24-02-2025 : “मेरी योजना” पुस्तक विमोचन समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन
जय हिन्द!
आज इस महत्वपूर्ण समारोह के अवसर पर मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ। ‘‘मेरी योजना’’ पुस्तक विमोचन के सुअवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!
यह अवसर न केवल एक पुस्तक के विमोचन का है, बल्कि सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उठाए गए एक बड़े कदम का भी अहम अवसर है। आम नागरिकों के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और सेवाओं को सरल एवं सुगम रूप में प्रस्तुत करने का कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग का यह अभिनव प्रयास सराहनीय है।
मेरा मानना है कि योजनाएं बनाने के साथ ही उन्हें धरातल पर क्रियान्वित करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए, ताकि प्रत्येक व्यक्ति योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सके और हर व्यक्ति राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बन सके। इसके लिए हमें सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है।
जब नीयत सही हो, इरादे नेक हों और दृढ़ इच्छा शक्ति हो, तो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है। हमारी योजनाओं का लक्ष्य केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करना ही नहीं होना चाहिए बल्कि एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करना भी होना चाहिए।
आशा है कि इस पुस्तक द्वारा केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी, रोजगारपरक, कौशल विकास व निवेश सम्बन्धी योजनाओं के साथ-साथ अन्य मूलभूत सेवाओं से जुड़ी हुई समस्त जानकारियां राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक आसानी से पहुंच सकेंगी। जिससे पात्र लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे, और आमजन के जीवन में सुधार लाया जा सके।
यह आवश्यक है कि प्रत्येक नागरिक को शासन की योजनाओं की जानकारी सरल भाषा में मिले, ताकि कोई भी व्यक्ति जटिल प्रक्रियाओं के कारण अपने हक से वंचित न रह जाए। इसी सोच के साथ कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ‘‘सरकार जनता के द्वार’’ एवं ‘‘हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश’’ जैसे अभियानों के माध्यम से प्रशासन को नागरिकों के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जो सराहनीय कार्य है।
इस संस्करण में केन्द्र सरकार के उत्तराखण्ड में स्थित 82 प्रतिष्ठानों की योजनाओं और सेवाओं को संकलित किया गया है। इसके माध्यम से इन संस्थानों की सेवाओं एवं योजनाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत कर आमजन तक पहुंचाने का यह प्रयास सराहनीय है। यह अच्छी बात है कि इस पुस्तक में इन केन्द्रीय संस्थानों के योगदान को भी रेखांकित किया गया है, ताकि राज्य और देश के विकास में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझा जा सके।
तकनीक के इस युग में सूचना का अधिकतम प्रसार सुनिश्चित करने के लिए इस पुस्तक को राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एवं सभी विभागीय वेबसाइटों और केन्द्र सरकार के प्रतिष्ठानों की वेबसाइटों पर भी अपलोड किया गया है। इससे कोई भी नागरिक किसी भी समय, कहीं से भी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है, जोकि सराहनीय कदम है।
देश का हर नागरिक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध हो, इसके लिए सामूहिक रूप से कठोर प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि विकसित भारत के संकल्प को साकार किया जा सके। इस पहल का मुख्य उद्देश्य योजनाओं की जानकारी को घर-घर तक पहुंचाना और नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाना है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी पात्र नागरिक योजना से वंचित न रहे और सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। स्वरोजगार, रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास के अवसर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के द्वारा गरीब, महिला, किसान और युवा हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। सरकार की जिम्मेदारी केवल योजनाएँ बनाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि ये योजनाएं लोगों तक सही समय पर पहुंचें और उनके जीवन में वास्तविक सुधार लाएं।
यह पहल प्रधानमंत्री जी के ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक सशक्त पहल है। यह न केवल सरकारी प्रयासों की पारदर्शिता को बढ़ाएगी, बल्कि नागरिकों को जागरूक, आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाएगी।
इस अमृत काल में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में विभिन्न विभागों, अधिकारियों की प्रमुख भूमिका है। हमें लीक से हटकर सोचने और अपने प्रयासों में समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। विकास का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हमें कठोर प्रयासों की आवश्यकता है ताकि भारत को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
केंद्र सरकार के तमाम संस्थाओं एवं विभागों से मेरा आग्रह है कि पलायन रोकने के लिए, हर नागरिक को स्वरोजगार एवं रोजगार देने के लिए, हर योजना को हर पात्र नागरिक तक पंहुचाने के लिए, तकनीकी एवं विज्ञान का उपयोग कर इन प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए और क्या किया जा सकता है? इस दिशा में शोध किए जाने की आवश्यकता है।
मेरा विश्वास है कि यह पुस्तक निवेश परक नीतियों, रोजगार एवं स्वरोजगार, कौशल विकास के साथ विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी सर्वसाधारण को उपलब्ध कराने में एक दस्तावेज के रूप में पाठकों एवं शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी और राज्य के समग्र विकास की संकल्पना को साकार करने में भी यह पहल मददगार रहेगी, साथ ही केंद्र सरकार के संकल्पों और प्रयासों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगी।
मैं कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग एवं इस पुस्तक के प्रकाशन से जुड़े सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों, और संपादन मंडल को बधाई देता हूँ, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य को पूर्णता तक पहुंचाने में सहयोग किया। मैं राज्य के नागरिकों से अपील करता हूँ कि वे इस पुस्तक का अधिक से अधिक उपयोग करें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो मुझे यकीन है कि हम उत्तराखण्ड को देश का पहला ‘‘विकसित राज्य’’ बनाकर अन्य राज्यों के लिए विकसित राज्य का मॉडल प्रस्तुत कर सकते हैं। आइए, हम सब मिलकर उत्तराखण्ड और भारत को आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित बनाने की दिशा में निरंतर कार्य करें।
जय हिन्द!