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    19-11-2024 : श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, के पंचम दीक्षान्त समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    प्रकाशित तिथि: नवम्बर 19, 2024

    जय हिन्द!

    श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस पंचम दीक्षान्त समारोह में उपस्थित विद्वतजन एवं प्यारे विद्यार्थियो! इस पुनीत अवसर पर आपके बीच आकर मुझे अपार हर्ष और गर्व की अनुभूति हो रही है।

    इस सत्र के स्वर्ण पदक विजेताओं तथा उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं असीम शुभकामनाएँ।

    प्यारे बच्चों! आपको एक बात हमेशा ही याद रखनी चाहिए कि अध्यापकों एवं माता-पिता के निर्देशन, सहयोग, त्याग और श्रम के सम्मिलित प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही आपकी यह सफलता आज हमारे सामने है। मैं इस अवसर पर विद्यार्थियों की इस सफलता में अमूल्य योगदान के लिए उनके माता-पिता, अभिभावक, और सभी अध्यापकों को भी बधाई देता हूँ।

    साथियों,
    हिमालय भारत का मस्तक है। इसकी गोद में बसा देवभूमि उत्तराखण्ड, भारत की सभ्यता और संस्कृति की अविरल यात्रा का न केवल साक्षी रहा है अपितु यह, इसकी सृजन और संश्लेषण की भूमि भी रही है। यह हमारी महान राष्ट्रीय-ज्ञान-परंपरा की आधार शिला रखने वाले ऋषियों-महर्षियों की तप भूमि है।

    देवभूमि उत्तराखण्ड हमारे पवित्र तीर्थों, चार धामों और हेमकुंड साहिब की पावन भूमि भी है। भारतीय सांस्कृतिक परंपरा की विविधता को एक सूत्र में बांधने वाली सादगी, सरलता, शांति और सहिष्णुता के साथ ही, देश हित में सर्वस्व-समर्पण की भावना यहाँ के कण-कण में विद्यमान है।

    इस पुण्य भूमि में स्थित यह विश्वविद्यालय ‘श्री देव सुमन’ जैसे महापुरुष के नाम से जुड़ा है, जिन्होंने अत्यन्त अल्प जीवन-काल, मात्र 28 वर्ष की अवस्था में जन-सेवा के लिए अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते हुए सर्वाेच्च बलिदान का वह दीप जलाया जो आज भी हमें न केवल गौरवान्वित करता है, बल्कि जीने की राह को भी प्रकाशमय करता है। इस अवसर पर मैं उनके पुण्य चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।

    साथियों,
    मुझे इस विषय को लेकर प्रसन्नता है कि इस विश्वविद्यालय ने अल्प काल-खण्ड में, अकादमिक क्षेत्र तथा अन्य पाठ्य सहचर्या क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। छात्र संख्या और संबद्ध शिक्षण संस्थाओं की संख्या की दृष्टि से भी यह विश्वविद्यालय राज्य का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।

    मुझे बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत 217 संस्थान संबद्ध हैं जिनमें एक लाख से भी अधिक छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत है। इस विश्वविद्यालय द्वारा शोध और नवाचार की दिशा में उठाए जा रहे कदम उत्तराखण्ड और देश के हित में निश्चित रूप से लाभकारी होंगे ऐसा मेरा विश्वास है।

    प्यारे विद्यार्थियों!
    मेरी सोच, विचार और धारणा है कि राष्ट्र की प्रगति के लिए युवा वर्ग का सचेत और सचेष्ट होना अनिवार्य है। कल का भारत, आप युवा वर्ग का ही तो है। आप ही उसके निर्माता और आप ही उसके लाभार्थी भी हैं। इसलिए आपको अपनी योग्यता और क्षमता का उपयोग ‘राष्ट्र प्रथम’ और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना से करना है।

    मुझे विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय में ज्ञानार्जन करते हुए आपने जो योग्यता और अर्हता हासिल की है उसका उपयोग और प्रयोग आप राष्ट्र के सामने खड़ी चुनौतियों के निदान ढूंढने और समाज के वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए करेंगे।

    हमारी नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली पर दीर्घकाल तक सकारात्मक प्रभाव डालने में सफल होगी, ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है। इस नीति पर चलकर हम भारत को अमृतकाल के आगामी वर्षों में सम-सामयिक तकनीक की दृष्टि से कुशल तथा राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत जनशक्ति का वैश्विक केन्द्र बनाएंगे, जिसके बल पर हम 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को अवश्य ही पूरा करेंगे।

    साथियों,
    मेरा मानना है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हमारे जीवन का एक मात्र संकल्प होना चाहिए, किन्तु, संकल्प मात्र से लक्ष्य की सिद्धि नहीं हो जाती। इसके लिए निरंतर कठोर प्रयत्न करने होते हैं। इसलिए हमारी युवा शक्ति को सही दिशा में समेकित, संगठित और सतत प्रयत्न करने होगें।

    हमारी युवा पीढ़ी को आज की वैश्विक व्यवस्था में अपनी अद्वितीय योग्यता को प्रमाणित करना होगा, तभी हम ‘आत्म निर्भर भारत, विश्व गुरु भारत और विकसित भारत’ के उस स्वप्न को साकार कर पाएंगे, जो हम सब एक सौ चालीस करोड़ माँ भारती की संतानों की सामूहिक कामना है।

    प्यारे बच्चों,
    आज हमारी पूरी दुनिया का जीवन प्रत्येक क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों पर निर्भर हो चुका है, और हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गयी है। इसलिए इन क्षेत्रों की ताजातरीन जानकारी रखना और इन क्षेत्रों से संबंधित कौशल का विकास आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। मेरा दावा है कि यदि हम समय के साथ-साथ नई तकनीक से अपडेट होते रहेंगे तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

    साथियों,
    देश के युवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए इस नए भारत में, स्किल इंडिया जैसे मिशन के जरिए, उनके स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जा रहा है। आज सैकड़ों कौशल विकास केंद्रों में युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। हमारे युवाओं को अनुभव और अवसरों के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की टॉप 500 कंपनीज में पेड इंटर्नशिप का प्रावधान किया गया है।

    हर इंटर्न को एक साल तक 5 हजार रुपए प्रति माह दिया जाएगा। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर मिले। इससे युवाओं को अलग-अलग सेक्टर्स में रियल टाइम बिजनेस एनवायरमेंट से जुड़ने का मौका मिलेगा। उनका ये अनुभव उनके करियर के लिए बहुत लाभकारी होगा।

    आप सभी को मालूम ही है कि इस वर्ष 9 नवम्बर, 2024 को राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हमसे और यहां आने वाले पर्यटकों से 9 आग्रह किए हैं।

    उत्तराखण्ड के लोगों से किए पांच आग्रह- अपनी बोलियों का संरक्षण करें, प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण करें, प्रत्येक माँ के नाम का पेड़ लगाए, अपने गांव में लगातार जाएं उनकी जड़ों से जुड़े, अपने गांव के पुराने घरों को होमस्टे बनाएं।

    यहां आने वाले यात्रियों, श्रद्धालुओं से चार आग्रह- पहाड़ों पर घूमने आते वक्त स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें, वोकल फॉर लोकल पर कम से कम 5 प्रतिशत खर्च जरूर करें, पहाड़ पर ट्रैफिक नियमों का ख्याल रखें, धार्मिक स्थलों पर रीति-रिवाज और मर्यादा का विशेष ख्याल रखें।

    आप देखें तो प्रधानमंत्री जी के 9 आग्रहों में उत्तराखण्ड के कल्याण की भावना कितनी गहराई से समाहित है। मेरी भी आप सभी से विनम्र अपील है कि उनके इन सभी आग्रहों को साकार करने का संकल्प लेकर हम अपने प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाने में अहम योगदान दें।

    साथियों,
    आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है, जिसके पास दृष्टि भी है, दिशा भी है, इसके साथ ही दृढ़ता भी है। ऐसा भारत, जो सशक्त भी है, ऐसा भारत, जो समावेशी भी है, और विकसित होने की राह पर भी है।

    नया भारत जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है। जब दुनिया में एक देश की दूसरे देश से दूरी बढ़ रही है, तब दुनिया के देश, भारत से निकटता बढ़ा रहे हैं। ये सामान्य बात नहीं है, ये नया इतिहास रचा जा रहा है। यह सब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो रहा है।

    प्यारे बच्चों,
    मैं आशा करता हूँ कि आप आजीविका और व्यवसाय के जिस किसी क्षेत्र से जुड़ें उसमें अपनी और अपने परिवार की तरक्की के साथ-साथ राष्ट्र और राज्य के विकास को हमेशा न केवल याद रखें बल्कि उसमें सतत योगदान देते रहेंगे।

    मुझे विश्वास है कि आप जैसे सामथ्र्य से भरे युवाओं के पुरूषार्थ से ही 2047 में देश विकसित भारत बनने वाला है। इस समय जब देश विकसित भारत बन चुका होगा, तब आप गर्व से कहेंगे कि विकसित भारत के निर्माण में हमारी मेहनत और पसीने का भी योगदान है।

    इस भव्य दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए मैं, विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। मुझे विश्वास है कि आपके प्रयत्नों से श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर निरंतर बढ़तेहुए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल होगा।

    अंत में आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। मेरा विश्वास है कि आपके संकल्प, साधना, परिश्रम और त्याग के बल पर राष्ट्र का गौरव निरंतर पुष्पित और पल्लवित होता रहेगा।

    इन्हीं शुभकामनाओं के साथ,
    जय हिन्द!