Close

    26-01-2022:राज्यपाल ने बीआरओ के कार्मिकों को उत्कृष्ट कार्यो के लिए गवर्नर मेडल से सम्मानित किया।

    प्रकाशित तिथि: जनवरी 26, 2022

    राजभवन देहरादून, 26 जनवरी, 2022

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित बीआरओ कर्मयोगी उत्कृष्टता सम्मान समारोह में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कार्मिकों को उत्कृष्ट कार्यो के लिए गवर्नर मेडल से सम्मानित किया। कैप्टन अंजना, सहायक अधिशासी अभियंता (सिविल) विष्णुमाया के, कनिष्ठ अभियंता (सिविल) अभिषेक देव, अवर श्रेणी लिपिक शली पीटी, पायनियर सुनीता देवी, कैप्टन के सेल्वा कुमार, कनिष्ठ अभियंता सिविल संजू आशीष कुजुर, ओईएम सुनील कुमार जे, कुशल श्रमिक नरेंद्र सिंह, मजदूर पुष्पा देवी को कर्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पण और विशिष्ट सेवा के लिए राज्यपाल द्वारा गवर्नर मेडल प्रदान किए गए। परियोजना एसटीएफ हिरक को राज्यपाल प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। 765 सीमा सड़क कार्यबल धारचूला उत्तराखंड परियोजना एसटीएफ हिरक/सीमा सड़क संगठन उत्तराखंड द्वारा घाटिया बागड़ लिपुलेख, गूंजी कुट्टी जोलिकोंग होते हुए लिपुलेख दर्रा, धर्मा, चौदास, घाटियों पिथौरागढ़ तवाघाट मार्गों और ऐसे ही अनेक विकट चुनौतीपूर्ण स्थानों पर सड़कों एवं पुलों का पुनर्निर्माण, रखरखाव एवं विस्तार किया गया। 14वी बटालियन डोगरा रेजीमेंट को भी राज्यपाल प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। इनके द्वारा अक्टूबर 2021 में नैनीताल और आसपास के क्षेत्र भूस्खलन, बाढ़ और अन्य विनाशकारी आपदा में ऑपरेशन राहत के तहत स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया गया। इनके वीर सैनिकों के द्वारा जान जोखिम में डालकर स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की अमूल्य जान बचाते हुए हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि बीआरओ के जवानों को विशेषकर महिला कार्मिकों सम्मानित करके मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। मेरे लिए यह बड़े सम्मान और गर्व का क्षण है। मुझे आशा है कि इन बहादुर महिलाओं से देश की सभी महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी। मैं बीआरओ को बधाई देना चाहता हूँ कि उन्होंने पहली बार महिला अधिकारियों को आरसीसी की कमाण्ड दी है।
    राज्यपाल ने कहा कि बीआरओ की जाबांज नारी शक्तियां भारत के संविधान में स्त्री-पुरूष को दिए गए समानता के अधिकार का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इन महिलाओं ने समाज की सोच को बदल दिया है। इतनी कठिन भौगोलिक स्थितियों में सीमांत क्षेत्रों में ये साहसी महिलाएं सड़क निर्माण जैसे कठिन काम को अंजाम दे रही है। क्योंकि हम एक सीमांत राज्य है। हमारी जिम्मेदारियां अलग ही है। हमारी सरहदों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका है। सरहदों पर सैनिक कठिन परिस्थितियों में तैनात हैं। लेकिन गर्व का विषय है कि अब महिलाएं भी सीमाओं पर बीआरओ के माध्यम से सेवाएं दे रही हैं। सीमांत क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण से स्थानीय आबादी को वहां पर रोकना आसान होगा।
    इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू तथा डीजीपी श्री अशोक कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।