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    30-05-2025 : गोवा राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    प्रकाशित तिथि: मई 30, 2025

    जय हिन्द!

    आज गोवा राज्य के स्थापना दिवस के इस पावन अवसर पर मैं इस सुंदर, समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से जीवंत राज्य के नागरिकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई देता हूँ।

    30 मई, 1987 को गोवा केंद्र शासित प्रदेश से भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना। यह केवल एक संवैधानिक बदलाव नहीं था, यह गोवा की आत्मा को, उसकी सांस्कृतिक गरिमा को और उसकी प्रगति की आकांक्षाओं को भारतीय संघ की मुख्यधारा में पूर्ण रूप से शामिल करने का दिन था।

    गोवा अपने सुरम्य समुद्री तटों, ऐतिहासिक चर्चों, प्राचीन मंदिरों, विविधता से भरे त्योहारों और उत्साहपूर्ण जीवनशैली के लिए विश्व प्रसिद्ध है। बागा और कलंगुट के समुद्र तट हों, दूधसागर का प्रपात हो या मंडो की मधुर लहरियाँ-हर अनुभव गोवा की संस्कृति की समृद्धि और इसकी आत्मीयता का परिचायक है।

    गोवा का पारंपरिक संगीत, नृत्य और उत्सव इसकी आत्मा में बसते हैं। कोंकणी संगीत की मधुरता, मंडो की लय, कार्निवाल की रंगीन परेड, दीवाली और क्रिसमस जैसे उत्सव, गोवा की बहु धार्मिक, बहु सांस्कृतिक आत्मा को परिभाषित करते हैं। यहाँ की भूमि ने भारत को गायन के क्षेत्र में लता मंगेशकर, आशा भोसले जैसे गौरवशाली व्यक्तित्व दिए हैं।

    गोवा की प्राकृतिक सुन्दरता अत्यन्त मनोहारी है। प्राकृतिक और मेहनती लोगों से बना हुआ यह राज्य दुनिया की सभी विचारधाराओं से लोगों को आकर्षित करता है। आज गोवा केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है।

    एक छोटा राज्य होने के बावजूद गोवा ने जल-क्रीड़ाओं, खनन, कृषि, मसाला उत्पादन और सांस्कृतिक समृद्धि में उल्लेखनीय प्रगति की है। स्कूबा डाइविंग, पैरासेलिंग, वाटर स्कूटर जैसे साहसिक खेल गोवा को रोमांचप्रिय लोगों के लिए स्वर्ग बनाते हैं।

    देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर से, जहाँ हिमालय की गोद में बसी आत्मिक और प्राकृतिक समृद्धि है, मैं गोवा के भाई-बहनों को नमन करता हूँ। उत्तराखण्ड की तरह ही गोवा भी अपनी संस्कृति, परंपराओं और प्रकृति से जुड़ा हुआ एक प्राचीन और गौरवशाली भूभाग है।

    ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सभी राजभवनों द्वारा विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस मनाना, राष्ट्रीय एकता के इस अद्भुत भाव को और सशक्त करता है। यह केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि विचारों, संवेदनाओं और साझी विरासत का उत्सव है।

    भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहाँ भाषाएँ बदलती हैं, वेशभूषा बदलती है, खानपान बदलता है, लेकिन जो नहीं बदलती, वह है हमारी एकता की भावना। विविधताओं से सजी हमारी यह एकता ही भारत की असली ताकत है।

    सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महापुरुषों ने इस देश को एकसूत्र में पिरोने का महान कार्य किया। उनके संकल्प, दूरदर्शिता और नेतृत्व से ही भारत की अखंडता साकार हुई। यह आयोजन विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधताओं को एक मंच पर लाकर हमें एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता है।

    हमें यह समझना होगा कि हम सभी भारतीयों की आत्मा एक ही है – हम भारतमाता की संतानें हैं। हमारी संस्कृति, हमारी विचारधारा और हमारा इतिहास हमें जोड़ते हैं, अलग नहीं करते।

    इस अवसर पर मैं यह भी कहना चाहूँगा कि उत्तराखण्ड की तरह गोवा भी पर्यावरणीय संतुलन और प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षक है। हम सबको मिलकर सतत विकास की दिशा में अग्रसर होना है- एक ऐसा विकास जो प्रकृति से जुड़ा हो, संस्कृति से प्रेरित हो और भावनात्मक रूप से एकता से ओत-प्रोत हो।

    22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों की कायरना हरकत का बदला लेते हुए हमारी सेना ने पाकिस्तान को एकबार फिर से धूल चटा दी। हमने न्यू एज वारफेयर में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। इस ऑपरेशन के दौरान हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रामाणिकता सिद्ध हुई।

    हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। उनकी वीरता-साहस और पराक्रम को हम सभी देशवासी नमन करते हैं।

    हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता सबसे बड़ी शक्ति है। जब देश एकजुट होता है, नेशन फर्स्ट की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वाेपरि होता है तो राष्ट्र निर्माण के लिए हर लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।

    आइए, हम सभी भारतवासी यह संकल्प लें कि हम केवल एक भारत नहीं, बल्कि सर्वश्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मिलकर कार्य करेंगे। हमारी विविधताएँ हमारी पहचान हैं, पर हमारी एकता ही हमारी शक्ति है।

    गोवा राज्य स्थापना दिवस पर एक बार पुनः इस सुंदर राज्य को, यहाँ के मेहनती, जीवंत और अतिथि-सत्कार से भरे नागरिकों को बधाई देता हूँ। मैं कामना करता हूँ कि गोवा प्रगति की नई ऊँचाइयों को छुए और अपनी सांस्कृतिक गरिमा के साथ विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान को और सुदृढ़ करे।

    एक बार पुनः आपको पूरे उत्तराखण्ड की ओर से स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!
    जय हिन्द!