Close

22-03-2025- 14 डोगरा की प्लेटिनम जुबली पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

प्रकाशित तिथि: मार्च 22, 2025

14 डोगरा की प्लेटिनम जुबली पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

(दिनांकः 22 मार्च, 2025)

  •  जवानों और पूर्व सैनिकों को 14 डोगरा की प्लेटिनम जुबली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!
  •  14 डोगरा भारतीय सेना की उस परंपरा का प्रतीक है, जो निस्वार्थ भाव से मातृभूमि की सेवा और सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए सदैव तत्पर रहती है।
  •  बटालियन सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों, राष्ट्रीय आपदाओं में राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
  •  बल्कि खेल और साहसिक गतिविधियों में भी आपने उल्लेखनीय योगदान दिया है।
  •  पूर्व सैनिकों से अपने अनुभवों के माध्यम से समाज में अनुशासन और नेतृत्व हेतु युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना।

जय हिन्द!

उपस्थित वीर सैनिकों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, एवं प्रिय जवानों आप सभी को 14 डोगरा की प्लेटिनम जुबली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ! आप सभी से मिलकर मुझे अपार प्रसन्नता और गर्व की अनुभूति हो रही है। सच कहूँ तो अपने परिवार जनों के बीच आकर मेरा मन प्रफुल्लित हो जाता है।

आज इस गौरवशाली अवसर पर, मैं 14 डोगरा के वीर जवानों के बीच आकर गर्व महसूस कर रहा हूँ। 14 डोगरा भारतीय सेना की उस परंपरा का प्रतीक है, जो निस्वार्थ भाव से मातृभूमि की सेवा और सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए सदैव तत्पर रहती है। आप सभी केवल सेना के वीर योद्धा ही नहीं, बल्कि इस देश की आन-बान-शान हैं, जिनकी वीरता और बलिदान की गाथाएँ इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अंकित हैं।

डोगरा बटालियन का सफर 1 जुलाई, 1948 को जलंधर कैंट में प्रारंभ हुआ था और तब से लेकर आज तक आपने हर चुनौती को साहस और आत्मविश्वास से स्वीकार किया है। आपका योगदान केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आतंकवाद विरोधी अभियानों, राष्ट्रीय आपदाओं में राहत कार्यों, और समाज सेवा में भी बेमिसाल रहा है। ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन पराक्रम, ऑपरेशन राइनो, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में 14 डोगरा की वीरता और समर्पण ने भारतीय सेना की ताकत को और भी मजबूत किया है।

हाल ही में, ऑपरेशन राहत के तहत उत्तराखण्ड में किए गए बचाव और राहत कार्यों के लिए आपकी बटालियन को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि आप न केवल युद्ध के मैदान में बल्कि शांति के समय भी देशवासियों की सेवा में अग्रणी रहते हैं। आपदा की घड़ी में आपने जो तत्परता, संवेदनशीलता और निस्वार्थ सेवा भावना दिखाई, वह अविस्मरणीय है।

मुझे यह कहते हुए अत्यंत गर्व हो रहा है कि 14 डोगरा बटालियन को अब तक दो परम विशिष्ट सेवा मेडल, पांच अति विशिष्ट सेवा मेडल, 01 शौर्य चक्र, 12 सेना मेडल, नौ विशिष्ट सेवा मेडल और अन्य कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह उपलब्धियाँ न केवल आपकी वीरता का प्रमाण हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा हैं।

यह प्रसन्नता को विषय है कि 14 डोगरा के जवान केवल युद्ध कौशल तक सीमित नहीं है, बल्कि खेल और साहसिक गतिविधियों में भी आपने उल्लेखनीय योगदान दिया है। आपके जवानों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैराग्लाइडिंग, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, कराटे और पर्वतारोहण में देश का प्रतिनिधित्व किया है। हाल ही में माउंट हरमुख की 5142 मीटर ऊँची चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर आपने अपनी साहसिक भावना और अदम्य जज्बे का परिचय दिया।

आपने समाज कल्याण की दिशा में भी सराहनीय कार्य किए हैं। स्वच्छता अभियान के तहत ‘‘नून नदी’’ को स्वच्छ करने का आपका प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय पहल है। वीर नारियों से निरंतर संपर्क और उनके कल्याण के लिए किए गए कार्य यह दर्शाते हैं कि आपके लिए राष्ट्रसेवा केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के प्रति समर्पण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

यहां पर कई पूर्व सैनिक भी हैं। आप सभी पूर्व सैनिक देश की धरोहर हैं और आपका अनुभव और समर्पण हमारे देश की सुरक्षा और स्थिरता में अमूल्य योगदान देता है। आप सभी ने अपनी सेवा के दौरान जिस कर्तव्यपरायणता, अनुशासन और देशभक्ति का परिचय दिया है, वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।

एक भूतपूर्व सैनिक होने के नाते, मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान देते रहें क्योंकि आपके पास अनुशासन, नेतृत्व और साहस का ऐसा अनूठा अनुभव है जो समाज को और मजबूत बना सकता है। आप युवा पीढ़ी को दिशा दिखा सकते हैं और देश के विकास में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।

उत्तराखण्ड को ‘देवभूमि’ के साथ-साथ ‘वीरभूमि’ भी कहा जाता है। यहां के प्रत्येक परिवार का भारतीय सेना से नाता है। भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के हमारे वीर सैनिकों का योगदान अतुलनीय रहा है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी।

हमारे जवानों का समर्पण, अनुशासन और कर्तव्य परायणता हमें यह सिखाता है कि देशप्रेम केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में प्रकट होता है। मैं 14 डोगरा बटालियन के प्रत्येक जवान, अधिकारी और उनके परिवारों को इस अवसर पर बधाई देता हूँ और उन्हें आश्वस्त करता हूँ कि उत्तराखण्ड राज्य और संपूर्ण राष्ट्र आपके त्याग और सेवा को हमेशा स्मरण रखेगा।

आप सभी जवानों और हमारे पूर्व सैनिकों की बहादुरी, निष्ठा और पराक्रम को मेरा शत-शत नमन।

जय हिंद! जय भारत!