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    28-02-2025 : उत्तराखण्ड हेल्थ केयर इनोवेशन समिट में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    प्रकाशित तिथि: फ़रवरी 28, 2025

    उत्तराखण्ड हेल्थ केयर इनोवेशन समिट में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    (दिनांकः 28 फरवरी, 2025)

    जय हिन्द!

    आज वेलॉक्स मीडिया (टमसवगग डमकपं) और उत्तराखण्ड सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित “उत्तराखण्ड हेल्थ केयर इनोवेशन समिट’’ में आप सभी के समक्ष उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

    यह समिट न केवल हमारे प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास पर चर्चा का मंच है, बल्कि यह भविष्य में हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूत और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल है।

    आज का यह अवसर स्वास्थ्य सेवा में अनुसंधान और नवाचार का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का दिन है। मुझे विश्वास है कि यह समिट स्वास्थ्य क्षेत्र में नवीनतम नवाचारों, नीतियों और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।

    उत्तराखण्ड, एक पहाड़ी राज्य के कारण, यहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और आपूर्ति को लेकर कई चुनौतियाँ हमेशा से रहती हैं। ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना हमारे लिए हमेशा से एक कठिन काम रहा है। हमें इन चुनौतियों से पार पाने के लिए गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि यह समिट इस दिशा में अमृत परिणाम देने में सार्थक सिद्ध होगा।

    साथियों,

    हमारे शास्त्रों में कहा गया है- शरीर-माद्यं खलु धर्म-साधनम्। अर्थात् हमारा शरीर, हमारा स्वास्थ्य ही हमारे धर्म, हमारे सुख और हमारी सफलता का सबसे बड़ा साधन है। इसीलिए, सबका इलाज, सबको आरोग्य! इस विजन को पूरा करने के लिए हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाना आवश्यक है।

    वैश्विक कोविड-19 महामारी ने हमें अहसास कराया है कि स्वास्थ्य वैश्विक स्तर पर हमारे निर्णयों के केंद्र में होना चाहिए। आज की दुनिया परस्पर संबद्ध है, इसलिए हमें भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों का अनुमान लगाने, तैयारी करने और मुकाबला करने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।

    सरकार का लक्ष्य बीमारियों को कम करना, स्वस्थ माहौल बनाना, पोषण, साफ पानी, स्वच्छता जैसी जरूरी चीजों पर ध्यान देना है। हमें खुशी है कि उत्तराखण्ड सरकार अपने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और बेहत्तर इलाज के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर कार्य कर रही है।

    हाल ही में, केंद्र सरकार की तर्ज पर, राज्य में ‘‘स्टेट हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर’’ का गठन किया गया है। यह केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार, पारदर्शिता, और गुणवत्ता सुधार के लिए ठोस रणनीतियाँ तैयार करेगा, साथ ही नवीनतम तकनीकों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    यह अच्छी बात है कि सरकार खासतौर पर, गरीब और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने और जनसंख्या संतुलन बनाए रखने के लिए काम कर रही है। इसके लिए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करते हुए निजी क्षेत्र को भी साथ जोड़ा जाएगा। पहाड़ी क्षेत्रों में कार्यरत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने का सरकार का फैसला एक सराहनीय कदम है।

    राज्य का प्रत्येक नागरिक चाहे वह किसी भी क्षेत्र या आर्थिक पृष्ठभूमि से हो, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सके, यह हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। यह अच्छी बात है कि इसके लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने में सहायक हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के माध्यम से, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, और संक्रामक रोगों की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

    साथियों,

    हमारे ऋषियों ने कहा है-आरोग्यम् परमम् भाग्यम्! यानी, आरोग्य ही परम भाग्य, परम धन है। इसलिए देश के नागरिकों को अच्छी व वहन करनेयोग्यस्वास्थ्य सेवाएं देना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मेरा मानना है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और नवाचार केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी से हम स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में और भी अधिक सुधार कर सकते हैं।

    मैं निजी अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं, और अन्य संबंधित उद्योगों से आग्रह करता हूँ कि वे सरकार के साथ मिलकर कार्य करें। पीपीपी मॉडल के माध्यम से, हम स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत कर सकते हैं, नवीन तकनीकों को अपना सकते हैं, और राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं।

    उत्तराखण्ड की भौगोलिक विविधता और दुर्गमता को ध्यान में रखकर, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार के लिए हमें अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण, मानव संसाधन विकास, डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं, स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र को केंद्र में रखकर अब हमें तेजी से कार्य करना होगा।

    यह मूल रूप से आवश्यक है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के पास कुशल देखभाल प्रदान करने, जीवन बचाने, दक्षता पैदा करने और परिणामों में सुधार करने के लिए आवश्यक सभी उपकरण हों। विभाग द्वारा ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना और उनके उन्नयन के प्रयास किए जाने चाहिए। चिकित्सकों, नर्सों, और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती और प्रशिक्षण कार्यक्रम में हमें तेजी लाए जाने की आवश्यकता है।

    पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावशाली उपयोग हुआ है। टेलीमेडिसिन, मोबाइल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और डिजिटल स्वास्थ्य मंचों ने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुगम बनाया है।

    उत्तराखण्ड में टेलीमेडिसिन और ई-स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श उपलब्ध हो सके। नागरिकों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाई जाए जिससे वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ और बीमारियों की रोकथाम कर सकें।

    मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीक को तेजी से अपनाने से कैसे बेहतर डायग्नोस्टिक्स, व्यक्तिगत उपचार योजनाएं और परिचालन दक्षता में वृद्धि हो रही है, जिससे रोगी के देखभाल में बदलाव आ रहा है। स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में ।प् रोबोटिक्स और टेलीमेडिसिन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

    जिस देश के नागरिक, जितने स्वस्थ होंगे, उस देश की प्रगति की गति भी तेज होगी। हमें इस सोच के साथ अपने नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, यानि बीमारी होने से पहले का बचाव, समय पर बीमारी की जांच, मुफ्त और सस्ता इलाज, सस्ती दवाएं, छोटे शहरों में अच्छा इलाज, डॉक्टरों की कमी दूर करना और स्वास्थ्य सेवा में टेक्नोलॉजी के विस्तार पर फोकस करना चाहिए।

    साथियों,

    भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल में देश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कर रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है। और इन निर्णयों में देश के गरीब, मध्यम वर्ग, युवा, महिलाओं, किसानों को सर्वाेच्च प्राथमिकता मिली है।

    हमें गर्व है कि हमारा देश विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘‘आयुष्मान भारत’’ चला रहा है। अब 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को भी इस योजना से हर वर्ष पांच लाख रुपये का हेल्थ कवर का लाभ मिलेगा।

    समाज के हर वर्ग तक सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे, ये हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। देश में नागरिकों तक बेहत्तर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए 1 लाख 75 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं। देश में कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या और इलाज में होने वाले खर्च को देखते हुए अनेक कैंसर दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है।

    सर्वाइकल कैंसर के लिए अब तक लगभग 9 करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। सरकार के प्रयासों से दिमागी बुखार से लड़ने में देश को काफी सफलता मिली है। इससे होने वाली मृत्यु दर अब घटकर 6 प्रतिशत रह गई है। भारत में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में भी व्यापक सुधार हुआ है।

    गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम की सही ट्रैकिंग रखने के लिए न्.ॅप्छ पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक लगभग तीस करोड़ वैक्सीन खुराक दर्ज हो चुकी है। टेलीमेडिसिन के माध्यम से 30 करोड़ से अधिक ई-टेली-कन्सल्टेशन से नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। केंद्र सरकार अगले पाँच सालों में देश के मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार नई सीटों के सृजन के लिए भी काम कर रही है।

    साथियों,

    हमारे राष्ट्र चरित्र की, हमारे सामाजिक ताने-बाने की आत्मा है- “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः”। सब सुखी हों, सब निरामय हों। हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चलकर इस भावना के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करें। मुझे भरोसा है कि आने वाले 25 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में हमारे ये प्रयास विकसित भारत का मजबूत आधार बनेंगे।

    उत्तराखण्ड की भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थितियाँ स्वास्थ्य सेवा वितरण के क्षेत्र में कई अद्वितीय अवसर और चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं। इस दिशा में, उत्तराखण्ड हेल्थकेयर इनोवेशन समिट-2025 का आयोजन न केवल उत्तराखण्ड बल्कि पूरे देश के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचार और सुधार के नए द्वार खोलेगा। राज्य सरकार, नीति निर्माता, चिकित्सा विशेषज्ञ, उद्योग जगत और सामाजिक संगठनों की सहभागिता इसे और अधिक प्रभावी बनाएगी।

    मैं उपस्थित सभी विशेषज्ञों से आग्रह करता हूँ कि वे अपने अनुभव और विचारों को साझा करें, ताकि हम एक समेकित स्वास्थ्य ढांचा तैयार कर सकें। हमें ऐसी रणनीति बनाने की आवश्यकता है, जो हमारे प्रदेश के हर व्यक्ति के स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाए रखने के साथ-साथ एक स्वस्थ और समृद्ध उत्तराखण्ड प्रदान करने वाली व्यवस्था प्रदान करें।

    मुझे इस गरिमामय अवसर का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। मुझे विश्वास है कि इस आयोजन के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र में ठोस रणनीतियाँ विकसित होंगी, जिससे उत्तराखण्ड के नागरिकों को दी जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार होगा।

    मैं वेलॉक्स मीडिया और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तराखण्ड सरकार को इस महत्वपूर्ण पहल के लिए बधाई देता हूँ। सरकारी और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों से हम अपने राज्य के प्रत्येक नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सफल होंगे।

    अंत में, मैं सभी साथियों को इस समिट की सफलता के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ। हम सभी मिलकर एक स्वस्थ, सशक्त और समृद्ध उत्तराखण्ड के लिए अपने उच्चतम प्रयासों को जारी रखें, इन्हीं शब्दों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूँ।
    जय हिन्द!