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    07-03-2022:राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड की समस्त महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

    प्रकाशित तिथि: मार्च 7, 2022

    * उत्तराखंड की महिलाओं को उनके योगदान का श्रेय मिलना जरूरी – राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)

    * महिला सशक्तीकरण अभियान मात्र 8 मार्च तक सीमित नहीं रहना चाहिए – राज्यपाल

    * राजभवन द्वारा बालिका शिक्षा तथा महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए संभव सहयोग- राज्यपाल

    * 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजभवन की पत्रिका “नंदा“ के प्रथम अंक का विमोचन।

    * उत्तराखंड की महिलाओं को समर्पित पत्रिका “नंदा“।

    राजभवन देहरादून 07 मार्च, 2022

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड की समस्त महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण तथा उनके अधिकारों को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मात्र महिलाओं के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, अपितु संपूर्ण समाज के संतुलित एवं सर्वांगीण विकास के लिए पुरुषों के लिए भी समान महत्व रखता है।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि अच्छी शिक्षा, कौशल विकास तथा पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवा कर ही महिलाओं को वास्तव में सशक्त तथा आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। हमें एक ऐसी संस्कृति तथा माहौल बनाना है जिसमें महिलाओं को निर्णय लेने की पूर्ण स्वतंत्रता हो। महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण ही उनका वास्तविक सशक्तीकरण है। लैंगिक समानता के लिए भी समाज को सोच विचार, परंपराओं, मूल्यों तथा संस्कृति में सुधार की आवश्यकता है।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि मातृशक्ति के राज्य उत्तराखंड की परिश्रमी व साहसी महिलाओं का राज्य के विकास एवं प्रगति में अहम योगदान रहा है। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी यहां की वीर नारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। राज्य में रोजगार के लिए पुरुषों के पलायन के कारण महिलाएं ही राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक संरचना की रीढ़ बनी। पर्वतीय क्षेत्रों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में महिलाओं ने अपने परिश्रम व साहस के बल पर अपने घर, गांव, खेतों और संस्कृति को आबाद रखा। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं को उनके परिश्रम, बलिदान एवं संघर्ष का उचित श्रेय से मिलना आवश्यक है। हम उनके आभारी तथा ऋणी हैं।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहो द्वारा सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूह महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का नया माध्यम बन रहे हैं। महिला स्वयं सहायता समूह को और भी अधिक सशक्त किए जाने की जरूरत है। महिलाओं द्वारा राज्य में रोजगार सृजन, जैविक खेती, पर्यटन सहित हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करके ही महिला सशक्तीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। आज भी सामाजिक कुरीतियों के कारण बालिकाओं की शिक्षा के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं। सरकार तथा समाज के समन्वित प्रयासों से ही बालिकाओं की अच्छी शिक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन द्वारा प्राथमिकता के आधार पर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। राजभवन में महिला सशक्तीकरण पर सेमिनारों के आयोजन, बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग, मेधावी बालिकाओं की शिक्षा को आर्थिक सहायता जैसे प्रयासों के माध्यम से इस दिशा में प्रभावी कार्य किया जा रहा है।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि महिला सशक्तीकरण मात्र 8 मार्च तक सीमित नहीं रहना चाहिए। जब तक समाज में अपेक्षित बदलाव नहीं आ जाते, महिला सशक्तिकरण एक निरंतर चलने वाला मिशन है।
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