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    29-09-2022: राज्यपाल ने जीसीटीसी द्वारा आयोजित ‘‘रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की ओर’’ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता वर्चुअली प्रतिभाग किया।

    प्रकाशित तिथि: सितम्बर 29, 2022

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीरवार को ग्लोबल काउंटर टेरेरिज्म काउंसिल (जीसीटीसी) द्वारा आयोजित ‘‘रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की ओर’’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता वर्चुअली प्रतिभाग किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक आंदोलन है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य भारत को सभी पहलुओं में आत्मनिर्भर बनाना है। देश में नई, भविष्यवादी या उभरती प्रौद्योगिकियों को विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा कि भारत समय के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में आयात को कम कर रहा है और स्वदेशीकरण को बढ़ावा दे रहा है जो आत्मनिर्भरता को दर्शा रहा है।

    राज्यपाल ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता वास्तव में आत्मनिर्भर भारत का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि विश्व में एक सैन्य शक्ति बनने के लिए, भारत को रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी। प्रधानमंत्री के शब्दों में, आत्मनिर्भर भारत अभियान का लक्ष्य देश में एक आधुनिक सैन्य उद्योग विकसित करके भारत को दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्तियों में से एक बनाना है।

    राज्यपाल ने कहा कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए, रक्षा औद्योगिक गलियारे, रक्षा और एयरोस्पेस से संबंधित वस्तुओं के स्वदेशी उत्पादन को प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार और निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयासों से ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के भारत के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और निजी घरेलू निर्माताओं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और स्टार्ट-अप के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

    राज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान स्टार्ट-अप और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए अपनी घरेलू क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए कई अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और कठोर निर्णयों के कारण रक्षा निर्माण से संबंधित तंत्र में व्यावहारिक परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी उचित प्राथमिकता दी जा रही है जो रक्षा क्षेत्र के लिए अच्छे संकेत हैं।
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