13-11-2024 : राजभवन में आयोजित ओहो रेडियो के कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन।
’जय हिन्द!’
आज के इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘‘मिशन लाइफ – पर्यावरण के प्रति जीवनशैली’’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से, आज इस विशेष अवसर पर मैं आप सभी को संबोधित करते हुए गर्व और प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ।
प्रधानमंत्री जी ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण को एक प्रमुख प्राथमिकता माना है, और इसी दिशा में उनकी मिशन लाइफ पहल, जो ‘‘पर्यावरण के प्रति जीवनशैली’’ के रूप में जानी जाती है, हम सभी को अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है, जो हमारे पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक होंगे। और जिस अभियान का नेतृत्व हमारे बच्चे करतें है, उस अभियान में सफलता निश्चित है मेरा ऐसा दृढ़ विश्वास है।
आज मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर डेटॉल और ओहो रेडियो को विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूँ, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के अभियान की एक अद्वितीय और सराहनीय पहल की है। उनकी पहल के अंतर्गत क्लाइमेट रेज़िलिएंट स्कूल्स का निर्माण किया जा रहा है, जिससे हमारे बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता पैदा की जा सके।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, और उत्तरकाशी जिलों में अब तक चार क्लाइमेट रेज़िलिएंट स्कूल स्थापित हो चुके हैं, और आने वाले समय में इस पहल को अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जाएगा। यह कदम हमारे बच्चों के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा, जिससे वे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें।
अभी हाल ही में, 9 नवंबर को उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस पर, माननीय प्रधानमंत्री जी ने हम सभी से नौ आग्रह किए। इनमें एक विशेष आग्रह यह था कि हमें पर्यावरण के प्रति गंभीर होना है। मेरा मानना है कि यह आग्रह हमारे लिए संकल्प के रूप हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि इस संकल्प को अपनाएं और सुनिश्चित करें कि हमारी आने वाली पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाए।
देवभूमि उत्तराखंड तो हमेशा से ही पर्यावरण हितैषी रहा है और यहां के लोग पर्यावरण के प्रति गंभीर रहे हैं। प्रसिद्व चिपको आंदोलन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता बढ़ाई और वन संरक्षण के लिए एक प्रेरणा बना। इन आंदोलन के महानायक गौरा देवी, सुंदरलाल बहुगुणा और चंडी प्रसाद भट्ट जैसे पर्यावरण विदों ने की। हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर पेडों को बचाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने का भी संकल्प लेना होगा।
आज इस विशेष पहल के लिए जो, ओहो रेडियो और डेटॉल मिलकर अगले छह महीनों तक एक स्कूल रेडियो पॉडकास्ट का आयोजन करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत हर रविवार को सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को रेडियो पर आमंत्रित किया जाएगा, ताकि वे पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत कर सकें और अपनी आवाज़ में एक सकारात्मक संदेश जन-जन तक पहुंचा सकें। मुझे विश्वास है कि इस अनोखी पहल से अवश्य ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक नई जागरूकता पैदा होगी।
हमारा नया भारत आज तकनीकी क्षेत्र में विश्व में अग्रणी स्थान पर है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल प्लेटफॉर्म, और उन्नत तकनीक के इस भारत में भविष्य की नई सोच को अपनाने की क्षमता है। इस सोच के साथ, ओहो रेडियो उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, यहाँ के संगीत, और साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश दुनिया के हर कोने तक पहुंचा रहा है। इसके लिए ओहो रेडियो की टीम को बधाई एवं धन्यवाद भी करना चाहूंगा जो देवभूमि की संस्कृति को देश एवं प्रदेश के साथ-साथ विश्व के लोगों तक पंहुचा रही है।
यह पहला क्लाइमेट रेज़िलिएंट रेडियो पॉडकास्ट है, जिसमें स्कूल के बच्चे पर्यावरण के विषय पर संवाद करेंगे। मैं ओहो रेडियो और डेटॉल की इस अभिनव पहल की सराहना करता हूँ। यह एक सकारात्मक कदम है, जो उत्तराखंड और पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति नई जागरूकता फैलाने में सहायक होगा।
इस पहल के माध्यम से हमारे बच्चों में बचपन से ही पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित होगा और उन्हें समझ आएगा कि प्रकृति और संसाधनों का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है। यह पहल केवल एक रेडियो कार्यक्रम नहीं है; यह जन आंदोलन है, जो हमारे बच्चों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाएगा और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग और समर्पित बनाएगा।
मुझे विश्वास है कि यह कार्यक्रम न केवल सफलतापूर्वक अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगा, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण की भावना को मजबूत करेगा। ओहो रेडियो और डेटॉल की इस पहल से प्रेरित होकर हम सभी भी यह संकल्प लें कि हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, हरा-भरा, और सुरक्षित पर्यावरण मिले।
मैं, इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए ओहो रेडियो और डेटॉल की पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। साथ ही, सभी बच्चों, शिक्षकों, और अभिभावकों से अनुरोध करता हूँ कि वे इस प्रयास में सक्रिय रूप से भाग लें और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने में अपनी भूमिका निभाएँ।
जय हिन्द।