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    25-12-2021:ऋषिकेश में हिल मेल संस्था द्वारा आयोजित रैबार कार्यक्रम के अवसर पर राज्यपाल ।

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 25, 2021

    राजभवन देहरादून 25दिसम्बर, 2021

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि रिवर्स माइग्रेशन का रैबार (संदेश) पूरे राज्य में जाना चाहिए। देवभूमि को अपने अनुभवी बेटे-बेटियों की जरूरत है। वे मिलकर इस राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। दृढ़ विश्वास है कि उत्तराखंड के युवाओं का जोश और अपनी मिट्टी से जुड़ने का जज्बा रिवर्स माइग्रेशन की जमीन तैयार करेगा। उत्तराखंड के पहाड़ों में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप तथा माइक्रोफाइनेंस के द्वारा आर्थिक क्रांति कर रही हैं। वे पूरे देश और दुनिया के लिए रोल मॉडल है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को ऋषिकेश में हिल मेल संस्था द्वारा आयोजित रैबार कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने कहा कि रैबार बड़ा ही खूबसूरत शब्द है। रिवर्स माइग्रेशन, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, अपनी जड़ों से जुड़ने का रैबार जन जन तक पहुंचना चाहिए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देवभूमि के उस महान बेटे को याद कर रहे हैं, जो अब हमारे बीच नहीं है। ऐसे वीर सपूत, लीडर, देशभक्त, इतिहास में कभी-कभी विरले ही होते हैं। वे एक अलग किस्म के योद्धा थे। सीडीएस जनरल बिपिन रावत हमारे देश का गौरव थे। उनका जाना कुछ ऐसा है, जैसे हर किसी ने किसी अपने को खोया है। राज्यपाल ने कहा कि मैंने भी जनरल रावत के रूप में एक साथी को खोया है। एक एनडीए स्क्वैड्रन साथी का जाना, मेरे लिए भी निजी क्षति है। मैंने उनके साथ जम्मू-कश्मीर में ब्रिगेड कमांडर के रूप में काम किया था। उनके साथ मेरे फौजी जीवन की कई यादें जुड़ी हैं। उनसे मेरा गहरा और आत्मिक जु़ड़ाव था। ऐसे कई सौभाग्यशाली क्षण थे जब हमें साथ-साथ कार्य करने का अवसर मिला। मैंने उनसे फोन पर बात कर उत्तराखण्ड के स्थापना दिवस पर उन्हें राजभवन आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि उस दिन विदेश से कोई आर्मी चीफ भारत आ रहे है। लेकिन जनरल बिपिन रावत नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर मधुलिका जी के साथ राजभवन पहुंच गए। उनका उत्तराखण्ड से बड़ा गहरा लगाव था। उनका जीवन और कार्य हम सबके लिये प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण राष्ट्रप्रेम, राष्ट्रभक्ति और देश की सेवा में समर्पित कर दिया। सच कहें तो उत्तराखण्ड और पौड़ी के सपूतों की बात ही अलग है।
    वह देश के पहले सीडीएस थे। यह राष्ट्र का बहुत बड़ा कदम था। आर्म्ड फोर्सेस को जॉइंट और इंटीग्रेटेड किया। उन्होंने सेना के मॉर्डनाइजेशन और ट्रांसफॉरमेशन के लिये काम किया।
    राज्यपाल ने कहा कि आज उत्तराखंड के लोगों ने देश-दुनिया में अपने काम से अलग पहचान बनाई है। 21 साल पूरे कर चुका उत्तराखंड अब एक युवा राज्य है और विकास के रास्ते पर रफ्तार पकड़ने को बेकरार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में केदारनाथ से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। यहां हो रहे विकास कार्यों को देखकर ऐसा नजर भी आता है। राज्य सरकार भी यहां विकास कार्यों को तेजी से आगे बढा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम हो रहा है और आने वाले दिनों में इसके परिणाम भी सामने आएंगे। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है, वीर योद्धाओं की भूमि है। यहां ऐसा कोई घर नहीं है, जिसका किसी सैनिक से रिश्ता न हो।
    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि राज्य के गर्वनर की जिम्मेदारी संभालने के बाद मैंने यही कोशिश की है कि पूर्व सैनिकों से ज्यादा से ज्यादा संवाद कर सकूं। राजभवन देश की सेवा करने वाले सैनिकों के लिए हमेशा खुला है।
    उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटा राज्य है। ऐसे में यहां सीमांत इलाकों में काफी काम करने की जरूरत है। अब तेजी से सीमांत इलाकों में सडकें बन रही हैं। वहां लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंच रही हैं। यह इसलिए भी जरूरी है कि सीमांत इलाकों में रहने वाले लोग हमारे फर्स्ट लाइन डिफेंस होते हैं। वहां से पलायन किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए। कोशिश इस बात की होनी चाहिए कि जो पलायन कर चुके हैं, उन्हें फिर से वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि आज भारत में रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में क्रांति हो रही है। उत्तराखंड के विकास और प्रगति में कनेक्टिविटी की अहम भूमिका है। राज्य में जहां सड़क मार्ग नहीं पहुंचा जा सकता वहां पर रोपवे का विकास किया जा रहा है। उत्तराखंड धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। चारधाम रोड का काम पूरा होने के बाद दुनिया का सबसे बडा आध्यात्मिक केंद्र बन जाएगा।
    इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, एनटीआरओ के चेयरमैन श्री अनिल धस्माना, श्री राजेंद्र सिंह, केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के चेयरमैन श्री प्रसून जोशी उपस्थित थे।

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