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    18-02-2024:स्वामी विवेकानन्द स्वास्थ्य मिशन सोसायटी के 11वें वार्षिकोत्सव एवं अभिनंदन समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल का सम्बोधन।

    प्रकाशित तिथि: फ़रवरी 18, 2024

    स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी के 11 वें वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    (दिनांकः18 फरवरी, 2024)

    जय हिन्द,

    स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी के 11वें वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह के अवसर पर सम्मानित मंच, प्रेरणास्रोत स्वयंसेवी डाक्टर्स, उपस्थित सज्जनों।

    मुझे अत्यंत प्रसन्नता और गर्व का अनुभव हो रहा है कि हम सभी, आज यहां मानवता और करुणा के महान दूतों का अभिनंदन और सम्मान करने के लिए एकत्रित हुए हैं। ये वो विभूतियां हैं, जिनको न तो धन की लालसा है और ना ही प्रसिद्धि पाने की। इनका तो एकमात्र उद्देश्य है मानवता की सेवा करना। मैं पुनीत कार्य में लगे ऐसे स्वयं सेवकों को हृदय से नमन करता हूं।

    साथियों,

    मुझे मालूम है कि स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी का लक्ष्य, ‘‘नर सेवा नारायण सेवा’’ के मूल मंत्र पर आधारित है। यह मिशन, युवा डॉक्टरों और परोपकारी व्यक्तियों के द्वारा, महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा से संचालित है, जिन्होंने भारतीय अध्यात्म और संस्कृति को वैश्विक पटल पर स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।

    मैं आज के इस पावन दिवस पर उन्हें शत्-शत् नमन करता हूं। ऊर्जा और स्फूर्ति से परिपूर्ण उनके विचार और संदेश युग-युगांतर तक हम सभी को कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

    साथियों,

    सच्ची और निःस्वार्थ सेवाएं प्रदान करने वाले डॉक्टरों और चिकित्सकों के सम्मान समारोह में भाग लेना, मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है। ऐसे डॉक्टर और चिकित्सक, वास्तव में समाज के असली नायक हैं। इनकी सेवा और समर्पण को सम्मानित करना न केवल इनके प्रयासों की प्रशंसा है बल्कि हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।

    मुझे मालूम है कि यह संस्था देहरादून से 40 किलोमीटर दूर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के संगम पर धर्मावाला गांव में दो कमरे से धर्मार्थ औषधालय के रूप में शुरू हुई थी। मिशन का नेक उद्देश्य वंचित, ग्रामीण, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में निवास करने वाले उपेक्षित समुदायों और तीर्थ यात्रियों की सेवा करना है।
    इन क्षेत्रों के लोगों को चिकित्सा, शिक्षा और अन्य सामाजिक सहायता मुहैया करना है। वास्तव में यह कार्य ‘‘नर सेवा नारायण सेवा’’ के मंत्र को आत्मसात करता है।

    साथियों,

    मुझे लगता है कि समाज के आखिरी छोर के व्यक्ति के लिए, समाज के दबे कुचले व्यक्ति के लिए, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित लोगों के लिए हम अपना जीवन खपाएं, उनकी सेवा के लिए जो भी संभव हो, उसके लिए हम सभी भरसक प्रयास करें। यह तय है कि इन्हीं के उत्थान से राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है।

    मुझे मालूम हुआ है कि सोसायटी ने जन-कल्याण के लिए, पूरी तरह निःशुल्क और आधुनिक सुविधाओं जैसे प्ब्न् से लैस अस्पतालों की स्थापना की है। सोसायटी ने 11 मई, 2019 में अपना पहला अस्पताल बद्रीनाथ धाम में और 2 सितंबर 2021 को दूसरा अस्पताल गंगोत्री धाम में स्थापित किया।

    इन अस्पतालों में 24 घंटे व्च्क्ए प्च्क्ए वेंटिलेटर सुविधा, प्ब्न्ए माइनर 1 जैसी आधुनिक और पूर्ण रूप से सुसज्जित प्रयोगशाला, डिजिटल एक्स-रे, और इको-लेस एम्बुलेंस की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। जोकि सराहनीय कार्य है।

    साथियों,

    मैं बताना चाहता हूं कि जब मैं अक्टूबर, 2022 में बद्रीनाथ धाम अस्पताल गया, तो मुझे स्वयं इस संस्था के उत्कृष्ट कार्यों को अनुभव करने का मौका मिला। निःसंदेह समिति के प्रयासों ने निःस्वार्थ सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की एक नई परिभाषा गढ़ी है। यहां दी जा रही सुविधाएं न केवल प्रशंसनीय हैं बल्कि समर्पित डॉक्टर और कर्मचारियों द्वारा बड़ी निष्ठा से संचालित भी की जा रही हैं।

    साथियों,

    “अंत्योदय” अर्थात समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उदय। दीन दयाल उपाध्याय जी ने हमें अंत्योदय का मार्ग दिखाया था। 21वीं सदी का नया भारत भी, इसी विचार से प्रेरणा लेते हुए विकास से अछूते व्यक्ति को विकास के पहले पायदान पर लाने के लिए पूरे मनोयोग से काम कर रहा है।

    आप सभी स्वयंसेवी भी इसी तरह समाज के लाभ के लिए, समाज की प्रगति के लिए, अपना समय, अपनी ऊर्जा, और अपने संसाधन समर्पित कर रहे हैं। आपका यह मिशन समाज में सुधार, समाज के उत्थान और विकसित भारत के लक्ष्य में अहम योगदान दे रहा है। इसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है।

    साथियों,

    मुझे खुशी है कि अप्रैल, 2023 में, समिति द्वारा संचालित ’चार धाम साथी’ ऐप के लॉन्च के अवसर पर मैं स्वयं उपस्थित था। यह ऐप तीर्थ यात्रियों के लिए वरदान साबित हुआ है, जिसमें सोसायटी के अस्पतालों, आपातकालीन संसाधनों और यात्रा से संबंधित तैयारी की सारी जानकारी सिर्फ एक क्लिक पर उपलब्ध है। आज मुझे इसके न्यू वर्जन को लाँच करने का सौभाग्य मिला है। अब इस ऐप के माध्यम से, अस्पताल में रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा सकता है जो बड़ा आसान है और अब हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है।

    साथियों,

    स्वामी विवेकानंद मिशन सोसाइटी और उसके द्वारा संचालित अस्पतालों की टीम द्वारा किए जा रहे कार्य, इस बात का प्रमाण हैं कि निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा में अपार शक्ति होती है। इस सोसायटी के प्रयास समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए एक सीख है कि कैसे हम सभी मिलकर एक बेहतर और सहायक समाज का निर्माण कर सकते हैं।

    मैं इस अवसर पर, स्वामी विवेकानंद मिशन सोसाइटी और इसके सभी सदस्यों को उनके अथक प्रयासों, समर्पण और सेवा के लिए दिल से धन्यवाद देता हूँ। आखिर कैसे एक व्यक्ति या एक संस्था समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकती है, आपके कार्य इसके उदाहरण हैं।

    साथियों,

    मेरा मानना है कि निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा ही सच्ची सेवा है और यही वास्तविक मानवता भी है। स्वामी विवेकानंद मिशन सोसाइटी की सफलता और उनके निःस्वार्थ कार्यों को देखते हुए, मैं इस संस्था और इसके सदस्यों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। निःसंदेह आपका कार्य न केवल आज की पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल होगी।

    साथियों,

    हमारे देश ने नए संकल्पों के साथ ’अमृत काल’ में प्रवेश किया है तथा हम सब भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आइए, हम सभी अपने मूल-कर्तव्य को निभाने का संकल्प लें तथा व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर आगे बढ़ने का सतत प्रयास करें ताकि हमारा देश निरंतर उन्नति करते हुए वैभव तथा उपलब्धियों की नई ऊँचाइयां हासिल करे।

    अंत में, मैं इस सोसायटी और इससे जुड़े हुए सभी परोपकारी व्यक्तियों को उनके अथक परिश्रम और समर्पण के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूं। आपकी सेवा, आपका समर्पण, और आपकी निःस्वार्थता हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।

    जय हिंद!