21-09-2024 : कोर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन
जय हिन्द!
कोर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के इस अवसर पर आप सभी के मध्य, विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने वाली भारत की युवा शक्ति के बीच पहुँचकर मुझे अपार प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। आप सभी युवाओं को मेरी ओर से हार्दिक बधाई और स्वर्णिम भविष्य के लिए असीम शुभकामनाएं।
आज के दीक्षांत समारोह में उपाधि और पदक पाने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देता हूँ। आपकी इस सफलता में आपकी मेहनत और लगन के साथ-साथ आप लोगों के माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों का सहयोग और मार्गदर्शन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। मैं उनकी भी हृदय से सराहना करता हूँ।
यह खुशी की बात है कि कोर विश्वविद्यालय की विविध पृष्ठभूमि, युवाओं के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हुए सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह विश्वविद्यालय भविष्य में भी अपनी शानदार यात्रा जारी रखेगा और शिक्षा से परे भी सकारात्मक आयामों में परिवर्तन का मार्ग दिखाकर अहम दायित्व निभाता रहेगा।
मेरे प्यारे छात्र-छात्राओं,
जब आप इस परिसर से बाहर दुनिया में कदम रखने की तैयारी कर रहे है तो आप सभी यह याद रखें कि आपकी शिक्षा ने आपको समाज में सार्थक योगदान देने के लिए कौशल और ज्ञान से सुसज्जित किया है जो आपके भविष्य के सभी प्रयासों में आपका मार्गदर्शन एवं आपकी मदद करेगी।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में उस समय मुझे इस बात की बेहद खुशी होती है जब मैं देखता हूँ कि हर बार पदक और उपाधि प्राप्त करने वालों में हमारी बेटियां ही अधिक होती हैं। पदक विजेताओं में बेटियों का यह अनुपात इस बात का प्रमाण है कि अगर उन्हें समान अवसर दिए जाएं तो वे अपेक्षाकृत अधिक उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। मैं आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को विशेष बधाई देता हूँ।
रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी न केवल देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारी बेटियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी आवश्यक है। यह प्रसन्नता का विषय है कि हाल के वर्षों में देशभर में ैज्म्ड में लड़कियों के नामांकन में लगातार वृद्धि हो रही है।
साथियों,
आज पूरी दुनिया का यह मानना है कि यह सदी भारत की सदी होने जा रही है। इसका श्रेय भारत की युवा आबादी को जाता है। आज जब दुनिया के कई देशों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है उसी समय भारत हर दिन के साथ युवा होता जा रहा है। जो कि भारत के लिए बहुत फायदेमंद होने वाला है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास ने जमीनी स्तर पर युवाओं को मजबूत किया है। इस योजना के तहत अब तक 1.5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। आज पूरी दुनिया कुशल युवाओं के लिए भारत की तरफ देख रही है। यानि कि हमारे युवाओं के लिए देश के भीतर भी और देश के बाहर विदेशों में भी अवसरों की भरमार होने वाली है।
नया भारत आज तेज गति से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर हैं। हमने यू.के. को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं।
दुनिया के शीर्ष दस कन्वेंशन सेंटर में से दो कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम और यशोभूमि आज भारत में मौजूद हैं उन्हें देखकर भारत की बदलती तस्वीर का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नया भारत मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, सेवाओं, रक्षा और विनिर्माण क्षेत्र में नए रिकॉर्ड बना रहा है, इसके साथ ही अंतरिक्ष, स्टार्टअप, ड्रोन, एनीमेशन, इलेक्ट्रिक वाहनों, सेमिकन्डक्टर आदि जैसे कई क्षेत्रों में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में नए अवसर भी पैदा कर रहा है।
आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। हमारे यहां जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है वह अमेरिका, यू.के, फ्रांस और जर्मनी के ट्रांजेक्शन से चार गुना से भी अधिक है। भारत की प्रतिभा का कोई मुकाबला ही नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को सहज ही ग्रहण करते हैं, भारत का प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन अमेरिका और चीन के प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन से भी अधिक है।
भारत वह पहला देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को उतार कर इतिहास रच दिया है। अब वहां शिव शक्ति पॉइंट भी है और तिरंगा पॉइंट भी है, आज हमारा इसरो अमेरिका, यू.के, सिंगापुर और कई विकसित देशों के सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज रहा है।
साथियों,
चौथी औद्योगिक क्रांति के इस दौर में चुनौतियों के साथ नए-नए अवसर भी आ रहे हैं। इन अवसरों का लाभ उठा कर भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने में हमारे तकनीकी संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाली है।
आज तेज गति से बदल रही दुनिया को देखते हुए हमें भी लीक से हटकर सोचना होगा। आपके पास सीखने के लिए तकनीकी है कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी है जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, के बारे में आप सभी जानते हैं, हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में तो हम काफी आगे जा चुके हैं।
आज स्नातक होने वाले विद्यार्थी भले ही इस संस्थान से चले जाएंगे, लेकिन यहां से उनका जुड़ाव सदा बना रहेगा, ऐसा मुझे विश्वास है। कोर को पुरातन विद्यार्थियों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करना चाहिए और उनके अनुभवों एवं संसाधनों से लाभ उठाना चाहिए।
प्यारे विद्यार्थियों,
आप अब अपने जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। आपके समक्ष नई-नई चुनौतियां और अवसर होंगे। मुझे विश्वास है कि इस संस्थान में प्राप्त ज्ञान और कौशल के बल पर आप उन चुनौतियों का सामना करने और उभरते अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।
‘‘योगः कर्मसु कौशलम’’। इसका मतलब है कर्म की कुशलता ही योग है। भगवद गीता का यह उपदेश आपको प्रेरित करता है कि आप जो भी कार्य करें पूरी दक्षता और निष्ठा से करें। मेरा मानना है कि आपकी महत्वकांक्षाएं राष्ट्र की अपेक्षाओं के अनुरूप होनी चाहिए। आपके कर्मयोगी भाव से समाज और राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए।
भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है, हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। हमें अपने राष्ट्र हित को सर्वाेपरि रखना चाहिए। आप नेशन फर्स्ट की भावना से कार्य करेंगे, मेरी आप से अपेक्षा है।
प्यारे विद्यार्थियों,
हम सभी ने मिलकर भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। राष्ट्रीय विकास को नेतृत्व प्रदान करना आपका कर्तव्य है। आपको अपने देश को आगे बढ़ाना है। आप अपनी विद्या, ज्ञान और दृढ़ संकल्प के बल पर व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ देश के भविष्य को स्वरूप प्रदान करने के लिए आगे बढ़ें। एक बार फिर से मैं आपको हार्दिक शुभकामनाएं और आशीर्वाद देता हूँ।
जय हिन्द!