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    21-09-2024 : 33वीं वुशु सीनियर नेशनल चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन।

    प्रकाशित तिथि: सितम्बर 21, 2024

    जय हिन्द!

    आज 33वीं सीनियर नेशनल चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पर मुझे अपार हर्ष और गर्व की अनुभूति हो रही है। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मैं उस खेल का उद्घाटन कर रहा हूँ, जिसका जन्म भारत में हुआ और बौद्ध धर्म के प्रचार के साथ जिसने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।

    आज का यह समारोह बहुत खास है क्योंकि यहां पर भारत के विभिन्न राज्यों के खिलाड़ी और मिलिट्री व पैरा-मिलिट्री सेवाओं के खिलाड़ी मौजूद हैं। आशा है कि आप सभी आगामी उत्तराखण्ड में आयोजित 38वीं नेशनल गेम्स में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए पूरे जोश और जुनून के साथ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।

    हम जानते हैं कि यह खेल न केवल आत्मरक्षा के लिए, लड़कियों के लिए एक प्रभावी माध्यम है, बल्कि यह खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उत्कृष्टता भी सिद्ध कर चुका है। हमारे भारतीय खिलाड़ियों ने इस खेल में एशियाई खेलों सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर सौ से अधिक पदक अर्जित किए हैं, जो हमारी महान खेल परंपरा और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।

    वुशु खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव करते हुए, मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन किया है बल्कि देश का गौरव भी बढ़ाया है। हमारे वुशु खिलाड़ियों ने अब तक 6 अर्जुन पुरस्कार और एक द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त कर देश का नाम रोशन किया है।

    हमें गर्व है कि हाल ही में संपन्न हुई एशियन वुशु चैंपियनशिप में हमारे खिलाड़ियों ने 1 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य पदक जीतकर अपनी उत्कृष्टता को साबित किया है। यह इस बात का प्रमाण है कि हमारे खिलाड़ी इस युद्धक खेल में कितनी कुशलता रखते हैं और अपनी कड़ी मेहनत से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं।

    इस आयोजन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह आगामी उत्तराखण्ड नेशनल गेम्स से पहले हो रहा है, जो निश्चित रूप से हमारे खिलाड़ियों के भीतर नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार करेगा। इसके लिए मैं उत्तराखण्ड सरकार और वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया को हृदय से साधुवाद देता हूँ।

    युवा साथियों,

    खेल में कभी हार नहीं होती, इसमें आप या तो जीतते हैं या सीखते हैं। मैं न केवल सभी खिलाड़ियों को बल्कि इस स्तर तक पहुंचाने में योगदान देने वाले, यहां मौजूद आपके खेल प्रशिक्षकों और परिवार के सदस्यों को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।

    मेरा मानना है कि खेल की सुंदरता न केवल जीतने की आदत विकसित करने में है, बल्कि आत्म-सुधार की निरंतर खोज करने में भी है। खेल हमें सिखाते हैं कि उत्कृष्टता की कोई सीमा नहीं है और हमें निरंतर अपनी पूरी ताकत से प्रयास करते रहना चाहिए।

    मैं मानता हूँ कि खेल की सबसे बड़ी ताकत युवाओं को विभिन्न बुराइयों से दूर ले जाने की क्षमता है। खेल लचीलापन पैदा करते हैं, साथ ही साथ एकाग्रता बढ़ाते हैं और हमारा ध्यान केंद्रित रखते हैं। इसलिए, खेल व्यक्तिगत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आशा है कि सभी खिलाड़ी इस आयोजन में खेल भावना का परिचय देंगे।

    हमारे लिए बहुत ही प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि प्रदेश को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना उत्तराखण्ड के लिए खेलों के क्षेत्र मंे बेहतर अवसर है। सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।

    यह अच्छी बात है कि प्रदेश सरकार खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरियों में प्रमोशन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री खेल विकास निधि आदि अनेक योजनाओं से प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।

    प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए जो नई नीति बनाई है वो निश्चित रूप से सराहनीय है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमें इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उत्तराखण्ड खेलों के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगा और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाएगा।

    माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का खेलों के प्रति एक अलग ही संवेदनशील नजरिया है जिसके तहत भारतीय खेल प्राधिकरण और वुशु एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया अस्मिता वीमेन लीग का आयोजन पूरे भारत में कर रही है।

    महिला सशक्तीकरण के इस अनुठे प्रयास ने पूरे भारत में महिला खिलाड़ियों को इस खेल के प्रति आशक्त बनाया है। इसमें दिए जा रहे पुरस्कार की राशि ने उन्हें काफ़ी हद तक आर्थिक सहयोग भी दिया है।

    मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे वुशु खिलाड़ी आने वाले समय में और भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे और देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतेंगे।

    अंत में, मैं इस आयोजन में प्रतिभाग कर रहे सभी खिलाड़ियों और कोच, तकनीकी अधिकारियों, उत्तराखण्ड सरकार और वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों खास कर भूपेन्द्र सिंह बाजवा और जीतेन्द्र सिंह बाजवा और उनकी पूरी टीम को इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।

    जय हिन्द!