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    06-12-2021 : राज्यपाल ने हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून के चौथे दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया।

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 6, 2021

    राजभवन देहरादून 06 दिसम्बर, 2021
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने अपील की है कि डॉक्टर्स उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों, गांवों तथा पहाड़ी इलाकों में अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर रहे। राज्य में रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ाने में डॉक्टर्स महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। राज्य के दूरदराज क्षेत्रों से लोग हेल्थ फैसेलिटीज की कमी के कारण पलायन ना करें ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि डॉक्टर्स निस्वार्थ सेवा की भावना से काम करें। जरूरतमंद, गरीबों, वंचितों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सर्वोच्च प्राथमिकता पर मदद करें। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए टेलीमेडिसिन तथा टेलीरेडियोलॉजी किसी वरदान से कम नहीं है, टेलीमेडिसिन के माध्यम से राज्य के दूरदराज पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को भी देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों तथा टॉप मेडिकल एक्सपर्ट्स की सेवाएं मिल जाए तो यह हेल्थ सेक्टर में एक रिवोल्यूशन होगा। हमें उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन को अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून के चौथे दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने मेधावी छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल ने डॉ जी एस तितयाल, डॉ ए बी पंत तथा डॉ जे के शर्मा को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की।
    राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में हेल्थ फैसिलिटी के गैप को टेक्नोलॉजी के माध्यम से खत्म किया जा सकता है। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व सभी सरकारी अस्पतालों में अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलना चाहिए। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, टेलिफोनिक कंसलटेंसी, डिजिटाइजेशन ऑफ रिकॉर्ड्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, बिग डाटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग को अधिक से अधिक अपनाया जाना चाहिए।
    राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के दौरान हमारे डॉक्टर नर्स तथा समस्त पैरामेडिकल स्टाफ हेल्थ वॉरियर्स की भूमिका में रहे। उन्होंने अपने फर्ज से भी आगे बढ़कर मानवता का धर्म निभाया है। हमारे हेल्थ वॉरियर्स ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर लाखो जीवन बचाएं हैं। आपकी इस महान मानव सेवा, अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण और त्याग के लिए मैं आपको नमन करता हूँ। अपने इन समर्पित हेल्थ वॉरियर्स के कारण ही हम देश में 100 करोड़ से अधिक के वैक्सीनेशन का लक्ष्य प्राप्त करने मे सफल हुए हैं।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि युवा डॉक्टर से अनुरोध है कि वे रिवर्स माइग्रेशन के लिए लीडरशिप दे।
    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि नए-नए शोधों सामने आने से चिकित्सा क्षेत्र का लगातार विस्तार हो रहा है। इन नए रिसर्च से हमारी विशाल आबादी लाभान्वित हो, हमें इस बात पर ध्यान देना होगा।
    राज्यपाल ने कहा कि COVID 19 स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक नई चुनौती रही है और अब भी है। इस महामारी ने मौजूदा चिकित्सा सेवाओं की सीमा को दिखाया लेकिन हमारे वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने इस चुनौती का डटकर मुकाबला किया। हमने रिकॉर्ड समय में नए टीके विकसित किए और एक अरब लोगों को टीका लगाया।
    उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टरों और पैरामेडिक्स को सलाह है कि COVID 19 के मरीज के इलाज में हमें अन्य खतरनाक बीमारियों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए ।
    राज्यपाल ने डॉक्टरों को गढ़वाली, कुमाऊंनी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने और संवाद करने की भी सलाह दी। क्योंकि ये डॉक्टर को लोगों के प्रति संवेदनशील बनाने और मरीजों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान करने में मदद करेंगी।
    राज्यपाल ने कहा कि COVID 19 ने शिक्षा प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है और संस्थानों को ऑनलाइन शिक्षण में स्थानांतरित होना पड़ा है। यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए एक नया चैलेंज और एक नया अनुभव था।
    उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विशेषकर मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में हम जितने रिसर्च कर रहे हैं, साथ-साथ चुनौतियां भी बड़ी होती जा रही हैं। डॉक्टरों और नर्सों को पूरी दुनिया में बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता है। विशेष रूप से भारत में जहां उन्हें भगवान के रूप में सम्मानित किया जाता है। अब यह आप पर निर्भर है, कि आप अपनी सेवाओं और आचरण से लोगों के इस विश्वास और सम्मान को कायम रखें।
    इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सचिव डॉ पंकज कुमार पांडे, एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ हेमचंद्र, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।