25-04-2025:राज्यपाल से विभिन्न विभागों में नियुक्त दायित्वधारियों ने राजभवन में शिष्टाचार मुलाकात की।
उत्तराखण्ड के मनोनित दायित्वधारी को माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन
(दिनांकः 25 अप्रैल, 2025)
जय हिन्द!
प्रदेश के विभिन्न आयोगों, बोर्डों, समितियों, निगमों तथा परिषदों के दायित्वधारी महानुभावों का मैं, राजभवन में हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत करता हूँ।
उत्तराखण्ड राज्य के विकास के लिए आप सभी योग्य, कर्मठ एवं अनुभवी महानुभावों ने विभिन्न संस्थाओं में महत्वपूर्ण दायित्व संभालने का गौरव प्राप्त किया है, इस अहम जिम्मेदारी के लिए मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई देता हूँ।
उत्तराखण्ड, जिसे हम देवभूमि कहते हैं, केवल अपनी आध्यात्मिकता के लिए ही नहीं, बल्कि वीरता, प्रकृति, संस्कृति और सेवा भावना के लिए भी जाना जाता है। ऐसी पवित्र भूमि पर कार्य करने का अवसर एक सौभाग्य है, और आप सब इस सौभाग्य के सहभागी हैं।
मेरा मानना है कि आपको जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह केवल एक पद नहीं, बल्कि प्रदेश के भविष्य को गढ़ने का सुनहरा अवसर है। आप सभी को मिला यह दायित्व-एक ऐसा अवसर है जिसके माध्यम से आप जन-कल्याण की भावना को व्यवहार में उतार सकते हैं।
मित्रों!
राज्य के प्रशासन को और अधिक गतिशील, उत्तरदायी और जनोन्मुखी बनाने के लिए आपको महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुझे विश्वास है कि आप जनमानस से संवाद स्थापित कर सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुँचाने का भरसक प्रयास करेंगे ताकि प्रत्येक नागरिक को उनका वास्तविक लाभ मिले और शासन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और संवेदनशील हो, आप इस नींव को मजबूत बनाने में सहायक बनेंगे।
आज हम 21वीं सदी के तीसरे दशक के कालखण्ड से गुजर रहे हैं। यह दशक केवल समय का एक खण्ड नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की आकांक्षाओं, संभावनाओं और संकल्पों का एक स्वर्णिम अवसर है।
बाबा केदार के पवित्र प्रांगण से प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा।’’ मुझे विश्वास है कि यदि हम सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाएं तो माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा कहे गए शब्दों को चरितार्थ करते हुए हम ‘‘आदर्श उत्तराखण्ड’’ की संकल्पना को साकार करने में सफल होंगे।
उत्तराखण्ड को हम केवल एक राज्य के रूप में नहीं, एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के रूप में देखते हैं। यह देवभूमि है, जहाँ हर पर्वत, हर नदी, हर घाटी में हमारे ऋषि-मुनियों की तपस्या की गूंज है। यह वीरभूमि है, जहाँ हर गाँव से एक सैनिक निकलता है, जो सीमा पर राष्ट्र के सजग प्रहरी की भूमिका निभाते हुए देश की सुरक्षा का अहम दायित्व निभाता है।
यह योग और आयुर्वेद की धरती है, जहाँ से संतुलित जीवन शैली की प्रेरणा पूरी दुनिया ले रही है। यह शिक्षा और शोध की भूमि है, जहाँ हमारे नवोन्मेषी संस्थान भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं।
साथियों!
हमें गर्व है कि आज हमारा देश विश्व मंच पर एक नई ऊर्जा, नई पहचान और नई आकांक्षा के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने विकास की जो गति पकड़ी है, उसमें उत्तराखण्ड की भूमिका भी अब निर्णायक होनी चाहिए।
उत्तराखण्ड की भौगोलिक, सांस्कृतिक और मानव संसाधन की विशेषताएँ अब विकास के केंद्र में आनी चाहिए। यदि हम सभी मिलकर इसे दिशा दें तो यह दशक हमारी आत्मनिर्भरता, नवाचार, पारंपरिक ज्ञान और सतत विकास का संगम बन सकता है।
मेरी सोच है कि राज्य का विकास केवल शहरों से नहीं होगा। हमें गांवों को आत्मनिर्भर बनाना होगा, ताकि वहाँ से विकास यात्रा शुरू हो। यद्यपि रोजगार और स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में सभी लोगों के लिए अवसरों की वृद्धि हो रही है, फिर भी पलायन रोकने की दिशा में और प्रयास करने की आवश्यकता है।
उत्तराखण्ड का युवा आज तकनीकी रूप से सशक्त है। हमें उनके लिए रोजगार, स्टार्टअप्स और स्किल डेवलपमेंट के और अधिक अवसर देने होंगे, ताकि वे राज्य को छोड़ने की बजाय यहीं अपना भविष्य देखें और रोजगार की खोज करने की बजाय रोजगार प्रदाता बनें।
अब हमें केवल चारधाम नहीं, बल्कि वेलनेस टूरिज्म, साहसिक पर्यटन और सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देना होगा। हमें अब बारामासी पर्यटन पर फोकस करना होगा। यह सभी हमारे रोजगार और अर्थव्यवस्था का बड़ा स्रोत बन सकते हैं।
हम सभी देख रहे है, वर्तमान समय नई-नई तकनीकों का समय है। इसलिए डिजिटल उत्तराखण्ड की दिशा में हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा। आज शासन प्रणाली को तकनीक-सक्षम बनाने, सेवाओं को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है, निश्चित ही यह हमें जनसेवा के नए आयाम देगा।
आज जब देश ‘विकसित भारत’ की ओर अग्रसर है, तब उत्तराखण्ड को भी इस यात्रा में अग्रणी भूमिका निभानी है। हमें अपने युवाओं के लिए अवसरों का निर्माण करना है, ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं की पहुँच सुनिश्चित करनी है, तथा पर्यावरण एवं विकास के संतुलन को बनाए रखते हुए एक समावेशी नीति को आगे बढ़ाना है। हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना हमारा धर्म है। प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
आप सभी दायित्वधारी एक दृष्टि के वाहक हैं। आपकी सोच जितनी समावेशी होगी, आपकी योजनाएँ उतनी ही स्थायी और प्रभावशाली होंगी। मेरा मानना है कि एक अच्छा नेता वही होता है जो दूरदृष्टि रखंे और जनता की नब्ज को समझे।
जब दायित्व और पारदर्शिता साथ चलते हैं, तभी सुशासन फलता-फूलता है। एक सजग समाज और समर्थ राज्य की नींव तभी रखी जा सकती है जब नेतृत्व संकल्पबद्ध हो, और उसकी कार्यशैली जनता के हित में हो। मुझे विश्वास है कि आप सभी अपने दायित्व को सेवा का माध्यम मानते हुए ईमानदारी, पारदर्शिता और कर्मठता के साथ निभाएंगे।
उत्तराखण्ड का भविष्य उज्ज्वल हो, यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही पूरे समाज को सहभागी बनना होगा। इसके लिए हमें युवाओं, महिलाओं, किसानों, सैनिकों हर वर्ग को साथ लेकर चलना होगा। मेरा मानना है कि जनभागीदारी ही जनविकास की कुंजी है।
साथियों!
प्रदेश सरकार ने “नया उत्तराखण्ड-आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड” की जो परिकल्पना सामने रखी है, उसे साकार करने में हम सभी सहभागी बनें। आपकी कार्य कुशलता, आपके विचार, सुझाव और नवाचार इस परिकल्पना को गति देंगे।
हम सभी उत्तराखण्ड की आत्मा से जुड़े हैं। इस भूमि की सेवा करना सौभाग्य है, और इस सेवा में ईमानदारी ही सर्वाेत्तम मार्ग है। राज्यपाल होने के नाते आप सभी से मेरा आग्रह है कि आप अपने कार्यों में संवैधानिक मर्यादाओं, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोक सेवा की भावना को सर्वाेपरि रखें।
मैं आप सभी से यह आह्वान करता हूँ कि हम विकास और मूल्यों को साथ लेकर चलें। हम उत्तराखण्ड को केवल पर्यटक स्थल नहीं, जीवंत अवसरों की भूमि बनाएँ। हर गाँव, हर युवा, हर महिला, हर व्यक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में काम करें।
आइए! हम मिलकर सिद्ध करें कि 21वीं सदी का तीसरा दशक सचमुच उत्तराखण्ड का दशक है। हम सब मिलकर उत्तराखण्ड को एक समृद्ध, सशक्त, और संतुलित विकास वाला राज्य बनाएँ।
मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी न केवल संगठनात्मक क्षमता का परिचय देंगे, बल्कि प्रदेश की जनता की आशाओं और अपेक्षाओं पर भी खरे उतरेंगे। एक बार पुनः आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय हिन्द!