26-04-2024 : IIMUN के उद्घाटन समारोह में माननीय राज्यपाल का संबोधन।
जय हिन्द!
सर्वप्रथम मैं, राजभवन देहरादून में आप सभी का स्वागत और अभिनंदन करता हूँ, आज राजभवन में प्प्डन्छ के इस कार्यक्रम हेतु युवा छात्रों की मेजबानी करना एक ऐतिहासिक अवसर है। प्प्डन्छ, एक प्रतिष्ठित युवा संगठन है, जिसके नेटवर्क में 220 शहरों और 35 देशों के 26,000 से अधिक समर्पित युवा शामिल हैं। 7,500 से अधिक स्कूलों के साथ सहयोग करके और 10 मिलियन छात्रों को लाभ देते हुए, प्प्डन्छ ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, समसामयिक मामलों और वैश्विक राजनीति पर सफलतापूर्वक जागरूकता बढ़ाई है।
भारतीय लोकाचार के माध्यम से एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध यह संगठन, न केवल भारत में गर्व की भावना लाता है, बल्कि हमारे देश की अनुकरणीय प्रथाओं को वैश्विक स्तर पर भी साझा करता है।
प्रौद्योगिकी के इस आधुनिक युग में, इंटरनेट की बदौलत भारतीय युवा अधिक जागरूक हैं और वैश्विक घटनाक्रमों से जुड़े हुए हैं। इस जागरूकता ने वैश्विक शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई नए अवसर उत्पन्न किए हैं। प्प्डन्छ जैसे संगठन, भारत में अपनी व्यापक उपस्थिति के साथ, वैश्विक स्तर पर परस्पर अगली पीढ़ी के लीडर्स को तैयार करने की क्षमता रखते हैं।
जनसंख्या की दृष्टि से भारत एक युवा देश है, यहाँ की 65ः से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम है। और वर्तमान समय में हमारी युवा पीढ़ी के आस-पास ज्ञान अर्जित करने के कई नए माध्यम उत्पन्न हुए हैं। ऐसे में, हम सभी के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि हम युवा पीढ़ी को ऐसे रास्ते उपलब्ध कराएं जो उनकी विलक्षण योग्यता, कौशल और गतिशीलता का उपयोग करें, उन्हें राष्ट्रीय प्रगति के महान लक्ष्य और सभी के लिए एक उन्नत वातावरण के निर्माण की दिशा निर्देशित करें।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्तमान युग में युवा राष्ट्र की एक शक्तिशाली संपत्ति है, जिसमें प्रचुर मात्रा में ऊर्जा और उत्साह है जो समग्र उन्नति के लिए आवश्यक माना जाता है। आज का युवा, राष्ट्र के कल की स्थिति को आकार देता है। इसलिए युवाओं को पर्याप्त अवसर देकर उनकी शक्ति और क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए। युवा वर्ग को ज्ञान और कौशल दोनों में निपुण करने की आवश्यकता है, जिससे की राष्ट्र का सर्वांगीण विकास हो सके।
आज हमारे सामने बैठे युवा छात्र ही विकसित भारत का संकल्प पूरा करेंगे। हमें सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए युवाओं की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का लाभ उठाना चाहिए। वर्तमान युग, टेक्नोलॉजी का युग है, और मुझे यह कहते हुए अत्यंत प्रसन्नता है कि इस क्षेत्र में भारत, वर्तमान समय में विश्व का अग्रणी देश है। विश्व भर में भारत के टैलेंट की भारी संख्या में मांग बढ़ रही है। एक बच्चे के रूप में प्रत्येक व्यक्ति, अपने जीवन में कुछ बनने का सपना देखता है, दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि अपना लक्ष्य बनाते हैं। बच्चा अपनी शिक्षा पूरी करता है और कुछ हासिल करने के लिए कौशल प्राप्त करता है, यह राष्ट्र की प्रगति के प्रति उस व्यक्ति का सकारात्मक दृष्टिकोण है। हमें युवाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सही दिशा में काम करने पर मुख्य ध्यान देना चाहिए।
साथियों,
भारत की विविधता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमें अपनी विविधता को सबसे बड़ी ताकत बनाते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान से जुटना होगा। वर्तमान समय में सामूहिक चेतना के कारण भारत के विकसित राष्ट्र का संकल्प और मजबूत हो रहा है। आज जन कल्याण से जग कल्याण की राह पर चलने वाला भारत पहला राष्ट्र है। आज समूचा विश्व भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है। भारत की त्वरित निर्णय शक्ति के कारण आज दुनिया के शक्तिशाली देश भी तमाम समस्याओं के समाधान के लिए भारत को मार्गदर्शक के तौर पर देखने लगे हैं।
वास्तव में राष्ट्र निर्माण में कई दशक और कई बार तो शताब्दियां लग जाती हैं। इसी तरह यह कार्य समाज के किसी एक या कुछ वर्गों का दायित्व नहीं होता बल्कि इसमें सभी आयु समूह के प्रत्येक नागरिक तथा प्रत्येक वर्ग शामिल होते हैं। किन्तु इसमें कोई संदेह नहीं है कि अपनी शारीरिक एवं मानसिक शक्ति के आधार पर युवा राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी और विश्वसनीय भूमिका निभाते हैं।
मानव सभ्यता एवं संस्कृति के इतिहास के पन्ने प्रमाणित करते हैं कि कोई भी क्रांति या बड़ा परिवर्तन युवा वर्ग की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं आया है। इसलिए, समय की यही मांग है कि युवाओं को वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास करने के प्रति संवेदनशील बनाया जाय।
प्रिय छात्रों,
स्वामी विवेकानंद जी ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण माना है, उनका मानना था कि नौजवान पीढ़ी अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल देश की तरक्की में करें ताकि राष्ट्र को एक नए मुकाम तक पहुंचाया जा सके, क्योंकि युवा ही वर्तमान का निर्माता एवं भविष्य का नियामक होता है। देश की युवा पीढ़ी पर उनकी विशेष आस्था थी। विश्व में जितने भी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं उन सभी में युवाओं के लगन और बलिदान का अतुलनीय योगदान रहा है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी युवा शक्ति देश की तकदीर और तस्वीर बदलने का जज्बा रखती है। एक नया आईना दिखाने की क्षमता रखती है। अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन हमारी युवा शक्ति को अपनी सकारात्मक ऊर्जा राष्ट्रहित में लगाने को प्रेरित करता है।
मैं आपसे कहना चाहता हूँ, देश के साथ-साथ आप सभी उत्तराखण्ड के सतत विकास को भी अपने लक्ष्य में जोड़ें, हमारे राज्य उत्तराखण्ड को शिव जी महराज ने त्रिशूल के रूप में तीन महत्वपूर्ण आशीर्वाद प्रदान किए हैं, जो हैं टूरिज्म, वेलनेस और हॉर्टिकल्चर, हमारे युवाओं के सामने इन तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वरोजगार की अपार संभावनाएँ बनी हुई हैं। साथ ही हमें अपनी विरासत, जैव विविधताएँ और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लेना चाहिए।
प्रिय छात्रों,
प्प्डन्छ के माध्यम से आपके पास तीन नई चीजों को सीखने का अवसर मिल रहा है, जिसमें आप नए ज्ञान को प्राप्त करेंगे, नए कौशल को प्राप्त करेंगे और आपको राज्य भर से नए दोस्त, नए साथी बनाने का अवसर भी मिलेगा। ध्यान रहे, यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है, इसे हाथ से जाने मत दीजिएगा।
अंत में, मैं आपसे यही कहना चाहता हूँ कि आप लोग कभी भी किसी अवसर को अपने हाथ से जाने ना दें, यह निश्चित है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में देश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। और प्प्डन्छ जैसी संस्थाएँ युवाओं को बुद्धि एवं कौशल विकास के लिए अभूतपूर्व संसाधन और सुविधाएँ उपलब्ध करा रही हैं। मैं प्प्डन्छ को इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।
जय हिन्द!