30-01-2025 : 14 इन्फेंट्री डिवीजन के कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन।
जय हिन्द!
यह मेरे लिए अत्यंत सम्मान और गर्व की बात है कि मैं आज 14 इन्फेंट्री डिवीजन के बहादुर अधिकारियों, जेसीओ और जवानों को संबोधित कर रहा हूँ। आप जैसे साहसी और समर्पित सैनिकों के बीच खड़े होकर मुझे बेहद गर्व और प्रेरणा की अनुभूति हो रही है।
आज के इस सुअवसर पर मैं, देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूँ। सैनिकों का बलिदान, साहस और कर्तव्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता हमारे लिए अनुकरणीय है। मुझे गर्व है कि 14 इन्फेंट्री डिवीजन द्वारा किए गए कार्य केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को सशक्त बनाने में भी आपका योगदान अविस्मरणीय है।
सबसे पहले, मैं रानीपोखरी में सीएसडी एक्सटेंशन काउंटर की स्थापना के लिए आपको बधाई देना चाहता हूँ। 2008 से लंबित यह परियोजना, आपके प्रयासों के कारण केवल 100 दिनों में पूरी हो गई। यह सुविधा अब 3,000 से अधिक भूत-पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और विशिष्ट योद्धाओं को लाभान्वित कर रही है।
इसका उद्घाटन स्वर्गीय नायक जोगेंद्र सिंह चैहान की पत्नी के द्वारा किया गया, जो हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि और उनके परिवारों को समर्पित सम्मान है।
साथियों,
मातृभूमि की सेवा का ये अवसर बड़े सौभाग्य से मिलता है। ये सेवा आसान नहीं है। ये मातृभूमि को सर्वस्व मानने वाले मतवालों की साधना है। कहीं हिमालय की बर्फ और ग्लेशियर का शून्य से नीचा तापमान, कहीं गर्मियों में तपता हुआ रण का रेगिस्तान, कहीं धूल भरी रेतीली आंधियाँ, और कहीं दल-दल की चुनौतियां। इस साधना से तपकर हमारा सैनिक फौलाद बनकर चमकता है।
आपकी ये अटल इच्छा शक्ति, आपका ये अथाह शौर्य, पराक्रम की पराकाष्ठा, देश जब आपको देखता है तो उसे सुरक्षा और शांति की गारंटी दिखाई देती है। दुनिया जब आपको देखती है तो उसे भारत की ताकत दिखाई देती है। ये है भारतीय सेना का, भारतीय सुरक्षाबलों का पराक्रम। हमें गर्व है हमारे जवानों ने हर मुश्किल से मुश्किल मौके पर अपने सामथ्र्य को सिद्ध किया है।
हर भारतीय वीर सैनिकों के प्रति गहरा सम्मान रखता है और सैनिकों के प्रति यह सम्मान देश के मूल्यों में समाया हुआ है। मैं देश सेवा में प्रत्येक सैनिक के योगदान की सराहना करता हूँ। आपकी चैकसी के कारण ही हर भारतीय आजादी से अपना जीवन जीता है।
मेरा मानना है कि सबसे आकर्षक चीज काम के प्रति आपकी निष्ठा और जिम्मेदारी की भावना है। सैनिकों का हर कार्य के प्रति समर्पण हमारे लिए प्रेरणादायी है। सीमाओं की रक्षा करने के अलावा आवश्यकता पड़ने पर नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने में भारतीय सेना द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की मैं भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ।
आप सभी का सेना और भूतपूर्व सैनिकों के बीच मजबूत संबंध बनाए रखना अत्यधिक सराहनीय है। इसका एक उदाहरण 17 सितम्बर, 2024 को सोलन में आयोजित पूर्व सैनिक रैली, जिसमें 2,884 भूत-पूर्व सैनिकों से संपर्क किया गया। इस रैली में प्राप्त 43 शिकायतों का समाधान किया गया। 4 अप्रैल, 2024 को देहरादून में आयोजित भूतपूर्व सैनिक रैली एक और उत्कृष्ट प्रयास था। इस दौरान 151 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 123 का मौके पर ही समाधान किया गया। इस प्रकार की रैलियाँ हमारे भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं को हल करने और उन्हें सम्मान देने का एक सशक्त माध्यम हैं।
हमें अपने वीर शहीदों के परिजनों की देखभाल और उनकी हर परिस्थिति में सहयोग करते हुए उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं, ईसीएचएस लाभ और अन्य आवश्यक सुविधाओं का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने में तत्परता से कार्य करना चाहिए।
आपके द्वारा स्थापित वेटरन हेल्प डेस्क ने भूतपूर्व सैनिकों की शिकायतों के समाधान को और भी अधिक प्रभावी बना दिया है। चाहे वह ैच्।त्ैभ् ।च्च् हो, पेंशन या म्ब्भ्ै से जुड़ी समस्याएँ हों, मैं आपकी इस पहल की हृदय से सराहना करता हूँ।
सिलक्यारा सुरंग में राहत और बचाव कार्यों में आपकी भागीदारी ने संकट के समय आपकी तत्परता और साहस को सिद्ध किया है। कुंजुम दर्रा के पास बालटाल में फंसे 65 पर्यटकों को बचाने और कसौली में भयावह जंगल की आग को रोकने में आपकी बहादुरी ने अनेकों जानें बचाईं और संपत्ति को नुकसान होने से बचाया। ये कार्य नागरिकों को यह भरोसा दिलाते हैं कि भारतीय सेना हमेशा उनके साथ खड़ी है।
समाज कल्याण में आपका योगदान भी अतुलनीय है। कसौली में महिला कल्याण क्लीनिक की स्थापना ने महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में आपकी संवेदनशीलता को उजागर किया है। यह पहल समाज के प्रति आपकी करुणा को दर्शाती है।
दूरदराज के क्षेत्रों में युवाओं को शिक्षा और अवसरों पर व्याख्यान देना एक और प्रेरणादायक कदम है। इस तरह की पहल युवाओं को प्रोत्साहित कर उन्हें बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करती है। इसके अलावा, प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना शिक्षा के क्षेत्र में आपकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसी पर्यावरण संरक्षण योजनाओं के माध्यम से आप प्रकृति के प्रति जन समुदाय में जागरूकता फैला रहे हैं। ‘नशा मुक्त भारत’ और ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में आपकी सक्रिय भागीदारी राष्ट्र के प्रति आपके समर्पण और समाज के प्रति आपके दायित्व को दर्शाती है।
आपके द्वारा एनसीसी शिविरों की सुविधा और युवाओं को सेना से परिचय कराना भी प्रशंसनीय है। इससे उन्हें अनुशासन, देशभक्ति, और जिम्मेदारी के मूल्यों को समझने में मदद मिलती है। रक्तदान शिविरों और साइक्लिंग मैराथन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने के आपके प्रयास भी सराहनीय हैं। ऐसे कार्यक्रम समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और एकता की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।
मुझे गर्व है कि 14 इन्फेंट्री डिवीजन के प्रयासों से बीरपुर छावनी के ‘आशा स्कूल’ में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा और सहायता प्रदान की जा रही है। यह पहल आपकी संवेदनशीलता और समर्पण को दर्शाती है।
14 इन्फेंट्री डिवीजन ने हर क्षेत्र में, चाहे वह सैनिक हो या नागरिक, असाधारण योगदान दिया है। आपके कार्य, आपकी सेवा और आपकी मानवता, इन सभी ने समाज के हर वर्ग को प्रेरित किया है। आपकी डिवीज़न ने भारत सरकार के सभी योजनाओं को भी साकार करने में अहम भूमिका निभाई है।
2025 भारतीय सेना में तकनीकी परिवर्तन और तकनीक के समावेशन का वर्ष है। इस दिशा में, भारतीय सेना ने और आपकी डिवीज़न ने अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई उन्नत तकनीकों को अपनाया है।
भारतीय सेना ने एआई का उपयोग सीमाओं की निगरानी, खुफिया विश्लेषण, और युद्ध रणनीति में किया है। ।प्.संचालित ड्रोन और रोबोटिक सिस्टम अब कठिन इलाकों में गश्त और राहत कार्यों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। सीमावर्ती इलाकों में निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इनका उपयोग न केवल दुश्मन की गतिविधियों की पहचान में हो रहा है, बल्कि आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों में भी किया जा रहा है।
भारतीय सेना अब उन्नत साइबर सुरक्षा प्रणालियों से लैस है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ किसी भी डिजिटल खतरों को निष्प्रभावी करने में सक्षम है। मैं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के समावेश और इसके प्रति अनुकूलन पर भारतीय सेना के दृष्टिकोण की भी सराहना करता हूँ।
साथियों,
‘देवभूमि’ उत्तराखण्ड ‘वीरभूमि’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के हमारे वीर सैनिकों का योगदान अतुलनीय रहा है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। सैनिकों का बलिदान न केवल हमारे लिए अमूल्य है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
हमारे सैनिकों का जीवन अनुशासन, नेतृत्व राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय उदाहरण है, जो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आप अपने अनुभवों से समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहयोग करेंगे, मेरा दृढ़ विश्वास है।
हम सभी ने मिलकर भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने का लक्ष्य रखा है, इसमें सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहने वाली है। मेरा आप से आग्रह है कि विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरे सामथ्र्य से अपना योगदान दें।
अंत में, मैं 14 इन्फेंट्री डिवीज़न द्वारा समाज को सशक्त बनाने में, मैं आपके योगदान की सराहना करता हूँ। आपके स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध जीवन की कामना करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूँ।
जय हिन्द!