31-10-2023 : खेल महाकुम्भ-2023 के शुभारम्भ के अवसर पर महामहिम श्री राज्यपाल महोदय का उद्बोधन
खेल महाकुम्भ-2023 के शुभारम्भ के अवसर पर महामहिम श्री राज्यपाल महोदय का उद्बोधन
(31 अक्टूबर, 2023)
जय हिन्द!
कार्यक्रम में उपस्थित मा० खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी, विधायक श्री मोहन सिंह बिष्ट जी, उपस्थित महानुभाव, मीडिया के बन्धुओं एवं प्यारे बच्चों!
सबसे पहले में इस खेल महाकुंभ के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।
राज्य गठन के उपरान्त खेल संस्कृति विकास एवं युवाओं, प्रौढ़ों एवं नई पीढ़ी का खेलों के प्रति आकर्षण बढ़ाये जाने एवं उनकी खेल प्रतिभाओं को उजागर करने एवं राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के चिन्हीकरण के उद्देश्य से युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रथम खेल महाकुंभ का आयोजन किया गया था।
प्रतिवर्ष राज्य में न्याय पंचायत स्तर, विकासखण्ड स्तर, जनपद स्तर एवं राज्य स्तर पर विभिन्न आयुवर्गों में बालक-बालिका खिलाड़ियों हेतु खेल महाकुम्भ का आयोजन किया जाता है जिसमें राज्य के लगभग 2 लाख से अधिक खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया जाता रहा है।
गत वर्ष खेल महाकुम्भ-2022 में लगभग 3 लाख 95 हजार खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस वर्ष खेल महाकुम्भ का 7वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस बार खिलाड़ियों की संख्या विगत वर्ष की अपेक्षा अधिक होगी।
इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा खेल महाकुम्भ-2023 में प्रथम बार न्याय पंचायत स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को भी नकद पुरस्कार प्रदान करने की व्यवस्था की गई है और साथ ही विकासखण्ड, जनपद एवं राज्य स्तर पर विजयी होने वाले खिलाड़ियों की नकद पुरस्कार धनराशि में भी वृद्धि की गई है।
गतवर्ष राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार के रूप में 4.64 करोड़ की धनराशि से पुरस्कृत किया गया था जिसे इस वर्ष बढ़ाकर रु0 7.62 करोड़ किया गया है।
मैं समझता हूं कि आगामी वर्षों में हमारे प्रदेश में खिलाड़ियों की संख्या में अनपेक्षित वृद्धि होगी एवं उत्तराखण्ड राज्य एक युवा एवं स्वस्थ प्रदेश के रूप में देश एवं विदेश में अपना नाम विख्यात करेगा।
आज हमारे देश में सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है।
राष्ट्र के निर्माण में सरदार बल्लभ भाई पटेल ने भारत की कई रियासतों को विलय कर एक सुदृढ़ एवं मजबूत भारत के निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग दिया था ठीक उसी प्रकार राज्य में खेलों का एक विकसित प्रारूप समेकित टीम के रूप में करने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।
खेल महाकुम्भ के अन्तर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के खिलाड़ियों द्वारा भी प्रतिभाग किया जाता है।
खेल महाकुम्भ के माध्यम से प्रदेश में खेल वातावरण सुदृढ़ करने में मदद प्राप्त हुई है। सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लगातार खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
अभी हाल ही में सरकार के द्वारा खिलाड़ियों हेतु छात्रवृत्ति की योजना भी प्रारम्भ की गई है, गत दो वर्षों में राज्य सरकार द्वारा राज्य के लगभग 6500 खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।
ऐसे चयनित खिलाड़ी, जिनकी आयु 8-14 वर्ष है उन्हें छात्रवृत्ति के रूप में प्रतिमाह रू0 1500.00 प्रति खिलाड़ी एवं जिनकी आयु 14-23 वर्ष के मध्य हैं उन्हें रु0 2000.00 की धनराशि प्रदान की जा रही है।
आगामी वर्ष में उत्तराखण्ड राज्य 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन कराने जा रहा है, मुझे विश्वास है कि जिस प्रकार से राज्य में खेलों को बढ़ावा दिए जाने एवं खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है एवं खेल संस्कृति को विकसित करने हेतु इस तरह के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है तो निश्चित रूप से ही राज्य में खेलों के प्रति रूझान बढ़ेगा और उत्तराखण्ड राज्य खेल हब के रूप में विकसित होगा निश्चित रूप से राज्य सरकार के इन प्रयासों से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक तालिका में उत्तराखण्ड राज्य उच्च स्थान प्राप्त करेगा।
वर्तमान में राज्य को देवभूमि सैन्य भूमि के रूप में जाना जाता है आने वाला समय निश्चित रूप से ही राज्य को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेगा।
जय हिन्द!