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    31-01-2025 : राज्यपाल ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में “An Inquisition Into The Philosophy Behind The New Criminal Laws of India” पुस्तक का विमोचन किया।

    प्रकाशित तिथि: जनवरी 31, 2025

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में उत्तरांचल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ‘‘एन इनक्विजिशन इनटू द फिलॉसफी बिहाइंड द न्यू क्रिमिनल लॉज ऑफ इंडिया’’ (An Inquisition Into The Philosophy Behind The New Criminal Laws of India) पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक भारत के तीन नए आपराधिक कानूनों पर आधारित है। यह पुस्तक उत्तरांचल विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो0 राजेश बहुगुणा, विधि परामर्शी श्री राज्यपाल अमित कुमार सिरोही व डॉ0 वैभव उनियाल द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई है।

    इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक भारत के तीन नए आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम(बीएसए) के दार्शनिक आधारों और प्रगतिशील तत्वों पर प्रकाश डालती है। उन्होंने कहा कि तीन नए कानूनों पर किए गए शोध पर आधारित इस पुस्तक में अंकित जानकारी सभी विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और नागरिकों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी।

    राज्यपाल ने इन नए कानूनों को भारतीय न्याय प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि ये नए कानून अपराध न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जिससे त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा। राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन तीन कानूनों में पीड़ित के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है, जिससे पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा हो सके।

    राज्यपाल ने कहा कि ‘‘न्याय में देरी, न्याय से वंचित’’ करने के समान होती है, और नए आपराधिक कानून इस समस्या को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हर नागरिक इन नए प्रावधानों का अध्ययन करें और समाज में इन कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में योगदान दें, ताकि एक न्यायसंगत और समावेशी समाज की स्थापना हो सके।

    उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की शोधपरक पुस्तकों से न केवल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और विशेषज्ञों को लाभ मिलेगा, बल्कि समाज के हर वर्ग के लोग इन नए आपराधिक कानूनों की गहरी समझ प्राप्त कर सकेंगे। राज्यपाल ने सभी लेखकों और विश्वविद्यालय को इस सराहनीय पहल के लिए शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर उत्तरांचल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जितेन्द्र जोशी, उपाध्यक्ष श्रीमती अनुराधा जोशी, प्रमुख सचिव विधायी धनंजय चतुर्वेदी, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, कुलपति उत्तरांचल विश्वविद्यालय प्रो. धर्मबुद्धि, प्रति कुलपति प्रो. राजेश बहुगुणा, प्राचार्य लॉ कॉलेज प्रो. पूनम रावत, डॉ. वैभव उनियाल सहित लॉ कॉलेज के छात्र-छात्राएं व अन्य लोग मौजूद रहे।
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