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    16-03-2024 : “इंटरनेशनल रिलेशन्स“ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन

    प्रकाशित तिथि: मार्च 16, 2024

    जय हिन्द।

    आज आपके बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है क्योंकि हम एक उल्लेखनीय पुस्तक, “इंटरनेशनल रिलेशन्स“ के लॉन्च का जश्न मना रहे हैं, जिसके सह-लेखक श्री अशोक कुमार आईपीएस, सेवानिवृत्त डीजीपी, उत्तराखंड और डॉ. राजेश कुमार मोहन आईपीएस, एएसपी, हिसार हैं।

    सबसे पहले, मैं लेखकों को उनके सराहनीय कार्य के लिए हार्दिक बधाई देना चाहूँगा। यह पुस्तक न केवल उनके गहन ज्ञान और अनुभव का प्रमाण है, बल्कि उन लोगों के लिए मार्गदर्शन का एक प्रतीक भी है जो कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जटिल दुनिया को समझने की इच्छा रखते हैं।

    हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। यह इस बात की रीढ़ है कि राष्ट्र कैसे बातचीत करते हैं, सहयोग करते हैं और कभी-कभी एक-दूसरे के साथ संघर्ष भी करते हैं। ऐसी दुनिया में जहां वैश्विक घटनाओं का तत्काल स्थानीय प्रभाव हो सकता है, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।

    भारत अपने समृद्ध इतिहास और रणनीतिक स्थिति के साथ विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारा देश लोकतंत्र और विविधता का प्रतीक है, और हमारी विदेश नीति शांति, आपसी सम्मान और सहयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जैसे-जैसे भारत आर्थिक और राजनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा है, अंतर्राष्ट्रीय मामलों में हमारी भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

    मैं मानता हूँ कि अंतर्राष्ट्रीय संबंध हिंसा रहित दुनिया, सार्वभौमिक सुरक्षा की दुनिया स्थापित करने में मदद करते है। 21वीं शताब्दी में बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की विदेश नीति में काफी परिवर्तन हुआ है। आज भारत की विदेश नीति पहले से कहीं ज्यादा मजबूत, स्पष्ट, सुदृढ़ और सशक्त हुई है।

    साथियों,

    वर्तमान भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करते हुए बेझिझक निर्णय ले रही है। विश्व पटल पर आज का भारत एक आर्थिक और सैनिक दृष्टि से उभरती हुई महाशक्ति के रूप में साफ दिखाई दे रहा है। वर्तमान में वैश्विक संदर्भ में कोई भी निर्णय हो तो उसमें भारत की भागीदारी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

    आज का नया भारत अपनी विदेश नीति के संबंध में महत्वपूर्ण कठोर निर्णय लेने में कोई संकोच नहीं कर रहा है। भारत वर्तमान में अपनी दशकों पुरानी सुरक्षात्मक नीति को बदलते हुए अब अधिक स्पष्ट एवं आक्रामक नीति की ओर अग्रसर हो रहा है तथा विश्व पटल पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। वर्तमान भारतीय विदेश नीति भारत को विश्व गुरु का दर्जा वापस दिलाने करने की तरफ पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।

    मेरा मानना है कि यह पुस्तक यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए, एक अमूल्य संसाधन है। यह अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की बारीकियों, भारत की विदेश नीति की गतिशीलता और हमारे राजनयिक प्रयासों को आकार देने वाली वैश्विक चुनौतियों की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह एक मार्गदर्शिका है जो उन लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगी जो हमारे देश की सेवा करना चाहते हैं और वैश्विक समुदाय में इसकी भूमिका में योगदान देना चाहते हैं।

    मेरा विश्वास है कि यह पुस्तक आम जनता के लिए भी उपयोगी होगी। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का क्षेत्र बहुत जटिल है। यह पुस्तक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की जटिल दुनिया को बहुत ही सरल और संक्षिप्त तरीके से समझाने का प्रयास करती है।

    जैसे-जैसे हम इस पुस्तक के पन्नों को गहराई से देखते हैं, हम न केवल ज्ञान प्राप्त करते हैं, बल्कि कूटनीति के जटिल नृत्य यानी अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रति गहरी सराहना भी विकसित करते हैं। आइए हम सभी अपने भीतर निहित ज्ञान को अपनाएं और इसे हमें दुनिया के बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रेरित करें।

    अंत में एक बार फिर, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए लेखकों और भविष्य के नेताओं को बधाई जो इसे निःसंदेह आकार देंगे।

    जय हिन्द!