Close

    11-05-2024 : आईआईटी रूड़की में माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

    प्रकाशित तिथि: मई 11, 2024

    जय हिन्द!

    आज मुझे वास्तव में इस बात की प्रसन्नता हो रही है कि मैं प्रतिभाशाली छात्रों, प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और बुद्धिजीवियों के समक्ष अपने विचार साझा कर रहा हूँ। सबसे पहले, समृद्ध इतिहास वाले इस शानदार संस्थान में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं, पूरे आईआईटी रूड़की परिवार का आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिसने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कई बेहतरीन वैज्ञानिक और इंजीनियर प्रदान किए हैं।

    मैं आप सभी को, जो कि इस आईआईटी रूड़की परिवार का हिस्सा हैं, इसके 176 वर्ष से अधिक पूरे होने पर और सीआईआई द्वारा, सभी आईआईटी के बीच सबसे ‘इनोवेटिव इंस्टिट्यूट’ के रूप में, चैथी बार सम्मानित किए जाने पर हृदय से बधाई देना चाहता हूँ, मैं कामना करता हूँ कि यह ऐतिहासिक संस्थान निरंतर आगे बढ़े, प्रगति की ऊंचाइयों पर पहुंचे और हमारे देश को और अधिक गौरवान्वित करें।

    इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सामूहिक रूप से आधुनिक भारत की यात्रा के गौरवशाली अध्याय हैं। विशेष रूप से आईआईटी रूड़की, हमारी शिक्षा के साथ-साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्रों का गौरव रहा है। आईआईटी रूड़की का इतिहास बताता है कि इस संस्थान ने न केवल विज्ञान और इंजीनियरिंग बल्कि प्रशासनिक सेवाओं में भी दिग्गज पैदा किए हैं।

    मुझे इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह को सम्मानित करते हुए बहुत खुशी हुई है, जिनकी विशिष्ट सेवा सिर्फ एक दशक तक नहीं, बल्कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लेकर गुजरात में कच्छ के रण तक अद्वितीय समर्पण और वीरता के एक युग तक फैली है। जनरल सिंह के महान योगदान ने न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया है, बल्कि सैन्य इतिहास में भी इसकी गूंज सुनाई दी है।

    साथियों,

    आज, हम एक नए युग की दलहीज पर खड़े हैं, जहां नवाचार और उद्यमिता केवल मूलमंत्र नहीं हैं, बल्कि हमारे सामूहिक भविष्य को आकार देने के रास्ते भी हैं। मैं स्कूल से स्टार्टअप तक की अनिवार्य यात्रा पर आपको संबोधित करते हुए गर्व का अहसास कर रहा हूँ, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम युवा मस्तिष्क को समर्पण के साथ इनोवेशन और नई चीजों से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
    मेरा मानना है कि हमारे स्कूल-काॅलेज सिर्फ सीखने-सिखाने के संस्थान ही नहीं हैं, वे रचनात्मकता की भट्टी भी हैं, जहां युवा दिमागों को तराशा और आकार दिया जाता है। आदर्श शिक्षकों और सलाहकारों के रूप में, यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम ऐसे माहौल को बढ़ावा दें, जहाँ जिज्ञासा पनपे, जहाँ सवालों को प्रोत्साहित किया जाए और जहाँ असफलताओं को सफलता की सीढ़ी के रूप में देखा जाए।

    प्यारे बच्चों,

    राष्ट्रीय महत्व के इस विशिष्ट संस्थान के छात्रों के रूप में, आप समाज और समग्र रूप से राष्ट्र के उत्थान के लिए योगदान करते हैं। मैं यहां आप सभी में आशावाद और सकारात्मकता देख रहा हूँ, वृद्धि और विकास देख रहा हूँ, समृद्धि और आर्थिक विकास देख रहा हूँ, एक नये भारत का भविष्य देख रहा हूँ, मैं आज अपने सामने एक उज्ज्वल, समृद्ध और वैज्ञानिक रूप से उन्नत भारत को देख रहा हूँ।

    शिक्षा का दायरा स्कूल-कॉलेज तक ही सीमित नहीं है, असल रुप में यह उस वास्तविक दुनिया तक फैली हुई है, जहाँ स्टार्टअप और उद्यमिता उन साहसी लोगों को मंच प्रदान करती है जो सपने देखते हैं और कुछ नया करने का साहस रखते हैं। आज के स्टार्टअप कल के इंडस्ट्री लीडर हैं, और वे कक्षाओं में उत्पन्न हुई नवीन सोच की नींव पर तैयार किए गए हैं।

    दक्षताओं के साथ-साथ, हमें नवोन्मेष की संस्कृति को भी जीवंत रखना है, जहां जोखिम लेने का जश्न मनाया जाता है, जहां विफलता को सीखने के अवसर के रूप में स्वीकार किया जाता है, साथ ही विचारों की विविधता को महत्व दिया जाता है। क्योंकि इसी संस्कृति के भीतर सच्चा नवाचार पनपता है, और जहां हमें उद्यमिता के बीज उगने के लिए उपजाऊ जमीन मिलती है।

    मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि रूड़की और उसके आसपास के स्थानीय स्कूलों के छात्रों को प्रेरित करने और प्रोत्साहित करने के लिए आईआईटी रूड़की उन्हें अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इससे न केवल संस्थान का बल्कि रूड़की के आसपास और राज्य में स्थानीय स्कूलों, कॉलेजों और उद्योगों का भी विकास होगा।

    मैं आईआईटी रूड़की में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और इंडस्ट्री एक्सेलेरेटर ।।त्ज्प् (ऑटोमोटिव एण्ड अलाइड रिसर्च एण्ड टेक्नोलाॅजी इनोवेशन) की स्थापना की दिशा में हो रहे कार्य को देखकर भी बहुत खुश हूँ। यह ज्ञान पर आधारित प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं।

    आइए! हम एक साथ आएं, सामूहिक रूप से युवाओं को नवाचार और उद्यमशीलता की ओर प्रेरित करने का वचन लें। आइए! हम अपने युवाओं को बड़े सपने देखने, साहसपूर्वक सोचने और उनके सपनों को हकीकत में बदलने के लिए उन्हें सशक्त बनाएं। आइए! हम साथ मिलकर स्कूल से लेकर स्टार्टअप तक के अंतर को पाट सकते हैं साथ ही हम अपने युवा इनोवेटर्स की पूरी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं।

    यह प्रसन्नता का विषय है कि इंजीनियरिंग काॅलेजों और संस्थानों में आज बेटियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। मैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा प्राप्त करने और इस क्षेत्र में अपना करिअर बनाने के लिए बेटियों की सराहना करता हूँ। साथ ही मैं यह आग्रह करता हूँ कि सभी मिलकर ऐसे कार्यक्रम, कम्पनीज या वर्कशॉप्स आयोजित करें, जिससे अधिक से अधिक लड़कियाँ इंजीनियरिंग और टेक्नोलाॅजी संस्थानों में अध्ययन के लिए प्रोत्साहित हों।

    उत्तराखंड, जहां संस्कृति गूंजती है, परंपरा बोलती है, सौंदर्य रोमांचित करता है और विविधता आनंदित करती है। उत्तराखंड में कई सारे आध्यात्मिक स्थल उपलब्ध हैं जिन्हें प्रामाणिक भारतीय अनुभव की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं खोना चाहिए। मैं आईआईटी रूड़की को उन परियोजनाओं की परिकल्पना करने के लिए आमंत्रित करूंगा जो उत्तराखंड के प्रतिष्ठित स्थानों में और उसके आसपास पर्यटक बुनियादी ढांचे का निर्माण, प्रचार और विपणन एवं क्षमता निर्माण कार्यों को सक्षम बनाती हो।

    मुझे विश्वास है कि आप सब युवा, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेंगे। आपको केवल अपनी जॉब और करिअर के बारे में ही नहीं सोचना है, बल्कि नए उद्योगों और रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए अपने ज्ञान, एल्यूमिनी नेटवक्र्स और टेक्निकल स्किल्स का उपयोग करना है।

    आज हर ओर ।प् यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात हो रही है। भारत सरकार और राज्य सरकारें ।प् टेक्नोलाॅजी के लाभ को देशवासियों के विकास के लिए उपयोग में लाने के लिए अनेक प्रोग्राम लागू कर रही है। बड़ी टेक कम्पनीज भी भारत की ।प् की क्षमता का उपयोग करने के लिए नए प्रोजेक्ट्स शुरू कर रही हैं।

    मेरा मानना है कि प्रौद्योगिकी संस्थान देश के ‘।प् स्किल गैप’ को कम करने की दिशा में काॅर्पाेरेट सेक्टर, एनजीओ और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिल जुलकर काम करना चाहिए। ।प् और मशीन लर्निंग जैसी नवीनतम और तेज़ी से बदलती टेक्नोलॉजी की वैश्विक दौड़ में भारत को आगे बढ़ाने में आप जैसे मेधावी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि आप सब इस दिशा में प्रयास करेंगे, और उसमें सफल भी होंगे।

    प्रिय विद्यार्थियों,

    यह स्वाभाविक है कि आपके निर्णय और कार्य आपके जीवन पर ही नहीं, बल्कि उस संस्था पर भी प्रभाव डालेंगे जिसमें आप कार्यरत होंगे। अपने आने वाले जीवन और प्रोफेशन के लिए अगर आप आज से ही कुछ आदर्श बना लेंगे तो आगे चलकर आपको सही रास्ते का चुनाव करने में कभी कठिनाई नहीं होगी।

    वास्तव में आईआईटी रूड़की द्वारा मेरे प्रति दिखाई गई गर्मजोशी और आतिथ्य से मैं अभिभूत हूँ। मुझे उम्मीद है कि आईआईटी रूड़की अपने मिशन में उत्कृष्टता हासिल करती रहेगी और हम प्रगति के पथ पर मिलकर काम करेंगे और उत्तराखंड के पूर्व गौरव को बहाल करते हुए भारत के लिए अमृतकाल में शिद्दत से काम करेंगे।

    मैं सभी स्टार्टअप्स/छात्रों को असीम शुभकामनाएं देता हूँ। अंत में, आप सब से, मैं यही कहूँगा कि विश्व में चाहे जहां भी आप जाएं, अपने संस्थान और अपनी जड़ों से सदा जुड़े रहें। आपका यह जुड़ाव आपको और आगे बढ़ने में मदद करेगा, साथ ही जीवन को सार्थक बनाने में भी उपयोगी सिद्ध होगा। नया अंदाज और नई सोच के जरिए आप अपने परिवार, संस्थान और देश का नाम रोशन करें, इसी मंगलकामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ।

    जय हिन्द।