15-04-2024 : हिमाचल प्रदेश दिवस पर माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन
जय हिन्द!
अलौकिक सौंदर्य से परिपूर्ण देवभूमि हिमाचल प्रदेश के समस्त नागरिकों को और पूरे भारत में निवास कर रहे समस्त हिमाचल वासियों को उत्तराखण्ड की ओर से राज्य के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
आज हम यहाँ एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर पर एकत्रित हुए हैं। राज्य स्थापना के इस सुअवसर पर, मैं हिमाचल की निरंतर प्रगति और प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि की कामना करता हूँ।
हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ‘बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत’ है। प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे सुंदर, शांत और सुरम्य राज्यों में से एक है, जिसे देवताओं की भूमि भी कहा जाता है।
हमें इस बात की बहुत खुशी है कि आज के इस उत्सव को हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के महान संकल्प के साथ मना रहे हैं।
यह एक बड़ा ऐतिहासिक निर्णय है, जब पूरे देश में सभी राजभवनों में सभी प्रदेशों के स्थापना दिवस समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा की पहल हमारे देश के राज्यों की परस्पर परंपराओं, संस्कृति और ज्ञान की समझ को साझा करते हुए भारत की एकता और अखंडता को मजबूती देने वाली एक अनोखी पहल है।
ये समारोह हमारी ताकत का परिचायक है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना हमारी सदियों पुरानी एकता की शक्ति को बल देने वाली है। गुरु गोविंद सिंह जी, छत्रपति शिवाजी, विवेकानंद जी, जैसे कई राष्ट्र वादियों के बाद सरदार पटेल ने इस सोच-विचार को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
राज्यों की सांस्कृतिक परम्परा, कला, संस्कृति, वीरता, साहस, शौर्य, परम्पराएं हमें हमारी शक्ति और गौरव का स्मरण कराती है।
हम सब जानते हैं कि, राज्य स्थापना दिवस को मनाने के अवसर पर हम देश की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को समझने की कोशिश करते हैं।
राज्यों के लोगों से परस्पर परिचय, प्रवासी लोगों के बीच संवाद, एकता की भावना, राज्यों की विविध परम्पराएं, कला, संस्कृति, वेशभूषा और खान-पान की शैली का भी आदान-प्रदान होता है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि देश के सभी लोग सभी प्रदेशों को देखें, वहाँ की संस्कृति देखें और देश की विविधता सराहें।
सांस्कृतिक, सामाजिक, प्राकृतिक आदि कई दृष्टि से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई समानताएं हैं। हिमाचल प्रदेश भी उत्तराखंड की तरह हिमालयी क्षेत्र में स्थित है, जो दुनिया में जैविक विविधता के सबसे समृद्ध भंडारों में से एक है।
व्यापक बागों के साथ हिमाचल को देश का फलों का कटोरा भी कहा जाता है, घास के मैदान और चरागाह भी इस प्रदेश की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
हिमाचल में आय और रोजगार का मुख्य स्रोत कृषि और पर्यटन है। हिमाचल में लगभग 90ः आबादी सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है। पर्यटन का राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास में एक प्रमुख योगदान है।
हिमाचल दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, चंबा, खजियार, कुल्लू और कसौली जैसे हिल स्टेशन घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान हैं।
राज्य में कई महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं जिनमें श्री चामुंडा देवी मंदिर, नैना देवी मंदिर, बज्रेश्वरी माता मंदिर, ज्वाला जी मंदिर, चिंतपूर्णी, बैजनाथ मंदिर, भीमाकाली मंदिर, बिजली महादेव और जाखू मंदिर जैसे प्रमुख मंदिर हैं।
हिमाचल अपनी साहसिक पर्यटन गतिविधियों जैसे शिमला में आइस स्केटिंग, सोलंग घाटी में पैराग्लाइडिंग, कुल्लू में राफ्टिंग, मनाली में स्कीइंग, बिलासपुर में नौकायन के लिए जाना जाता है।
हिमाचल प्रदेश के लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। यहां कुल्लू दशहरा, चंबा का मिंजर, रेणुका जी मेला, लोहड़ी, हल्दा, फागली, लोसर और मंडी शिवरात्रि जैसे त्योहार धूम धाम से मनाएं जाते हैं।
हिमाचल अपने हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। कालीन, चमड़े के काम, कुल्लू शॉल, कांगड़ा पेंटिंग, चंबा रुमाल, स्टोल, कढ़ाई वाले घास के जूते (पुलन चप्पल), चांदी के आभूषण, धातु के बर्तन, बुने हुए ऊनी मोजे, पट्टू, बेंत और बांस की टोकरी (विकर और रतन) और लकड़ी का काम शामिल हैं।
विभिन्न रंगों की हिमाचली टोपियाँ भी प्रसिद्ध स्थानीय कला कृति हैं, और अक्सर इन्हें हिमाचली पहचान के प्रतीक के रूप में माना जाता है। हिमाचल प्रदेश की संस्कृति भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है।
हमारी सांस्कृतिक समानताएँ, हमारे लोगों के बीच के संबंध, और हमारी आपसी सहयोग की भावना ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को मजबूत करती है।
हम साथ मिलकर विकास के नए आयामों को छूने का प्रयास करेंगे, सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति के नए मानदंड स्थापित करेंगे, और एक समृद्ध भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे।
मैं चाहता हूँ कि हिमाचल प्रदेश के लोग उत्तराखंड आएं, आप भी अपने राज्य में, उत्तराखंड के सुंदर पर्यटन स्थलों, जीवंत संस्कृति का प्रचार करें।
एक बार पुनः आपको उत्तराखण्ड राज्य की ओर से स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
जय हिन्द!