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    25-01-2022:राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी है।

    प्रकाशित तिथि: जनवरी 25, 2022

    राजभवन देहरादून, 25 जनवरी, 2022

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी है। राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबा साहब आम्बेडकर सहित सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं संविधान निर्माताओं को नमन किया है। उन्होंने वीर भूमि उत्तराखण्ड के सभी सैनिक परिवारों के प्रति भी सम्मान प्रकट किया है जिनके वीर, पराक्रमी व शौर्यवान सपूतों ने माँ भारती की रक्षा का महान निश्चय किया है।
    गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेशवासियों के नाम जारी अपने संदेश में राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि आज का दिन गहरे आत्ममंथन, सकंल्प और समर्पण का दिन है। हमने जो भी लक्ष्य तय किये उनकों दृढ़ इच्छाशक्ति, अनुशासन और पूर्ण समर्पण से पूरा करने के संकल्प लेने का दिन है। आज का दिन आत्ममूल्यांकन का भी दिन है। हमें देखना होगा कि हमने अपने देश, राज्य और समाज के लिए क्या किया। हमें स्वयं में देश के लिए जिम्मेदारी की भावना विकसित करनी है।
    राज्यपाल ने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड ने विकास और तरक्की का 21 वर्षों का स्वर्णिम मार्ग तय किया है। लेकिन अभी हमें बहुत कुछ करना है। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों और जनता की भावनाओं के अनुसार राज्य को तरक्की की नई ऊँचाईयों पर ले जाना है। हमें सामने खड़ी तरह-तरह की चुनौतियों का मजबूती से सामना करना है।
    राज्यपाल ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी चिन्ता पलायन है। विशेषकर सीमान्त जिलों में पलायन सामरिक दृष्टिकोण से एक चेतावनी है। हमें रिवर्स माइग्रेशन को एक मिशन बनाना होगा। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के दूर-दराज इलाकों में रोड कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं के द्वारा ही माइग्रेशन को रोका जा सकता है। मुझे इस दिशा में उत्तराखण्ड के युवाओं से बहुत सी उम्मीदें हैं। मुझे आशा है कि उत्तराखण्ड की नयी पीढ़ी रिवर्स माइग्रेशन के लिये कार्य करेगी। वे अपने घर-गांवों में ही इनोवेशन, टेक्नॉलॉजी एवं डिजिटल मार्केटिंग, माइक्रो फांइनेसिंग के माध्यम से, स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने का प्रयास करें। युवा उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों एवं हस्तशिल्पों को ब्राण्ड के रूप में ग्लोबल प्लेटफोर्म पर स्थापित करने का प्रयास करें। उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने घर-गांवों, मिट्टी से जुड़ने के जज्बें को कायम रखना होगा।
    राज्यपाल ने कहा कि विकास और तरक्की में, सबकी समान भागीदारी से ही गणतंत्र की मूल भावना को साकार किया जा सकता है। हमें राज्य के विकास में स्थानीय भागीदारी को तय करना है। विशेषकर महिलाओं और युवाओं की भागीदारी अहम है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड मातृ शक्ति की भूमि हैं। राज्य की महिलाएं विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों की महिलाएं महिला सशक्तीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। राज्य में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक ढांचे की रीढ़ हैं। उत्तराखण्ड की परिश्रमी, साहसी व आत्मनिर्भर महिलाएं देश और दुनिया के लिये प्रेरणास्रोत हैं। महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक सशक्तीकरण का नया अध्याय लिख रही है। उनके द्वारा स्थानीय उत्पादों व शिल्पों पर आधारित स्वरोजगार के लिए की जा रहे प्रयास सराहनीय है। राज्य में महिलाओं को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं तथा शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है। महिलाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना होगा। महिलाओं को मजबूत किए बिना कोई देश या समाज तरक्की नहीं कर सकता।
    राज्यपाल ने कहा कि समस्त विश्व गत दो वर्षों से कोरोना महामारी से प्रभावित है। हमने कोविड की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने का प्रयास किया। लेकिन ध्यान रखना होगा की अभी यह स्वास्थ्य संकट समाप्त नही हुआ है। हमें कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना है। साथ ही अन्य लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाने और टीकाकरण के लिए जागरूक करना है। हेल्थ वर्कर्स के अथक प्रयासों एवं सेवा भावना से ही हम अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण करवाने में सफल रहे। राज्य में भी समर्पित हेल्थ वर्कर्स ने बुजुर्गो, दिव्यांगों एवं जरूरतमंद महिलाओं का उनके घरों पर जाकर टीकाकरण किया। मैं हेल्थ वर्कर्स के प्रति हृदय से सम्मान प्रकट करता हूँ।
    राज्यपाल ने कहा कि अब हम सभी को मिलजुल स्थिति को सामान्य करने का प्रयास करना है। हमें दृढ़ निश्चय के साथ सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में संगठित होकर आगे बढ़ना होगा।
    राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के द्वारा ही हम विकास, प्रगति, सुख-समृद्धि और खुशहाली के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हमें उत्तराखण्ड के, दूर-दराज इलाकों और सीमान्त क्षेत्रों में स्कूलों में समर्पित शिक्षक, गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री एवं अच्छी सुविधाएं पहुंचानी होंगी। स्मार्ट क्लासेज, ऑनलाइन शिक्षा और टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दूर दराज के इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा सकता है। हमें ध्यान देना होगा कि अच्छी शिक्षा केवल बड़े शहरों में रहने वाले धनवान एवं सक्षम बच्चों को ही नहीं बल्कि राज्य के दूर दराज इलाकों और सीमाओं पर बसे अन्तिम गांवों के जरूरतमंद बच्चों को भी समान रूप से मिले। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत से सुधारों की जरूरत है। राज्य में विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों की बढ़ती संख्या के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी बल देना जरूरी है। विश्वविद्यालयों में शोध, इनोवेशन, वोकेशनल ट्रेनिंग तथा कौशल आधारित शिक्षा पर फोकस किया जाना चाहिये। विश्वविद्यालयों को आधुनिकीकरण, ट्रांसफोर्मेशन, आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस और डिजिटाइजेशन और नई टेक्नोलॉजी के लिये काम करना है। विश्वविद्यालयों को राज्य की चुनौतियों जैसे रिवर्स माइग्रेशन, महिला सशक्तीकरण, स्वमं सहायता समूहों की मजबूती, किसानों की आमदनी बढ़ाने, गांवों को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय उत्पादों के द्वारा स्वरोजगार जैसे मुद्दों पर भी कार्य करना है।
    राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक कृषि, एरामेटिक प्लान्टस फार्मिंग, बागवानी जड़ी-बूटियों की खेती और फलों के उत्पादन की, अपार संभावनाएं हैं। इन्हें लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों, खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर अधिक से अधिक लाभ, प्राप्त किया जा सकता है। जरूरत है कि अधिक से अधिक स्थानीय लोगों विशेषकर युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। स्थानीय लोगों की आमदनी बढ़ाने और पलायन रोकने के लिए यह सबसे कारगार जरिया हो सकता है।
    राज्यपाल ने कहा कि युवा इस देश और राज्य का वर्तमान, भविष्य और शक्ति है। युवाओं की असाधारण ऊर्जा, रचनात्मक सोच, ईमानदारी, निडरता और मजबूती इस महान देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगी। युवा ही बदलाव की शक्ति है। युवाओं को देश के प्रति अपने जिम्मेदारियों को समझते हुए भारत को विश्व गुरू बनाने के सपने को साकार करना है। युवाओं को सिर्फ अधिकारों की बात न करके पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का भी पालन करना हैं।
    राज्यपाल ने कहा कि युवाओं को धर्म, जाति, भाषा, प्रान्त और अन्य संकीर्ण मानसिकताओं को समाप्त करके राष्ट्र सर्वोपरि के जुनून और जज्बे को कायम रखना है। भ्रष्टाचार और हिंसा को समाप्त करके सामाजिक एकता और, सत्तत विकास में योगदान करना हर भारतीय का पवित्र कर्तव्य है।
    राज्यपाल ने कहा कि “राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेशवासियों को आने वाले 5 वर्षों के लिए एक बार फिर अपनी सरकार चुनने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। मेरी अपील है कि, जाति, धर्म, धन, बल अथवा अन्य किसी, दबाव में आये बिना, राज्य हित में निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर निर्भीक (निडर) होकर संविधान से प्राप्त अपने मताधिकार का प्रयोग करें और लोकतंत्र को मजबूत बनायें। विभिन्न राजनैतिक दलों के सभी उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं तथा प्रशासन से भी अपील है कि वे निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराकर लोकतंत्र के इस महापर्व का सम्मान करें।“

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