21-02-2025 : सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय का दीक्षांत संबोधन।
जय हिन्द!
विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने वाली ऊर्जावान भारत की युवा शक्ति के बीच पहुंचकर मुझे अपार प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के इस अवसर पर आप सभी युवाओं को मेरी ओर से हार्दिक बधाई और स्वर्णिम भविष्य के लिए असीम शुभकामनाएँ।
आज का यह दिन आप सभी विद्यार्थियों के अथक परिश्रम, संकल्प और समर्पण का प्रमाण है। सर्वप्रथम, मैं इस महत्वपूर्ण दिवस पर उपाधि प्राप्त करने वाले सभी स्नातकों को बधाई देता हूँ। साथ ही, मैं इन विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन को आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले उनके माता-पिता एवं गुरुओं को भी हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज का यह उत्सव केवल एक दीक्षांत समारोह नहीं है बल्कि ज्ञान, परिश्रम और संकल्प का उत्सव है। आपकी इस यात्रा में आपके परिवार, शिक्षक एवं सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, इसलिए यह अवसर उनकी उपलब्धि का भी प्रतीक है। आज का दिन ख़ुशी के साथ-साथ आपके भविष्य के बारे में संकल्प लेने का अवसर भी है।
मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता है इस विश्वविद्यालय ने व्यावसायिक, तकनीकी और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया है। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय स्वयं (ैॅ।ल्।ड) पोर्टल के माध्यम से भी अनेक कोर्स चला रहा है। मैं इन सभी प्रयासों के लिए विश्वविद्यालय की सराहना करता हूँ।
भारतवर्ष वेदों, उपनिषदों और महान गुरुओं की धरती है। यह वही भूमि है, जिसने ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ जैसे सिद्धांतों को जन्म दिया। आज भी, हमारे वैज्ञानिक, इंजीनियर, और उद्यमी विश्व मंच पर नए प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। यह प्रसन्नता का विषय है कि इस विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है, बल्कि देश-विदेश में भी अपनी पहचान बनाई है।
प्यारे बच्चों,
आप ऐसे समय में इस संस्थान से एक नई दुनिया में कदम रख रहे हैं जब राष्ट्र एक नए भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। इसे प्राप्त करने के लिए, हमें हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करनी होगी और यह आप जैसे युवाओं के योगदान के बिना संभव नहीं होगा। इसलिए, आपका लक्ष्य केवल अच्छा काम करना नहीं, बल्कि असाधारण काम करना होना चाहिए। आप ऐसे उदाहरण स्थापित करें, जिन्हें दुनिया भर में मान्यता मिले।
मेरा आपसे आग्रह है कि आप हमेशा भगवान शिव के त्रिशूल की शक्ति की तरह तीन मूल मंत्रों को अपने जीवन में अपनाएं- 1. अपने ज्ञान और क्षमता से समाज की सेवा करें। 2. स्वयं को लगातार नया ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रेरित करें। 3. भविष्य, की चुनौतियों का सामना करने के लिए नई खोजों और नवीन विचारों को अपनाएँ।
मैं सभी विद्यार्थियों का आह्वान करता हूँ आप हमेशा उच्च लक्ष्य रखें, बड़े सपने संजोए और उन्हें पूरा करने के लिए पूरी ताकत से जुट जाएं। आप अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग न केवल अपने व्यक्तिगत विकास के लिए करें, बल्कि एक श्रेष्ठ नागरिक के रूप में समाज और राष्ट्र के उत्थान में भी योगदान दें।
बड़े सपने देखना, बड़े संकल्प लेना और उन्हें तय समय में पूरा करना असंभव नहीं है। किसी भी देश को आगे बढ़ने के लिए बड़े लक्ष्य तय करने पड़ते हैं। कभी-कभी मुझे लगता है कि अगर जीवन की कोई जड़ी-बूटी है तो वो लक्ष्य ही है, जो जीवन जीने की ताकत भी देता है। जब हमारे सामने कोई बड़ा लक्ष्य होता है, तो हम उसे प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं, और आज का नया भारत यही तो कर रहा है।
वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के बदलते स्वरूप को देखते हुए हमारी युवा पीढ़ी को इसके साथ अपने आपको ढालना होगा। कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी है जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है कि दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है। क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, एआई के बारे में आप सभी जानते हैं। हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में तो हम काफी आगे जा चुके हैं।
विद्वान शिक्षकों,
किसी भी देश की प्रगति उसकी मानव सम्पदा पर निर्भर करती है और मानव सम्पदा का आधार गुणवत्ता युक्त शिक्षा के बिना सम्भव नहीं है। इसलिए शिक्षकों का दायित्व है कि वे नवाचार एवं नवोन्मेषी विचारों का उपयोग कर सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए एक मजबूत पीढ़ी तैयार करें। युवा शक्ति हमारी सबसे बड़ी ऊर्जा है और इस ऊर्जा का उपयोग समाज के बहुमुखी विकास में करना होगा, जिससे हम वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। मुझे अपनी इस युवा पीढ़ी के सामथ्र्य पर पूरा भरोसा है।
आज की हमारी युवा पीढ़ी में नशा और ड्रग्स की प्रवृति तेजी से बढ़ रही है, जो हम सभी के लिए बड़ी चिंता का विषय है। मेरा माता-पिता और शिक्षकों से भी आग्रह है कि वे बच्चों पर विशेष ध्यान दें और उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करें। मैं युवाओं से अपील करता हूँ कि वे इस बुराई से दूर रहें और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं।
आज युवाओं के लिए अवसरों एवं करियर चाॅइस की भरमार है। निजी क्षेत्र में अनेक संभावनाएँ हैं। युवा स्वयं को रोजगार प्रदाता के रूप में भी विकसित कर सकते हैं। हमारे स्नातकों की विश्वभर में मांग है। हमने स्वयं को ज्ञान और कौशल के साथ दुनिया की मदद करने वाले देश के रूप में स्थापित किया है। इसलिए आप जो भी कार्य करते हैं उसे पूरे दिल और ईमानदारी से कीजिए।
आज पूरी दुनिया भारत से प्रेरणा ले रही है इसका श्रेय भारत की युवा आबादी को जाता है। आज भारत हर दिन के साथ युवा होता जा रहा है, जो विकसित भारत का सबसे मजबूत आधार है। प्रधानमंत्री कौशल विकास ने जमीनी स्तर पर युवाओं को मजबूत किया है। आज पूरी दुनिया कुशल युवाओं के लिए भारत की तरफ देख रही है। यानि कि हमारे युवाओं के लिए देश के भीतर भी और देश के बाहर विदेशों में भी अवसरों की भरमार हो रही है।
प्रिय विद्यार्थियों,
स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने युवाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोले हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप सभी शिक्षार्थी इन अवसरों का अधिकतम लाभ भी उठाएँ। आप सभी एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं, जो नवाचार, डिजिटल क्रांति और एआई का है। इसलिए आगे बढ़ते रहने के लिए निरंतर नवीन तकनीकों को अपनाते रहिए।
आज 21वीं सदी का विश्व बहुत तेजी से बदल रहा है। आज समय की मांग है कि हमें भी बहुत तेज गति से आगे बढ़ना है। इसमें आप सभी देश के युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। चाहे वो रिसर्च का क्षेत्र हो या इनोवेशन का क्षेत्र, हर क्षेत्र में आपको अपने इनोवेटिव आइडियाज से, क्रिएटिविटी से नई ऊर्जा पैदा करनी है।
मुझे पूरा विश्वास है कि आपके प्रयासों से भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त कर लेगा। 2047 तक, जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब आप अपने करियर के शिखर पर होंगे। तब, आप गर्व के साथ कह सकेंगे कि आपके 25 वर्षों के कठिन परिश्रम ने एक विकसित भारत को आकार देने में मदद की। यह आपके लिए बड़ा अवसर और गर्व की बात है।
मैं आपको इस अवसर का लाभ उठाने, अपने सपनों को मजबूत करने और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। जब तक विकसित भारत का हमारा सपना साकार नहीं हो जाता, हम आराम नहीं करेंगे। आप सभी अपने जीवन में ऊंचाइयां हासिल करें और अपने कार्यों से राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें। आप अपने सपनों को पूरा करें, समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं और अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करें।
मैं विश्वविद्यालय के संस्थापक मण्डल, कुलपति, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देता हूँ और आप सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूँ।
जय हिन्द!