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    13-02-2023 : राजभवन में ‘वसंतोत्सव-2023’ दिनांक 3, 4 एवं 5 मार्च को आयोजित होगा।

    प्रकाशित तिथि: फ़रवरी 13, 2023

    राजभवन सूचना परिसर, उत्तराखण्ड

    * राजभवन में ‘वसंतोत्सव-2023’ दिनांक 3, 4 एवं 5 मार्च को आयोजित होगा।

    * राज्यपाल ने अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर देने को कहा।

    * वसंतोत्सव में पारंपरिक मोटे अनाज ‘‘मिलेट’’ के फूड कोर्ट को वरीयता दी जाएगी।

    * वसंतोत्सव में पहली बार रूफ टॉप गार्डनिंग, बोनसाई गार्डनिंग और शहद प्रसंस्करण से संबधित प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी।

    राजभवन देहरादून 13 फरवरी, 2023

    राजभवन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला वसंतोत्सव इस वर्ष दिनांक 3, 4 एवं 5 मार्च को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। वसंतोत्सव का आयोजन पहली बार तीन दिन का होगा। सोमवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वसंतोत्सव के आयोजन के संबंध में विभिन्न निर्णय लिए गए। राज्यपाल ने अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन राजकीय न रहकर इसमें प्राइवेट पार्टनरशिप पर बढ़ावा दिया जाय।

    राज्यपाल ने निर्देश दिए कि इस वर्ष वसंतोत्सव पर आईएचएम व जीएमवीएन के साथ ही राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट स्थापित किए जायेंगे। इसमें मुख्य रूप से हमारे पारंपरिक मोटे अनाज ‘‘मिलेट’’ को वरीयता दी जाएगी। वसंतोत्सव-2023 में शहद उत्पादन, इत्र, ऐरामेटिक पौधों, औषधीय जड़ी-बूटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्यपाल द्वारा हॉर्टिकल्चर, फलोरिकल्चर, शहद उत्पादन, जड़ी-बूटी, जैविक खेती आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों और किसानों को सम्मानित किया जाएगा।

    राज्यपाल ने कहा कि वसंतोत्सव के माध्यम से उत्तराखण्ड में फ्लोरीकल्चर व ऐरोमेटिक पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड दुनियाभर में फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में एक बड़े डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा। राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन राज्य के दूर-दराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों तथा अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों व उत्पादकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित होना चाहिए। उन्होंने इस आयोजन को आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ने के निर्देश दिए।

    बैठक में अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि पुष्प प्रदर्शनी आम जनता के लिए 3 मार्च को दोपहर 1 बजे से सांय 6 बजे तक तथा 4 एवं 5 मार्च को सुबह 9 बजे से सायं 6 बजे तक खुली रहेगी। वसंतोत्सव में विभिन्न 16 श्रेणियों में 186 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए बैण्ड, पीएसी, स्काउट एंड गाईड व पाइप बैंड द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक कलाकारों द्वारा राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक भी प्रस्तुत की जायेगी।

    वसंतोत्सव में पहली बार रूफ टॉप गार्डनिंग, बोनसाई गार्डनिंग और शहद प्रसंस्करण से संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी। व्यावसायिक, निजी पुष्प उत्पादकों सहित विभिन्न सरकारी उद्यानों की पुष्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, पुष्प आधारित रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित हांगी। फूलों तथा प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी, पेंटिंग तथा विशेष डाक टिकटों की प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। पुष्प प्रदर्शनी, प्रतियोगिता हेतु विभिन्न श्रेणियों की कई प्रतियोगिताएं प्रस्तावित हैं, जिनमें कट फ्लावर, पौटेड प्लांट अरेंजमैंट, लूज फ्लावर अरेंजमैंट, हैंगिंग पॉट्स जैसी सभी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ ‘ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी’ भी आयोजित होगी।

    इस बैठक में सचिव श्री राज्यपाल डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, विधि परामर्शी श्री राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डॉ. एच एस बावेजा सहित पर्यटन, उद्यान, आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए, ओ.एन.जी.सी, आई.एच.एम, जी.एम.वी.एन, पर्यटन, भारतीय डाक, वन विभाग, पुलिस, संस्कृति, तथा उद्यान आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।