक किया है। हमें आपस में एक दुसरे के साथ जोड़ा है। इसने धर्म, जाति, भाषा व क्षेत्र की सभी असमानताओं से हमें मुक्त किया है। हमारे संविधान का प्रत्येक शब्द, प्रत्येक कौमा, प्रत्येक विराम चिह्न महत्वपूर्ण है। सभी नागरिकों को संविधान का अध्ययन जरूर करना चाहिये। मास मीडिया तथा सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिये। बहुत सी सामाजिक समस्याओं का समाधान भारतीय संविधान मे ंनिहित है। बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा के समय से ही भारतीय संविधान की जानकारी दी जानी चाहिये।

    राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि संविधान दिवस भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा, निष्ठा और प्रतिबद्धता प्रकट करने के संकल्प को जागृत रखने का महत्वपूर्ण अवसर है। डा0 अम्बेडकर जी की विलक्षण प्रतिभा, कठोर परिश्रम और महान विचारों की व्यापकता से, एक लोक कल्याणकारी संविधान की मजबूत संरचना संभव हुई थी।

    भारत का यह पवित्र संविधान, हमें अपने नागरिकों पर विश्वास व्यक्त करता है, और, नागरिकों को पर्याप्त उन्मुक्तियों प्रदान करता है।संविधान निर्माता यदि चाहते तो, इसे कठोर बनास सकते थे, किन्तु उनकी भारत के नागरिकों के प्रति जताये गये विश्वास का परिणाम था, कि उन्होने,संविधान को लचीला स्वरूप प्रदान कर, उन्मुक्तियों के साथ ही कर्तव्य का बोध कराया।

    इस अवसर पर राज्यपाल के विधि परामर्शी श्री अमित सिरोही, सिद्धार्थ लॉ कॉलेज के निदेशक जस्टिस के डी शाही (रि), सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इन्सटीटयूट के अध्यक्ष श्री दुर्गा वर्मा , शिक्षक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।