26-07-2025 : माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ने वाले एनसीसी कैडेटों और सेना के जवानों के सम्मान समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन।
जय हिन्द!
आज का यह अवसर हम सभी के लिए गर्व और प्रेरणा का पल है। दुनिया की सबसे ऊँची चोटी-माउंट एवरेस्ट-जिसे ‘छूना’ एक साहस, संकल्प और समर्पण की पराकाष्ठा होती है, उस पर सफलतापूर्वक चढ़ने वाले हमारे वीर सैनिकों और युवा एनसीसी कैडेट्स का सम्मान करना मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है।
विशेष रूप से उत्तराखण्ड राज्य के लिए यह अत्यंत गर्व की बात है कि भारतीय सेना के ‘‘माउंट एवरेस्ट अभियान-2025’’ में सम्मिलित 22 पर्वतारोहियों में से 10 हमारे राज्य से हैं। यह प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत सम्मान की बात है कि पूरे भारत वर्ष के 10 कैडेट में से 03 कैडेट्स उत्तराखण्ड से है। मैं विशेष रूप से उन तीन कैडेट्स को बधाई देता हूँ जो उत्तराखण्ड से हैं और जिन्होंने पूरे भारत के सामने एक मिसाल पेश की है। आप सभी पर प्रदेश को गर्व है।
देवभूमि उत्तराखण्ड ने अतीत में भी ब्रिगेडियर ज्ञान सिंह, सुश्री बछेंद्री पाल जैसे विश्वविख्यात पर्वतारोहियों को जन्म देकर राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। आज यह परंपरा हमारे युवाओं और सैनिकों के माध्यम से और भी सशक्त रूप में सामने आ रही है। मुझे विशेष हर्ष है कि इस वर्ष के अभियान में भाग लेने वाले एनसीसी कैडेट्स ने केवल एक वर्ष के कठोर प्रशिक्षण के पश्चात एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया। यह उपलब्धि दिखाती है कि यदि युवाओं को सही दिशा, प्रशिक्षण और प्रेरणा मिले, तो वे असंभव को भी संभव कर सकते हैं। केवल 18-19 वर्ष की उम्र में इतनी ऊंचाई को छूना, अपने आप में आत्मविश्वास, राष्ट्रभक्ति और आत्मानुशासन का अद्भुत उदाहरण है।
मैं भारतीय सेना के पर्वतारोहियों को भी इस असाधारण सफलता के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। आपने न केवल ऊँचाई को जीता है, बल्कि साहस, टीम वर्क और अनुशासन की मिसाल कायम की है। चाहे युद्धभूमि हो, आपदा राहत, सीमाओं की रक्षा या अब एवरेस्ट जैसे अभियानों में श्रेष्ठता का प्रदर्शन- भारतीय सेना सदैव इस राष्ट्र की प्रेरणा रही है।
माउंट एवरेस्ट अभियान 2025 भारतीय सेना की दूरदर्शिता, तैयारी और संकल्प का जीवंत प्रमाण है। सितंबर, 2024 में माउंट मुकुट की चढ़ाई से प्रारंभ होकर, सियाचिन के कठिन प्रशिक्षण से गुजरते हुए और अंततः 27 मई, 2025 को एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराना – यह यात्रा न केवल भौगोलिक ऊँचाई की है, बल्कि यह मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक योजना की भी ऊँचाई है।
इस अभियान में सैनिकों ने 29,000 फीट की ऊँचाई पर जाकर जहाँ गहरी दरारें, बर्फीले तूफान, हिमस्खलन और ऑक्सीजन की कमी जैसी अनेक चुनौतियाँ थीं, उन्हें अनुशासन, प्रशिक्षण और साहस से पार किया। यह भी उल्लेखनीय है कि पूरी टीम बिना किसी अप्रिय घटना के सुरक्षित लौट आई- जो भारतीय सेना की सुव्यवस्थित योजना और प्रोफेशनलिज्म का प्रमाण है।
मुझे गर्व है कि मैंने स्वयं भारतीय सेना में चार दशकों तक सेवा की है और मैं कह सकता हूँ कि भारतीय सेना न केवल राष्ट्र की रक्षा करती है, बल्कि देश के नागरिकों को प्रेरित करने का भी कार्य करती है। सेना के मूल्य – राष्ट्र सर्वोपरि, अनुशासन, कर्तव्यपरायणता और निःस्वार्थ सेवा- हर नागरिक के लिए अनुकरणीय हैं।
इसी प्रकार, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) भारत के युवाओं में देशभक्ति, अनुशासन और नेतृत्व विकसित करने का एक महान मंच है। “एकता और अनुशासन” का मूल मंत्र लेकर एनसीसी आज देश के हर कोने में युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रशिक्षित कर रही है। एनसीसी केवल एक प्रशिक्षण संगठन नहीं, यह युवाओं में आत्मबल, उत्तरदायित्व और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का बीज बोता है।
प्रिय कैडेट्स, आप आज केवल एक पर्वत नहीं चढ़े हैं, आपने अपने भीतर के डर, थकान और शंकाओं को भी पराजित किया है। आपने यह सिद्ध किया है कि जब संकल्प मजबूत हो, तो आकाश भी सीमा नहीं रह जाता। मैं विश्वास करता हूँ कि आज का यह अनुभव आपके जीवन के हर पड़ाव में आपको नेतृत्व और आत्मविश्वास प्रदान करेगा।
इस अभियान से हमें एक और गूढ़ संदेश भी प्राप्त होता है- राष्ट्रीय एकता का। सेना और एनसीसी, दोनों संस्थाएँ भारत की विविधता में एकता की जीवंत मिसाल हैं। जब भारत के विभिन्न राज्यों के युवा और सैनिक एक साझा लक्ष्य के लिए साथ मिलकर काम करते हैं, तो वह भारत की असली शक्ति को प्रदर्शित करता है। यही एकता और समर्पण भारत को विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र बनाएगी।
अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा कि माउंट एवरेस्ट को जीतना एक महान उपलब्धि है, लेकिन सबसे बड़ी चढ़ाई- राष्ट्र निर्माण की है। इस चढ़ाई में आप सभी युवा सहभागी बनें, यही मेरी अपेक्षा है।
आपमें से प्रत्येक ने सिद्ध कर दिया है कि- ‘‘जब इरादे नेक हों और कदम अनुशासित, तो एवरेस्ट भी झुक सकता है!’’
अंत में, मैं आप सभी को आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। आपका साहस, आपका समर्पण और आपकी देशभक्ति आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहे।
जय हिन्द!