Close

    05-01-2025 : Rotary District 3001 के वार्षिक सम्मेलन में माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन

    प्रकाशित तिथि: जनवरी 5, 2025

    जय हिन्द!

    Rotary District Annual Program में उपस्थित अतिथिगण, रोटरी के सदस्य और पदाधिकारी, देवियों और सज्जनों! आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर रोटरी जिला 3011 के वार्षिक सम्मेलन में उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इस कार्यक्रम मंे प्रतिभाग करते हुए मुझे गर्व भी हो रहा है क्योंकि, यह मंच उन लोगों का है, जिन्होंने सेवा को जीवन का उद्देश्य बनाया है और समाज के उत्थान के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं।

    रोटरी इंटरनेशनल एक ऐसा संगठन है, जो 200 से अधिक देशों में 12 लाख से अधिक सदस्यों के माध्यम से सेवा और परोपकार के कार्यों को आगे बढ़ा रहा है। यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होती है कि रोटरी जिला 3011, जिसमें दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के 4500 रोटेरियन सदस्य शामिल हैं, समाज के गरीब, जरूरतमंद और वंचित वर्गों की सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत है।

    आपके द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, आर्थिक विकास, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, रोग निवारण और शांति स्थापना जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। आपका आदर्श वाक्य ‘सेवा सर्वाेपरि’ इस भावना को और भी प्रबल बनाता है कि समाज सेवा ही सच्ची सेवा है।

    हमारी भारतीय संस्कृति ने सदा से सेवा को सर्वाेपरि स्थान दिया है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में ‘निष्काम कर्म’ का संदेश दिया अर्थात- बिना किसी स्वार्थ के कार्य करना। सिख धर्म में भी ‘कार सेवा’ और लंगर की परंपरा और सेवा की भावना इसी सिद्धांत को दर्शाती है।

    सेवा का प्रभाव दूरगामी होता है। यह समाज में समरसता, एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। आज के समय में, जब समाज आर्थिक असमानता, स्वार्थ व लोभ और स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों का सामना कर रहा है, सेवा के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

    साथियों,

    रोटरी का यह आदर्श वाक्य ‘सेवा सर्वाेपरि’ मुझे अपने जीवन के सिद्धांतों की याद दिलाता है। एक पूर्व सैन्य अधिकारी के रूप में मैंने 40 वर्षों तक देश की सेवा की है, और भारतीय सेना का आदर्श वाक्य भी ‘सेवा परमों धर्मः’ है, जिसका अर्थ है ‘सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं।’ इस आदर्श ने मेरे जीवन को दिशा दी और सेवा के महत्व को समझने का अवसर दिया।

    सेना में रहते हुए मैंने कई अवसरों पर अनुभव किया कि किस प्रकार निःस्वार्थ सेवा न केवल समाज का उत्थान करती है, बल्कि राष्ट्र के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चाहे वह प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत कार्य हो या सीमाओं की रक्षा करते हुए बलिदान देने की भावना, ‘सेवा सर्वाेपरि’ का विचार हर परिस्थिति में मार्गदर्शक रहा है।

    अब उत्तराखण्ड के राज्यपाल के रूप में, मुझे गर्व है कि मैं इस सेवा भाव को आगे बढ़ा रहा हूँ। उत्तराखण्ड, जिसे ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है, धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। चारधाम, गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी और नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार जैसे पर्यटन स्थल इसे देश और विदेश के लाखों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।

    मेरा सदैव प्रयास रहा है कि राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए, पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए, और स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। यहां प्रत्येक वर्ष 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आते हैं और मात्र 13 दिनों में हरिद्वार में हर साल लगभग 4 करोड़ श्रद्धालु पवित्र कांवड़ जल भरने आते हैं। मैं आप सभी को भी देवभूमि पधारने के लिए आग्रह करता हूँ।

    साथियों,

    रोटरी क्लब द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखकर मैं अत्यंत प्रेरित हुआ हूँ। आपने स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्रों में जो योगदान दिया है, वह प्रशंसा के योग्य है। रोटरी कैंसर अस्पताल (AIIMS), ब्लड बैंक, नेत्र बैंक, व्यावसायिक केंद्र, कौशल विकास केंद्र, विकलांग सहायता केंद्र, पब्लिक स्कूल, डायलिसिस केंद्र और कई अन्य सामुदायिक कार्य समाज के लिए आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं न केवल जरूरतमंदों की सहायता कर रही हैं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त भी कर रही हैं। मैं इन नेक कार्यों के लिए आप के संगठन को साधुवाद देता हूँ।

    अंत में, मैं रोटरी क्लब के सभी सदस्यों को उनके निःस्वार्थ सेवा भाव और उत्कृष्ट कार्यों के लिए बधाई देता हूँ। आपका आदर्श वाक्य ‘सेवा सर्वाेपरि’ वास्तव में समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आपके प्रयासों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है और यह हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।

    मैं रोटरी के सभी सदस्यों को उनके उज्ज्वल भविष्य और समाज सेवा में निरंतर सफलता के लिए असीम शुभकामनाएँ देता हूँ।

    जय हिन्द!