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    21-01-2025 : राजभवन देहरादून में आयोजित भारत के विविध राज्यों के स्थापना दिवस पर माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन

    प्रकाशित तिथि: जनवरी 21, 2025

    जय हिन्द!

    सबसे पहले आज के इस अवसर पर आप सभी को त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं! त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय का स्थापना दिवस 21 जनवरी, एक ऐसा दिन है जो कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को संजोने में हमें हमारे अतीत की याद दिलाता है।

    यह एक बड़ी पहल है कि देशभर में सभी राजभवनों में राज्यों के स्थापना दिवस मनाए जा रहे हैं। इससे न केवल हमारी विविधता का सम्मान होता है, बल्कि यह हमारी एकता को भी सशक्त बनाता है। यह दूसरा अवसर है कि हम इन राज्यों का स्थापना दिवस अपने राजभवन में मना रहे हैं। यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की उस महान भावना को प्रतिबिंबित करता है, जो सदियों से हमारी सांस्कृतिक जड़ों को सींचती आई है।

    विकसित भारत का सपना साकार करने का लक्ष्य आज भी हर एक भारतीय के हृदय में है, हम दुनिया के विकसित राष्ट्रों के साथ एक भव्य, दिव्य भारत की संकल्पना के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

    इस प्रकार के समारोह हमारी ताकत का परिचायक है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना हमारी सदियों पुरानी एकता की शक्ति को बल देने वाली है। यह एक ऐसी अनोखी पहल है जो हमारे विविध राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की परस्पर परंपराओं, प्रथाओं और ज्ञान की समझ को बढ़ाते हुए भारत की एकता और अखंडता को मजबूती देने वाली है।

    आज हम अपने भारत देश को जैसा देखते हैं, वैसा यह एक दिन में नहीं बना। आजादी के बाद देश में कई बदलाव और राजनीतिक संशोधन हुए। भारत के मौजूदा 28 राज्य और 08 केंद्रशासित प्रदेश भी एक दिन में नहीं बने थे, कई राज्यों का गठन समय के साथ बाद में किया जाता रहा।

    राज्यों की सांस्कृतिक परंपरा, कला, संस्कृति, वीरता, साहस, शौर्य परंपराएं हमें हमारी शक्ति और गौरव का स्मरण कराती है। मुझे लगता है कि इन राज्यों की स्थापना के विषय में हमें जानना चाहिए कि हमारी विविधतापूर्ण संस्कृति की महानतम शक्ति क्या है।

    भारत के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में एक बहुत ही लोकप्रिय नाम है ‘सेवन सिस्टर’। वास्तव में ये ‘सेवन सिस्टर’ पूर्वी भारत के सबसे रमणीय मंत्रमुग्ध कर देने वाले सात प्रदेश हैं। इनमें त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय ये तीनों प्रदेश अपनी हरियाली, दुर्लभ वनस्पतियों, झील, झरने, मनोहारी लोकेशनों एवं अन्य संसाधनों के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय हैं।

    मणिपुर में प्राकृतिक संसाधनों का प्रचुर भंडार है। यहां की प्राकृतिक छटा देखने योग्य है। यहां तरोताजा करने वाले वाटर फाॅल हैं। रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे हैं, दुर्लभ वनस्पतियां व जीव-जन्तु हैं, पवित्र जंगल हैं। यहां की मणिपुरी नृत्य दुनिया भर में पसंद की जाती है।

    त्रिपुरा का आधे से अधिक भाग जंगलों से घिरा है, जो प्रकृति-प्रेमी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह प्रदेश अपनी समग्र सांस्कृतिक परंपरा के लिए भी जाना जाता है।

    मेघालय जिसे ’बादलों का घर’ कहा जाता है, अपनी अनूठी मातृवंशीय परंपराओं, विश्व के सबसे घने जंगलों और मनोहारी झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक छटा और समृद्ध विरासत इसे पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग बनाती है।

    आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में छिपी है। हर राज्य अपनी अलग पहचान, परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर के साथ हमारे देश को और भी समृद्ध बनाता है। यह विविधता न केवल हमारी ताकत है, बल्कि हमारे गौरव का प्रतीक भी है। यह हमें एकता के सूत्र में बांधती है और हमें यह सिखाती है कि विविधता में ही असली सौंदर्य है।

    ऐसे अवसर हमें यह प्रेरणा देते हैं कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोएं और नई पीढ़ी को इसकी महत्ता से अवगत कराएं। राज्यों के स्थापना दिवस केवल उत्सव नहीं हैं, बल्कि यह हमारे इतिहास, हमारी पहचान और हमारी साझा उपलब्धियों का स्मरण करने का समय है।

    मैं त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय के सभी नागरिकों को इस विशेष अवसर पर बधाई देता हूँ। साथ ही, मैं इन राज्यों की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित रखने के उनके प्रयासों की सराहना करता हूँ। आइए, हम सभी मिलकर भारत को एकता, समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लें।

    एक बार फिर से यहां उपस्थित सभी प्रवासी त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय के लोगों को आपके राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई।
    जय हिंद!