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    14-11-2021 : राज्यपाल ने देहरादून रिंग रोड में आयोजित कार्यक्रम में ‘‘एक शाम भेलौ इगाश बूढ़ी दीपावली देव दीपावली के नाम’’ बतौर मुख्य अतिथि में प्रतिभाग किया।

    प्रकाशित तिथि: नवम्बर 14, 2021

    राजभवन देहरादून 14 नवम्बर, 2021

    राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने देश और दुनियाभर में रहने वाले उत्तराखण्ड के प्रवासी लोगों से अपील की है कि वे भी अपने लोकपर्व अपने गांवों में मनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अपनी जड़ों के साथ जुड़ना बहुत आवश्यक है। मुझे इस दिशा में उत्तराखण्ड के युवाओं से बहुत सी उम्मीदें हैं। मुझे आशा है कि उत्तराखण्ड की नयी पीढ़ी रिवर्स माइग्रेशन के लिये कार्य करेगी। वे अपने घर-गांवों में ही इनोवेशन, टेक्नॉलॉजी तथा डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्वरोजगार को बढ़ाने का प्रयास करें। राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तराखण्ड के त्यौहारों और परम्पराओं की एक अलग ही सुंगध है। आज दुनियाभर के पर्यटक इसे देखने के लिए तरसते रहते हैं। हमें इस क्षेत्र में ऐसा उत्कृष्ट कार्य करना है कि दुनियाभर के लोग इसे देखने आएं। इससे उत्तराखण्ड ग्लोबल मैप में क्लचरल टूरिज्म का एक बड़ा हब बनकर उभरेगा। पूरी दुनियां हमारी संस्कृति, परम्पराओं एवं ग्रामीण जीवन को समझेगा।
    राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को देहरादून रिंग रोड में आयोजित कार्यक्रम में ‘‘एक शाम भेलौ इगाश बूढ़ी दीपावली देव दीपावली के नाम’’ बतौर मुख्य अतिथि में प्रतिभाग किया।
    प्रदेशवासियों को इगास की बधाई देते हुये राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि परम्पराएं एवं संस्कृति बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अपनी परम्पराओं, रीति रिवाजों, संस्कृति को जानना और समझना होगा। उनका सम्मान करना होगा। हमारी सुन्दर परम्पराओं में क्या गहराई तथा विजन है इसकों समझना होगा। इसे नयी पीढ़ी को भी बताना होगा। राज्यपाल ने कहा कि हमारी अनूठी परम्पराएं हमें समरसता की ओर ले जाती हैं। हमें आपस में जोड़ती हैं। हमें अपनी जड़ों की ओर ले जाती हैं। हमारी परम्पराएं एवं संस्कृति हमारे पूर्वजों की देन है। इन्हें आगे तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी हैं। अपनी परम्पराओं एवं संस्कृति का संरक्षण तथा अगली पीढ़ी को सौंपना भी बड़ा महत्वपूर्ण हैं। दुनिया को भी पता लगना चाहिये कि हमारी समृद्ध परम्पराओं के पीछे कितनी सुन्दर सोच है। हमारी सभ्यता, संस्कृति का असली इतिहास इन्ही में हैं।
    राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीराम के अयोध्या वापस आने की सूचना उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में दीपावली के ग्यारह दिन बाद मिली तो यहां के लोगों ने एकादशी को ही इगास या दीपावली मनाई। इससे पहाड़ की चुनौतियों का भी पता चलता है। उन्होंने कहा कि जब हम अपने त्यौहार, उत्सव अपने परिवार, गांव और अपने लोगों के बीच में मनाते है तो उसकी खुशी और आनंद की कोई सीमा नही होती है।
    राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी जी ने एक अच्छा इनिशिएटिव लिया है। वह पिछले तीन-चार सालों से पौड़ी जिले में अपने पैतृक गांव में इगास का त्यौहार अपने परिवार और गांवावालों के साथ मनाते हैं। यह सभी उत्तराखण्डवासियों के लिये प्रेरणादायक है। उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों एवं हस्तशिल्पों को ब्राण्ड के रूप में राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय बाजारों में स्थापित करने का प्रयास करें।
    राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के दौर ने लोगों को उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने का भी मौका दिया। बहुत से प्रवासी उत्तराखण्डी लॉकडाउन के समय अपने गांव-घरों में लौटे। वे अपनी जड़ों से जुड़े। अब उनकों यहां पर ही सफलता दिखाई देती हैं। वेे इन्टरप्रिन्योरशिप तथा माइक्रो फाइंनेसिंग के माध्यम से अच्छा कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों ने सभी को प्रभावित किया।
    राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जी की जयन्ती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। दुनियाभर में सबसे गहरी और सुन्दर संस्कृति जनजातियों की है। हमारे उत्तराखण्ड में भी जौनसारी, भोटियां, बोक्सा, राजी एवं थारू जनजातियो के लोगों ने अपनी जीवंत और सुन्दर संस्कृति को बनाये रखा है। विशेषकर जौनसार क्षेत्र के अति सुन्दर काष्ठकला से बने घर और मन्दिर, आकर्षक पहनावें, गीत-संगीत, नृत्य और समृद्ध परम्पराएं अपनी एक विशेष पहचान रखती है।
    राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में उन्होंने पौड़ी तथा टिहरी जिलों का दौरा किया। पहाड़ों के लोगों से मिलने का अलग ही आत्मिक अनुभव है। पहाड़ी गांवों की महिलाओं की क्षमता, लगनशीलता, परिश्रम, विश्वसनीयता और जिम्मेदारियां अलग ही हैं। उत्तराखण्डवासियों की बात ही अलग है। यहां से गंगा जी, यमुना जी निकलती है। यहां की जल, वायु, सोच-विचार, त्यौहार, परम्पराएँ एक अलग ही संदेश देश और दुनियाभर में देती हैं।
    इस अवसर पर राज्यपाल ने शहीदों के आश्रितों तथा वीर नारियों को सम्मानित किया।
    कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, विधायक श्री खजान दास तथा श्री उमेश शर्मा काऊ भी उपस्थित थे।