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    26-10-2024:राजभवन में वित्तीय जागरूकता पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल।

    प्रकाशित तिथि: अक्टूबर 26, 2024

    जय हिन्द!

    वित्तीय जागरूकता से संबंधित इस कार्यक्रम में आपके बीच आकर मुझे खुशी की अनुभूति हो रही है। व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन और धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह सेमिनार आयोजित किया गया है, जो आज के समय की एक बड़ी आवश्यकता है।

    सबसे पहले, मैं आईसीआईसीआई बैंक का आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने राजभवन में यह महत्वपूर्ण वित्तीय जागरूकता सेमिनार आयोजित किया। यह बड़ी चिंता की बात है कि हर रोज हमारे देश एवं प्रदेश के लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसलिए आज के समय में व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन और धोखाधड़ी से बचाव के लिए जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। मुझे इस बात को लेकर बेहद खुशी है कि इस दिशा में बैंक ने यह पहल की है।

    मुझे विश्वास है कि इस सेमिनार के माध्यम से सभी प्रतिभागियों ने अपने वित्तीय मामलों को बेहतर ढंग से समझने और प्रबंधित करने के साथ ही साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से कैसे बचें? इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की होंगी।

    आज यहां जिन विषयों पर चर्चा हुई, जैसे जीवन के विभिन्न चरणों में समझदारी से निवेश करने के तरीके, अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखने का महत्व, और विभिन्न ऋण विकल्पों की जानकारी – ये सभी हमारे आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचा जा सकता है, इस पर आईसीआईसीआई बैंक द्वारा दिए गए सुझाव भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।

    आज, डिजिटल इंडिया के युग में, डिजिटल वित्तीय सेवाओं का महत्व भी बढ़ गया है। यह खुशी की बात है कि भारत में 2014 के बाद से 53 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले गए हैं, जिससे गरीब और वंचित वर्गों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित हुई है।

    एक समय था जब उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था मनी ऑर्डर पर आधारित थी। आज समय बदल गया है। आज तो यूपीआई का जमाना आ गया है। लेकिन इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए नागरिकों को डिजिटल वित्तीय साक्षरता की भी आवश्यकता है। यह साक्षरता व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी से बचने में मदद करती है। साथ ही व्यक्ति जालसाजी और अनचाही वित्तीय योजनाओं से सुरक्षित रहता है।

    साइबर अपराध कितना खतरनाक है इसका अंदाजा देशवासियों से हो रही ठगी से लगाया जा सकता है। देश में साइबर ठगी की बात करें तो हर दिन 100 करोड़ रुपये से अधिक ठगी की जा रही है।
    इनमें से 90 फीसदी से अधिक रकम चीन के साइबर ठगों को भेजी जाती है। इस तरह बिना किसी कारोबार के ही बड़ी मात्रा में हमारे देश का धन चीन सहित कई देशों में जा रहा है।

    उत्तराखण्ड जैसे छोटे प्रदेश में भी साइबर ठगी के आँकड़े चौकाने वाले है। साइबर अपराधी हर दिन प्रदेश की जनता से लगभग 46 लाख रुपये ठग रहे हैं। इस साल कुल 290 दिनों में प्रदेश के लोगों ने 133 करोड़ रुपये साइबर ठगों को दे दिए। यह रकम प्रदेश में हुई चोरी, लूट, डकैती से भी कहीं ज्यादा है।

    हेल्पलाइन पर इस साल अब तक 19000 से ज्यादा लोगों ने शिकायत की। अब तक शिकायतों की बात करें तो हर दिन लगभग 65 लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। ये आकड़े बेहद भयावह हैं। अक्सर देखा गया है कि लोग साइबर ठगों के जाल में डर और लालच के कारण आते हैं। ऐसे में हमें अभी जागरूकता का स्तर बढ़ाने की जरूरत है।

    मुझे यह जानकर भी अति प्रसन्नता हुई है कि आईसीआईसीआई बैंक ने उत्तराखण्ड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर एक अभिनव पहल की है, जिससे अस्पतालों के बिलों का तुरंत और सरल निपटान हो सके। मुझे बताया गया कि 2021 में शुरू हुए इस सहयोग से राज्य के लोगों को डिजिटल भुगतान के माध्यम से बहुत सहूलियत मिली है, जो निश्चित रूप से समय की बचत और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।

    आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा राज्य में किए गए सामाजिक कार्य भी अत्यंत सराहनीय हैं। चाहे वह 11 जिलों में 70 पैदल पुलों का निर्माण हो, जिसने 1.23 लाख लोगों को सुगम यातायात की सुविधा दी है, या फिर कौशल विकास कार्यक्रम, जिसने 3,000 से अधिक व्यक्तियों को, जिनमें से 1,000 महिलाएँ हैं, रोजगार योग्य बनाया है। इन सभी पहलों का राज्य के विकास में बड़ा योगदान है।

    इसके अलावा, फाउंडेशन द्वारा पर्यावरण संरक्षण, जैसे वर्षा जल संचयन, कचरा प्रबंधन, और वन संरक्षण जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य भर में 1 लाख पौधों के रोपण और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं एंबुलेंस प्रदान करने जैसे कार्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे इन सामाजिक कार्यों की मैं सराहना करता हूँ।

    मैं आशा करता हूँ कि इस सेमिनार के माध्यम से आप सभी को व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर मूल्यवान जानकारी प्राप्त हुई होगी, साथ ही यह धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक होगी, जो न केवल आपके व्यक्तिगत विकास में सहायक होगी, बल्कि समाज के व्यापक हित में भी उपयोगी सिद्ध होगी।

    मैं आईसीआईसीआई बैंक और उनकी टीम को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ और आशा करता हूँ कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम हमारे राज्य के नागरिकों के जीवन को सशक्त बनाने के लिए आयोजित होते रहेंगे।

    जय हिन्द!