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    27-12-2024 : मीलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में आयोजित Surgical Eye Camp Programme में माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 27, 2024

    जय हिन्द!

    सर्वप्रथम, मैं यहां उपस्थित सभी सम्मानित पूर्व सैनिकों, उनके परिजनों, चिकित्सा विशेषज्ञों, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी महानुभावों का हृदय से अभिनंदन करता हूँ।

    आज ‘‘नेत्र रोग जागरूकता गोष्ठी एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन सप्ताह’’ के अंतर्गत मिलिट्री हॉस्पिटल, देहरादून द्वारा आयोजित इस ष्ैनतहपबंस म्लम ब्ंउच च्तवहतंउउमष् का हिस्सा बनना मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है। यह कार्यक्रम भारतीय सेना की सेवा भावना का प्रतीक है। यह साबित करता है कि जब विज्ञान और मानवीयता का मेल होता है तो कुछ भी संभव हो सकता है।

    हमारे सैनिक और उनके परिवार हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं। इनकी सेवा और बलिदान के कारण ही हम सभी सुरक्षित और स्वतंत्र जीवन जी पा रहे हैं। उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करना हमारा परम कर्तव्य है। इस प्रकार के शिविर इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय सेना अपने सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई व देखभाल को हमेशा आगे रखती है, चाहे वे सेवा में हो या सेवानिवृत्त हो गए हों।

    आर्मी हाॅस्पिटल, दिल्ली के सुप्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक ब्रिगेडियर संजय मिश्रा जी के कुशल नेतृत्व और उनकी विशेषज्ञता के साथ, इस शिविर में अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों की सहायता से लगभग 200 पूर्व सैनिकों और उनके परिवारजनों का सफल नेत्र ऑपरेशन किया जाना, वास्तव में प्रशंसनीय है। यह कार्य मिलिट्री हॉस्पिटल की सेवा भावना और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसके लिए लिए मैं मिश्रा जी और उनकी पूरी टीम को हृदय से धन्यवाद देता हूँ।

    आज भी हमारे देश में नेत्र रोग एक गंभीर समस्या बनी हुई है। मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोग, समय पर उपचार के अभाव में लाखों लोगों की दृष्टि छीन लेते हैं। जागरूकता की कमी और संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण, कई लोग समय रहते इलाज नहीं करवा पाते।

    इसलिए, नेत्र रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और उन्हें समय पर पहचान कर उपचार सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। नियमित नेत्र जांच से गंभीर समस्याओं को समय पर रोका जा सकता है। मिलिट्री हॉस्पिटल द्वारा आयोजित यह शिविर न केवल पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह समाज में जागरूकता का भी संदेश देता है। इसके लिए मैं जीओसी सब एरिया मेजर जनरल आर. प्रेमराज और उनकी टीम को साधुवाद देता हूँ।
    यह शिविर उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो आर्थिक समस्याओं या अन्य कारणों से अपनी आंखों का इलाज नहीं करवा पाते हैं। इस तरह के कार्यक्रम यह साबित करते हैं कि जब विज्ञान, सेवा और मानवता का मेल होता है, तो असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।

    यह पहल गरीब और वंचित वर्ग के उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो नेत्र उपचार का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। नेत्र रोग जागरूकता और उपचार के क्षेत्र में इस तरह की पहल समाज के प्रत्येक वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

    नेत्र रोगों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए, हमें जागरूकता अभियान को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। नेत्र स्वास्थ्य की नियमित जांच, संतुलित आहार, सही जीवनशैली और आधुनिक चिकित्सा सेवाओं की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। यह हम सभी का दायित्व है कि हम अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें और उन्हें उनकी आंखों की देखभाल के लिए प्रेरित करें।

    अंत में, मैं मिलिट्री हॉस्पिटल, देहरादून के कमांडेंट ब्रिगेडियर परीक्षित सिंह की पूरी टीम, डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और सभी आयोजकों को इस अद्भुत पहल के लिए शुभकामनाएं और धन्यवाद देता हूँ।

    मैं इस अवसर पर चीफ आॅफ आर्मी स्टाॅफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ कि उनके मार्गदर्शन में यह नेक कार्य हो रहा है। आपका समर्पण और मेहनत वास्तव में प्रेरणादायक है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आप न केवल चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, बल्कि सेवा, समर्पण और मानवता का संदेश भी दे रहे हैं।

    मैं इस शिविर से लाभान्वित हो रहे सभी मरीजों के उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य की कामना करता हूँ। आशा करता हूँ कि भविष्य में भी इस तरह के शिविर आयोजित होते रहेंगे, जो समाज के हर वर्ग को लाभान्वित करेंगे।

    इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

    जय हिन्द!