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    02-06-2024 : तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मा0 राज्यपाल का संबोधन

    प्रकाशित तिथि: जून 2, 2024

    जय हिन्द!

    आप सभी का उत्तराखंड राजभवन नैनीताल में हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। सर्वप्रथम, मैं आप सभी को ‘तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस’ की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ। यह उत्सव भारत सरकार की ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत मनाया जा रहा है, जो हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करने का प्रयास है।

    तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस का उद्देश्य लोगों के बीच मेलजोल को बढ़ावा देना और हमारे महान राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों के लोगों के बीच बेहतर समझ और मेलजोल को बढ़ावा देना है। आज का यह दिन हमें 2014 में वापस ले जाता है, जब एक लम्बे और साहसी संघर्ष के बाद तेलंगाना प्रदेश, देश के 28वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

    तेलंगाना के निवासियों ने अपने राज्य के निर्माण के साथ ही विकास और प्रगति की दिशा में नए संकल्प लिए। उन्होंने अपनी अद्वितीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोया और उसे मजबूत किया, साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मन्चों पर अपनी पहचान बनाई। तेलंगाना दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि संघर्ष और कठिनाइयों के बावजूद हमें सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए। तेलंगाना के लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत और अदम्य साहस से राज्य को प्रगति के शिखर पर पहुंचाया है।

    कृषि के क्षेत्र में तेलंगाना द्वारा हासिल की गई उन्नति पूरे देश के लिए आदर्श है। तेलंगाना ने हरित क्रान्ति के प्रतीक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ ने दुनिया के विभिन्न देशों को एक-दूसरे के करीब लाया। इसी तरह विभिन्न राज्यों का स्थापना दिवस समारोह, सम्बन्धित राज्यों के लोगों को एक-दूसरे के करीब लाया है और राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ाया है।

    तेलंगाना अपनी अद्वितीय सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इस राज्य में प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरें जैसे हैदराबाद का चारमीनार, वारंगल का किला, और करीमनगर का एल्गंडल किला और धार्मिक स्थलों का भी अद्भुत संगम है जैसे श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, वेमुलावाड़ा का राजराजेश्वर मंदिर आदि, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यन्त पवित्र माने जाते हैं। तेलंगाना का गौरव इसकी विविध संस्कृति में भी है, जो कविताओं, लोक गीतों, नृत्यों और कला के रूपों में प्रतिबिम्बित होती है। इसके अलावा, तेलंगाना अपनी अद्वितीय शिल्पकला के लिए भी मशहूर है। तेलंगाना का खानपान भी बहुत विविधतापूर्ण है, जिसमें हैदराबादी बिरयानी और तेलंगाना की पारम्परिक व्यंजन विशेष स्थान रखते हैं। राज्य की खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर इसे एक विशिष्ट पहचान दिलाते हैं और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाते हैं।

    उत्तराखंड और तेलंगाना की सबसे बड़ी समानता यह है कि दोनों राज्य एक लम्बे संघर्ष और आन्दोलन के बाद अस्तित्व में आए हैं और दोनों ही राज्यों के लोगों के मजबूत संकल्प ने उन्हें निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है।

    आज मुझे बेहद खुशी है कि आपने अपनी उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए उत्तराखंड को चुना है। प्रदेश ने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई प्रगतिशील कदम उठाए हैं। हमारे युवा हमारी ताकत हैं, हमारे किसान अन्नदाता हैं, हमारी महिलाएं सशक्त हैं, और हमारा संघर्ष हमारी प्रगति का प्रतीक है।

    आप एक विद्यार्थी के रूप में यहाँ हैं, आप अपने परिवार जनों को भी उत्तराखंड बुलाएं, उन्हें यहाँ की दिव्यता और भव्यता का अनुभव कराएं। उत्तराखंड देवभूमि है, जहाँ स्वयं भगवान शंकर का वास है। चार धाम और मानसखंड यहाँ की दिव्यता और भव्यता के प्रतीक हैं। वास्तव में, जब हमारे राज्य में चार धाम यात्रा का समय होता है, तो यहाँ आपको ‘मिनी भारत’ के दर्शन हो सकते हैं, यहाँ आने वाले प्रत्येक सैलानी और श्रद्धालु हमारे ब्रांड एंबेसडर की तरह हैं।

    तेलंगाना राज्य स्थापना के इस दिवस पर, मैं आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ और मुझे उम्मीद है कि तेलंगाना राज्य विकास, समृद्धि और नई ऊँचाइयों तक पहुंचेगा।

    जय हिन्द!