27-07-2024 : 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर ऑपरेशन विजय कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन।
जय हिन्द!
आज यहां उपस्थित सभी वेटरन्स, सेवा कर रहे अधिकारियों और उनके परिवारों को देखकर मुझे अत्यंत खुशी हो रही है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम इतने बहादुर और समर्पित लोगों के बीच में हैं।
भारत संस्कृति, क्षमा, और साहस की भूमि है। यह देश और इसका इतिहास दुनिया के लिए उल्लेखनीय और प्रेरणादायक है। भारतीय सबसे कठिन परिस्थितियों से गुज़रे हैं और फिर भी अपना गौरव बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। हमारे सैनिकों ने कई लड़ाइयां लड़ी हैं और उनमें विजय हासिल की है।
कारगिल एक ऐसा ही यादगार युद्ध है। यह वह दिन है, जब भारतीय सैनिकों ने कारगिल की ऊंची चोटियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर राष्ट्र की रक्षा की थी। कारगिल युद्ध कठिन परिस्थितियों में लड़ा गया था, और हम आज करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह दिन हमारे लिए न केवल गर्व का, बल्कि सम्मान का भी है।
यह दिन हमें याद दिलाता है उन वीर सैनिकों की, जिन्होंने इस भूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर हमारी मातृभूमि की रक्षा की।
मई 1999 में, पाकिस्तान ने करगिल की बर्फीली चोटियों पर अकारण अतिक्रमण किया। उस समय हमारे सैनिकों ने जो साहस और संकल्प दिखाया, वह वास्तव में अद्वितीय था। ऑपरेशन विजय के तहत, हमारे सैनिकों ने द्रास, करगिल और बटालिक में हुई भयंकर लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों को पीछे धकेलकर भारतीय क्षेत्र से बाहर कर दिया। यह संघर्ष केवल एक सैन्य विजय नहीं था, बल्कि यह एक राष्ट्र की अडिग इच्छा और सामथ्र्य का प्रतीक भी था। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और अटल संकल्प का प्रदर्शन किया, और पूरे राष्ट्र ने एकजुट होकर इस विजय में योगदान दिया। यह वीरता और बलिदान की गाथा आज भी हमारे दिलों में जिंदा है।
कप्तान विक्रम बत्रा जैसे वीर सैनिकों की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं। उनकी वीरता और देशप्रेम युवाओं के लिए आदर्श हैं। कारगिल युद्ध में ऐसे ही कई सैनिक थे जिन्होंने अदम्य साहस दिखाया, जिन्होंने अपने से कहीं ज्यादा मजबूत दुश्मन का सामना किया।
कारगिल युद्ध हमें यह भी बताता है कि सफलता के लिए दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत जरूरी है। हमारे सैनिकों ने युद्ध के मैदान में कठोर परिश्रम और अभ्यास किया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि चुनौतियों से घबराने वाले कभी सफल नहीं होते।
आज हमने 21 वीर नारियां और 3 वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया है। ये वीर नारियां हमारे सैनिकों की शक्ति का स्तंभ हैं। उनके साहस और समर्थन के बिना, हमारे सैनिक वह सब नहीं कर सकते जो उन्होंने किया। आप सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और हमें यह सिखाते हैं कि सच्ची वीरता क्या होती है।
आज की सिम्फनी बैंड की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। संगीत की यह ध्वनि हमारे सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब हमारे सैनिक युद्ध के मैदान में होते हैं, तो यह संगीत और यह समर्थन ही है जो उन्हें आगे बढ़ने और जीत हासिल करने के लिए प्रेरित करता है। यह सच है कि इस तरह की प्रस्तुतियाँ फौजियों के मनोबल को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं, जिससे वे किसी भी चुनौती का सामना करते हुए विजय प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
मुझे बेहद प्रसन्नता है कि इस सिम्फनी बैंड के माध्यम से बच्चों को भी प्रेरणा दी गई है। मुझे बताया गया है कि यह कार्यक्रम पिछले तीन दिनों से चल रहा है। विभिन्न स्कूलों में जीआरसी, केआरसी और बीईजी के बैंड द्वारा शानदार सिम्फनी प्रस्तुतियाँ दी गईं, और एक ही दिन में 10 स्कूलों के 430 से अधिक छात्रों ने इसमें भाग लिया। यह न केवल छात्रों को प्रेरित करेगा, बल्कि उनके भीतर सच्ची देशभक्ति का एहसास भी जगाएगा।
भारतीय सेना 2024 को ‘टेक्नोलॉजी एब्जॉप्र्शन का वर्ष’ (Army Technology Absorption Year) के रूप में मना रही है। प्रौद्योगिकियाँ लगातार विकसित हो रही हैं, और यह निकट भविष्य में सेना की कार्यक्षमता पर गहरा प्रभाव डालेंगी। नई तकनीकों का समावेश सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा सकता है, और हमें आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर सकता है।
हालांकि, तकनीक का विकास बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन फिर भी मानव स्पर्श की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। तकनीक केवल एक साधन है, असली ताकत सैनिकों की भावना, उनका साहस और उनके परिवारों का समर्थन है। यह मानव स्पर्श ही है जो एक सैनिक को हर परिस्थिति में विजय की ओर ले जाता है। हमारे सैनिकों की वीरता और उनके बलिदान को तकनीक कभी प्रतिस्थापित नहीं कर सकती। यह मानव तत्व ही है जो हमें हर मुश्किल को पार करने की शक्ति देता है। इसलिए, हमें तकनीकी विकास के साथ-साथ सैनिकों के मनोबल और मानव मूल्यों को भी बनाए रखना चाहिए।
कारगिल विजय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों ने किस प्रकार अपने प्राणों की आहुति दी और हमारे देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। यह हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें अपने सैनिकों पर गर्व है। हम सभी को उनके बलिदान और उनकी वीरता के लिए सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम उनकी यादों को जीवित रखें और आने वाली पीढ़ियों को उनके बारे में बताते रहें।
आज का दिन हमें यह भी सिखाता है कि हम अपने सैनिकों के समर्थन में हमेशा खड़े रहें। उनके परिवार, उनकी विरासत, और उनकी यादें हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें उनके बलिदान का सम्मान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी वीरता की कहानियाँ हमेशा जीवित रहें।
कारगिल युद्ध ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक दिए हैंः
पहला सबक है- एकता की ताकत। कारगिल युद्ध में पूरे देश ने एकजुट होकर भारतीय सेना का साथ दिया। हर वर्ग के लोगों ने सैनिकों का हौसला बढ़ाया और उनकी हर संभव मदद की।
दूसरा सबक है-कठिन परिस्थितियों में धैर्य और हिम्मत। युद्ध के दौरान सैनिकों को न केवल दुश्मन का सामना करना पड़ा, बल्कि प्रकृति की कठोरता से भी जूझना पड़ा। उन्होंने धैर्य और हिम्मत से हर चुनौती को पार किया।
तीसरा सबक है- तैयारी का महत्व। कारगिल युद्ध यह भी बताता है कि युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। हमें अपनी सेना को मजबूत बनाते रहना चाहिए, ताकि कोई भी विदेशी ताकत हमारी धरती पर आँख उठाकर न देख सके।
आज के युवाओं के लिए कारगिल विजय दिवस एक अत्यंत प्रेरणादायक अवसर है। यह हमें सिखाता है कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करना अनिवार्य है और देश के प्रति समर्पण की भावना बनाए रखनी चाहिए। चाहे शिक्षा हो, खेल हो, या किसी भी चुने हुए क्षेत्र में, हमें हमेशा उत्कृष्टता की ओर प्रयासरत रहना चाहिए। कारगिल के शहीद सैनिक हमें यह भी बताते हैं कि अनुशासन और देशभक्ति सफलता की कुंजी हैं। हमें अपने दायित्वों को गंभीरता से समझना चाहिए और देश के प्रति हमेशा वफादार रहना चाहिए।
अंत में, मैं सभी वीर नारियों, वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वालों, वेटरन्स, सेवा कर रहे अधिकारियों, और उनके परिवारों का धन्यवाद करता हूँ। आपका समर्पण, आपका साहस, और आपकी सेवा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। हम आपके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे और हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे।
जय हिन्द!