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    16-05-2024 : “सिक्किम राज्य स्थापना दिवस” के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

    प्रकाशित तिथि: मई 16, 2024

    जय हिन्द!

    आप सभी का उत्तराखंड राजभवन में हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत खुशी की अनुभूति हो रही है। सबसे पहले मैं आप सभी को “सिक्किम राज्य स्थापना दिवस” की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।

    राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हम एक राज्य के रुप में अपनी उपलब्धियों और सामूहिक रुप से किए गए प्रयासों का जश्न मनाते हैं।

    मैंने सिक्किम में भी अपनी सैन्य सेवाएं दी हैं। मुझे व्यक्तिगत रूप सिक्किम बहुत सुन्दर लगता है।

    16 मई को सिक्किम भारत का 22 वां राज्य बना। आप वास्तव में भाग्यशाली हैं कि आप सिक्किम राज्य से हैं, जिसे देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक माना जाता है।

    कंचनजंघा के सुन्दर पहाड़ों की तलहटी में बसे होने के साथ-साथ सिक्किम की सुन्दरता वहां के लोगों के व्यवहार में दिखती है।

    यह बहुत ही सराहनीय है कि सिक्किम देश का पहला पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक खेती करने वाला राज्य है और पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

    मैं सिक्किम राज्य को त्रिशक्ति के रुप में देखता हूँ, अर्थात आकांक्षा, पुनः जागृति और विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला राज्य। यह दृढ़ संकल्प और समर्पण ही सिक्किम राज्य की सफलता की कुंजी है।

    चाहे वह सिक्किम की प्रकृति के लिए प्रतिबद्धता हो, अतिथि सत्कार हो, प्रतिबद्ध कार्यबल हों, या रचनात्मक उद्यमी हों, सिक्किम ने हर क्षेत्र में एक मिशाल कायम की है।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सिक्किम के बहुत सारे युवा छात्र-छात्राएं उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आप पूरे मनोयोग से अपनी पढ़ाई का आनंद ले रहे होंगे।

    भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत सभी राजभवनों में देश के विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस मनाए जा रहे हंै।

    इस प्रकार के आयोजन राज्यों की परंपरा, संगीत, व्यंजनों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं। साथ ही हम सब को एक परिवार के रूप में जोड़ने के लिए सहायता प्रदान करते हैं।

    अपनी स्थापना के बाद से, सिक्किम ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है और राष्ट्र की प्रगति और विकास में भरपूर योगदान दिया है।

    दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन फुटप्रिंट की बात कर रही है। लेकिन सिक्किम सबसे कम कार्बन फुटप्रिंट वाला सबसे हरित राज्य है। सिक्किम ने इस मामले में सभी राज्यों के लिये आदर्श स्थापित किया है।

    मंै आप सभी को उत्तराखंड में सिक्किम के एम्बेसडर के रूप मे देखता हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि जब भी आप उत्तराखंड से वापस जाओगे, या उत्तराखंड में रहना पसंद करोगे, तो भी आप उत्तराखंड के सद्भावना दूत बने रहेंगे।

    सिक्किम नाम हमें राष्ट्रीय पटल पर दो महान विभूतियों की याद दिलाता है, फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया और फिल्म स्टार डैनी डेन्जोंगपा।

    भारत विविध संस्कृतियों और परंपराओं वाला एक महान राष्ट्र है और हमारे देश की सबसे खूबसूरत विशेषता इन सभी विविधताओं में एकता है। यह समृद्ध, संस्कृतियों और जीवन के तरीकों का मोज़ेक (उवेंपब) है।

    पूर्वाेत्तर राज्य, देश में सबसे अधिक जनजातीय और भाषाई रूप से विविधता से सजे क्षेत्रों में से एक है। भारत के पूर्वाेत्तर के राज्यों की अपनी विविध संस्कृतियाँ और परंपराएँ हैं।

    सिक्किम हमें ऊंचे और बर्फ से ढके पहाड़ों की याद दिलाता है जो हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मुझे लगता है कि अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है, तो वह सिक्किम में ही है।

    ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा के तहत इस तरह के समारोह हमें एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने का अवसर देते हैं और राष्ट्र का बेहतर रुप से भावनात्मक एकीकरण करने में सहयोग देते हैं।

    आप अपने परिवार एवं अपने मित्रों को उत्तराखण्ड घुमाने जरूर बुलाएं। आपने अपनी उच्च शिक्षा की प्राप्ति करने के लिए उत्तराखण्ड को चुनने पर सभी को बधाई भी देता हूँ।

    एक बार पुनः सिक्किम राज्य स्थापना के अवसर पर, मैं आप सभी को पूरे उत्तराखंड प्रदेश की ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ और मुझे उम्मीद है कि सिक्किम राज्य समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचकर राष्ट्र के विकास में योगदान देता रहेगा।

    जय हिन्द!