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    30-04-2024:महिला स्वास्थ्य परीक्षण एवं कैंसर जांच शिविर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल।

    प्रकाशित तिथि: अप्रैल 30, 2024

    राजभवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘महिला स्वास्थ्य परीक्षण एवं कैंसर स्क्रीनिंग कैम्प’ में आप सभी के बीच पहुँचकर मुझे सच में बहुत ही खुशी हो रही है।

    यह प्रसन्नता की बात है कि उत्तराखण्ड में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। महिला स्वास्थ्य सशक्तीकरण के उद्देश्य से आयोजित इस कैंप के आयोजन के लिए मैं, हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा-शिक्षा विश्वविद्यालय परिवार एवं यहां उपस्थित डाक्टर्स की टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

    जैसा कि आप सभी को जानकारी है कि इस कैम्प में महिलाओं को होने वाले दो प्रमुख कैंसर, स्तन कैंसर और बच्चेदानी अथवा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जाँच की जायेगी और स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा। इसके अलावा ‘स्वस्थ्य जीवन शैली द्वारा महिलाओं में बीमारियों से बचाव’ विषय पर जानकारी दी जाएगी।

    अक्सर देखा जाता है कि शर्मीलापन, भय, आर्थिक परेशानी आदि कई कारणों से महिलाएं स्तन कैंसर तथा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को छुपाने की कोशिश करती हैं। जिसके कारण उनके इलाज में देरी हो जाती है। इसलिए इन बीमारियों के बारे में, समाज में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाने की भी आवश्यकता है।

    हम सब जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता ही बचाव है। इसके प्रति खासकर महिलाओं को जागरूक करने की अधिक आवश्यकता है, क्योंकि महिलाएं ही इससे अधिक प्रभावित होती हैं। हालाँकि गर्भाशय कैंसर को पूरी तरह से रोकने का कोई सिद्ध तरीका नहीं है, लेकिन हम इसके जोखिम को कम करने में सक्षम हो सकते हैं।

    एक अच्छा जीवन जीने के लिए हम सभी का स्वस्थ रहना आवश्यक है। हमें अपने खान-पान, रहन-सहन और दिनचर्या पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आज के इस दौर में भी समाज में खासकर महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव है जोकि चिंता का विषय है। स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं का भी शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ, सशक्त एवं मजबूत होना बहुत जरूरी है।

    हमारे समाज में महिलाएं अपने परिवारजनों की आहार एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं का ध्यान तो रखती हैं, लेकिन अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं, जिस कारण वे कई बीमारियों से ग्रसित हो जाती हैं, जोकि चिंता का विषय है।

    यदि महिला स्वस्थ होगी तो इसका लाभ उसके परिवार तथा समुदाय सभी को होता है। निश्चित ही एक स्वस्थ्य व प्रसन्नचित्त महिला के बच्चे अधिक स्वस्थ होंगे, वह अपने परिवार की अच्छी तरह से देखभाल कर सकेगी और इस प्रकार अपने समाज के प्रति अधिक योगदान कर सकेगी। इसलिए किसी महिला के स्वास्थ्य की समस्या केवल उसकी समस्या नहीं होती है, अपितु महिलाओं का स्वास्थ्य एक सामाजिक व सामुदायिक मुद्दा है।

    आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। चाहे वे अपने घर में ग्रहणी के रूप में कार्य कर रह रहे हों या बाहर काम कर रहे हों, वे अपनी शिक्षा, करियर और पेशे के संबंध में अपने निर्णय स्वयं ले रही हैं।

    वर्तमान समय में महिलाएं अपने पेशे के साथ-साथ अपने घर और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने का भी ध्यान रखती हैं। वे एक माँ, एक बेटी, एक बहन, एक पत्नी और एक कामकाजी पेशेवर की कई भूमिकाएं पूरे सामंजस्य से निभा रही हैं।

    महिलाओं का स्वास्थ्य सुधारने के लिए उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार तो आवश्यक है ही, इसके साथ-साथ उनकी जीवन परिस्थितियों में भी परिवर्तन लाना बहुत जरुरी है ताकि वे अपने स्वास्थ्य व जीवन पर अधिक ध्यान दे सकें।
    सही मायनों में समाज एवं राष्ट्र का सर्वांगीण विकास तभी संभव है, जब समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आए, उनके स्वास्थ्य और पोषण पर परिवार, समाज और स्वयं उनके द्वारा ध्यान दिया जाय, उनके साथ उचित सम्मान, निष्पक्षता और समानता का व्यवहार हो। यह बड़ी अच्छी बात है कि इस मामले में समाज के नजरिए में काफी बदलाव आ रहा है।

    इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मैं, एम्स-ऋषिकेश की महिला एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, दून मेडिकल काॅलेज की स्तन कैंसर सर्जरी विशेषज्ञ डा० (श्रीमती) नेहा महाजन, निदेशक एम्स ऋषिकेश, प्रोफेसर मीनू सिंह, कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा-शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून, प्रो० मदन लाल ब्रह्म भट्ट एवं राजभवन चिकित्सा दल का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद देता हूं।

    अंत में मैं, इस कैम्प के आयोजकों की तारीफ करते हुए उन्हें इस नेक कार्य के लिए दिल से धन्यवाद देता हूँ, मुझे विश्वास है कि आपके नेक प्रयास सफल होंगे और इस प्रकार के आयोजनों से उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

    जय हिन्द।