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    22-03-2024 : बिहार राज्य स्थापना दिवस और होली मिलन के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

    प्रकाशित तिथि: मार्च 22, 2024

    उपस्थित अतिथिगण,

    आज हम यहाँ एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर पर एकत्रित हुए हैं। बिहार राज्य के स्थापना दिवस के इस शुभ अवसर पर, मैं बिहार की जनता और पूरे भारत में निवास कर रहे समस्त बिहारवासियों को उत्तराखण्ड की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।

    यह कितनी अजब बात है कि ठप्भ्।त् में भारत के पांचों नाम है। भारतवर्ष, इंडिया, हिंदुस्तान, आर्यावर्त, रेवाखंड। बिहार राज्य, उत्तराखण्ड से निकली माँ गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। जिसमें गंगा नदी पश्चिम से पूर्व की तरफ बहती है।

    प्राचीन काल में बिहार मौर्य, गुप्त, पाल विशाल साम्राज्यों, शिक्षा केन्द्रों एवं संस्कृति का गढ़ था। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ।

    बिहार, एक ऐसा राज्य है जिसकी अपनी एक गौरवशाली परंपरा, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास है जो न केवल भारत के लिए बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए एक मिसाल है। चाहे वह बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हो, जैन धर्म का प्रसार हो, या फिर भारतीय गणित और ज्योतिष शास्त्र के विकास में इसका अमूल्य योगदान, बिहार ने सदैव विश्व को एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की है।

    बिहार, भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक ऐसा राज्य है, जिसका इतिहास सदियों पुराना है। यहाँ की धरती ने महावीर और बुद्ध जैसे महान आत्माओं को जन्म दिया, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों ने विश्व को ज्ञान की रोशनी दी। यह भूमि कृषि, शिक्षा, और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान रखती है।

    आज का दिन, हमें उन महान विभूतियों की याद दिलाता है, जिन्होंने बिहार की धरती से उठकर विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, आर्यभट्ट, और चाणक्य जैसे महान विचारकों और विद्वानों ने यहाँ से अपनी ज्ञान-यात्रा आरंभ की। महात्मा गांधी जी ने बिहार के चम्पारण से ही आजादी की लड़ाई में अपना योगदान प्रारम्भ किया था।

    आज के इस विशेष दिन पर, हमें बिहार के उन महान योगदानों को याद करना चाहिए जो इसने राष्ट्रीय आंदोलन, सामाजिक न्याय, और शिक्षा के क्षेत्र में दिए हैं। बिहार, जिसे विश्व के प्राचीनतम गणराज्यों में से एक, वैशाली का घर कहा जाता है, इसने हमेशा लोकतंत्र और समानता के मूल्यों को बढ़ावा दिया है।

    साथियों,

    हम उत्तराखण्ड के लोग भी, बिहार की इस गौरवगाथा से प्रेरित होते हैं। दोनों राज्य अपनी-अपनी विशेषताओं के साथ भारतीय संस्कृति के विविधतापूर्ण और समृद्ध ताने-बाने को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं। मैं इस अवसर पर बिहार के प्रत्येक निवासी को यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि उत्तराखण्ड और बिहार के बीच की मित्रता और सहयोग की भावना सदैव मजबूत होती रहेगी।

    हमारी सांस्कृतिक समानताएँ, हमारे लोगों के बीच के संबंध, और हमारी आपसी सहायता की परंपरा इस संबंध को मजबूत करती है। हम साथ मिलकर विकास के नए आयामों को छूने का प्रयास करेंगे, सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति के नए मानदंड स्थापित करेंगे, और एक समृद्ध भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे। बिहार ना सिर्फ अपनी प्रगति के माध्यम से, बल्कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के माध्यम से भी हमेशा हम सबको प्रेरित करता रहेगा।

    आज का दिन हमें उन चुनौतियों की भी याद दिलाता है जिनका सामना करते हुए बिहार ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो, सामाजिक चुनौतियाँ हों या आर्थिक समस्याएँ, बिहार के लोगों ने हमेशा एकजुटता और साहस के साथ इनका सामना किया है।

    बिहार भारत के उन राज्यों में से एक है जो अपने लजीज व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। बिहारी व्यंजन साधारण लेकिन स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होते हैं, और इसमें उपयोग किए जाने वाले मसाले और सामग्री इसे एक अनूठा स्वाद प्रदान करते हैं। लिट्टी चोखा, सत्तू, दही चूड़ा और मखाने की खीर इनमें प्रमुख स्थान रखते हैं, बिहार राज्य मखाने के प्रमुख उत्पादकों में से एक भी है।

    साथ ही, बिहार का एक प्रमुख लोकपर्व ‘छठ’ पूजा, आज पूरे देश में सभी के द्वारा हर्षाेउल्लास के साथ मनाया जाता है। ये बिहार वासियों का कौशल ही है, कि उन्होंने अपने लोकपर्व को पूरे देश का पर्व बना दिया है। और ये इसलिए सम्भव हो पाया है क्योंकि बिहार के विभिन्न निवासी अपने कौशल से देश और विदेश के विभिन्न स्थानों पर उस राज्य, उस क्षेत्र की प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। सूर्य की उपासना के इस पर्व का आज सभी के जीवन में विशेष स्थान है।

    साथियों,

    अक्सर कहा जाता है कि ‘एक बिहारी, सब पर भारी’, देश और विदेश के विभिन्न स्थानों में जाकर बिहार वासियों ने अपना परचम लहराया है। आज इस अवसर पर मैं पुनः आप सब को बधाई और शुभकनाएँ प्रेषित करता हूँ। आइए, हम सभी मिलकर बिहार के उज्ज्वल भविष्य की कामना करें, और इसे समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लें।

    आप सभी को पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

    आप सभी अतिथियों और सभी प्रदेशवासियों को रंगों के त्योहार होली की बहुत-बहुत बधाई। आप सभी के जीवन में आनंद एवं उमंग की कामना करता हूँ। होली का त्योहार आपके दिल को खुशियों और आपके जीवन को सफलता से भर दे।

    पूरे देश में होली की धूम नजर आ रही है। रंगों का उत्सव होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है। होली आपसी प्रेम, सद्भावना एवं भाईचारे का त्योहार है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

    हमारे पर्व हमें मिलजुल कर, समाज को समृद्ध बनाने तथा राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने को प्रेरित करते हैं। हमें संघर्षों से जूझने और सामूहिकता के बल पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राचीन पर्वों-त्योहारों और समृद्धशाली संस्कृति से मिलती है।

    परमात्मा की कृपा भक्त प्रह्लाद की तरह धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने वाले भक्त को ही मिलती है। जो राष्ट्र की भक्ति करते हैं, समाज का हित सोचते हैं और लोक कल्याणकारी कार्य करते हैं परमात्मा की कृपा उसी पर होती है।

    हमारे पर्व-त्योहार आपस में मिलजुल कर समाज की समृद्धि और राष्ट्र की प्रगति के लिए कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।

    एक बार पुनः आप सभी को पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
    जय हिन्द!