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    19-07-2024 : वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान, श्रीनगर गढ़वाल में कैथ लैब के लोकार्पण पर माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    प्रकाशित तिथि: जुलाई 19, 2024

    जय हिन्द!

    उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में जनमानस की स्वास्थ्य सेवा के लिए समर्पित इस मेडिकल संस्थान एवं एलाइड बेस हॉस्पिटल में कैथ लैब की सुविधा के शुभारम्भ अवसर पर आप सभी के बीच आकर मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है।

    आज का यह दिन बहुत विशेष है क्योंकि अपने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के तृतीय रेफरल हॉस्पिटल में पहली बार कैथ लैब सुविधा का शुभारम्भ हो रहा है, मुझे पूरा भरोसा है कि यह चार पर्वतीय जिलों में रहने वाले लगभग 20 लाख से अधिक आबादी के साथ-साथ ही चार धाम व हेमकुण्ड साहिब के दर्शन हेतु पधारने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए अवश्य ही लाभकारी होगा।

    इस सुअवसर पर मैं, सर्वप्रथम उत्तराखण्ड राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में अपना सक्रिय योगदान देने वाले सभी जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों का आभार प्रकट करता हूँ जिनके निरंतर प्रयासों एवं सहयोग से आज यह पहाड़ी क्षेत्र इस उपलब्धि तक पहुँच सका है।

    गढ़वाल क्षेत्र के दुर्गम एवं अति दुर्गम स्थानों में निवास करने वाले सभी लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे इस संस्थान को मैं कैथ लैब सुविधा के शुभारम्भ के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। आशा करता हूँ कि आगामी समय में यह संस्थान न केवल इस सुविधा का लाभ क्षेत्र के निवासियों को देगा बल्कि सर्विस एक्सीलेंस को भी बनाए रखेगा साथ ही अधिक से अधिक विकसित होगा।

    भाइयों और बहनों,

    किसी हेल्थ इंस्टीट्यूशन के ओवर ऑल सफलता के कई महत्वपूर्ण आधार होते हैं। सेवा भाव, कार्य दक्षता, आपसी सहयोग, कर्तव्य निष्ठा एवं विकसित होते रहने की विल पॉवर उस संस्थान की सफलता के प्रमुख आधार स्तम्भ होते हैं। जब भी हम विश्व या देश के अग्रणी एवं श्रेष्ठतम संस्थानों को देखते हैं तो हम पाते हैं कि उत्कृष्टता को बनाये रखने के लिए उनमें कार्य करने वाले समस्त सदस्यों के बीच बहुत अच्छी हार्मनी एवं परिश्रम की भावना होती है। देवभूमि के राज्यपाल के रूप में जब मुझे ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं तो मुझे अंदर से खुशी की अनुभूति होती है।

    इस क्षेत्र की भौगोलिक दुर्गमता को देखते हुए कैथ लैब की इस नव निर्मित इकाई के निरन्तर एवं सुचारू इंप्लीमेंटेशन की मैं अपेक्षा करता हूँ। मेरा विश्वास है कि यह सुविधा न केवल संस्थान एवं क्षेत्र के लिए वरदान के रूप में सिद्ध होगी बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए भी उदाहरण के रूप में देखी जायेगी।

    भाइयों और बहनों,

    आज के समय में हृदय और संचार संबंधी रोग एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गए हैं और लगातार हाइपर टेंशन, स्ट्रोक, कोरोनरी आरटरी डिजीज व्यापक रूप से बढ़ रही है। छोटी उम्र में भी यह बीमारी परेशानी का कारण बन रही है। वैश्विक स्तर पर लगभग 6 में से 1 मौत कोरोनरी हृदय रोग के कारण हो रही है तथा दुनियाभर में यह बीमारी अब पहले से कहीं अधिक लोगों की जान ले रही है।

    मैं यह बताना चाहूँगा कि हृदय रोग विश्व में, भारत में और उत्तराखण्ड में रोग भार में शीर्ष पर है, तथा सबसे ज्यादा मृत्यु हृदय रोग के कारण हो रही हैं। कोरोनरी आरटरी डिजीज विश्व में और भारत में समय से पहले मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, जो चिंता और सोच का विषय है।

    इसलिए मेरा टेक होम मेसेज यह रहेगा कि हमें अपनी सीडेन्टरी लाइफ स्टाइल से हटकर फिजिकल, मेंटल, सोशियल, इमोशनल एवं स्प्रिचुअल रूप से सक्रिय रहना होगा। हमें अपनी दैनिक दिनचर्या जैसे सोने व उठने का समय, भोजन की गुणवत्ता तथा सकारात्मक सोच के उपाय अपनाने होंगे।

    जरा भारत की ऐसी तस्वीर की कल्पना करें जहाँ हर कोई स्वस्थ्य हो, हर कोई खुश हो और हर कोई जीवन में उद्देश्य पूर्णता से भरा हुआ हो। यह ऐसा भारत है जिसे हम देखना चाहते हैं। यह ऐसा भारत है जो वास्तव में स्वामी विवेकानंद के सपने को पूरा कर सकता है, जिसमें भारत दुनिया को आध्यात्मिकता में मार्गदर्शन दे।

    हम सभी देश वासियों ने आजादी के शताब्दी वर्ष तक अपने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की ठानी है। भारत को विकसित बनाने के लिए उसकी स्वास्थ्य सेवाओं का विकास करना भी उतना ही जरूरी है। जब भारत के लोगों को आधुनिक अस्पताल और इलाज की सुविधाएं मिलेंगी, तो वे जल्दी ठीक होंगे, वे ज्यादा तेजी से काम कर पाएंगे और उनकी शक्ति, सामथ्र्य, ऊर्जा विकसित भारत के निर्माण में लगेगी।

    भाइयों और बहनों,

    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों के दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की हैं। उनके कुशल नेतृत्व के कारण ही भारत कोविड जैसी भयानक बीमारी से जीत पाया।

    जरा ये आकड़े सुनिए! देश में वर्ष 2014 में लगभग 380 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि आज 700 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। पिछले 10 वर्षों में पीजी और एमबीबीएस सीटों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई हैं। आज देश भर में जन औषधि केंद्रों का विस्तार बढ़कर 10,000 से अधिक इकाइयों का हो गया है। पिछले 10 वर्षों में अलग-अलग राज्यों में 10 नए एम्स स्वीकृत किए गए हैं। देश में जिनकी संख्या अब 24 हो गई हैं।

    मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आज उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य सेवाओं में अनुकरणीय सुधार के साथ-साथ हेल्थ इन्डीकेटरों में जबरदस्त सुधार हुआ है। इसी लिए अब उत्तराखण्ड उन कुछ राज्यों में शामिल हुआ है जहाँ पर बेहतर स्वास्थ्य खुशहाली है।

    भाइयों और बहनों,

    मैं आप सभी को विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए पांच प्रण फिर से याद दिलाना चाहता हूँ, ये हम सभी के जीवन के प्रण हैं, ये भारत के गौरव के प्रण हैं-

     विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाएं,

     गुलामी की मानसिकता से मुक्त भारत बनाएं,

     अपनी विरासत और भारत के प्राचीन गौरवमय सच्चे इतिहास पर गर्व करें,

     राष्ट्र की एकता के लिए 140 करोड़ भारतीयों की एकता में दृढ़ विश्वास रखें,

     संविधान के सम्मान के साथ सभी नागरिक कर्तव्यों का पालन करें।

    मैं उत्तराखण्ड के लोकप्रिय कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत जी, जिनके पास चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं, आपके द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए गए हैं, आपका अभिनव प्रयोग, त्वरित निर्णय क्षमता, तथा अन्तिम छोर के व्यक्ति तक स्वास्थ्य ही नहीं अपितु शिक्षा सेवाओं को पहुँचाना एक बहुत बडी उपलब्धि है। मैं आपके अनुकरणीय नेतृत्व की सराहना करता हूँ।

    मैं यशस्वी सांसद गढ़वाल, श्री अनिल बलूनी जी का उनके अभिनव प्रयोग का बहुत प्रशंसक हूँ, मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप गढ़वाल सांसद रहते हुए उत्तराखण्ड को अवश्य ही नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

    निदेशक चिकित्सा शिक्षा डाॅ. आशुतोष सयाना एवं संस्थान के प्राचार्य, डाॅ.सी०एम०एस० रावत के योगदान के लिए सराहना करता हूँ।

    मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि यहाँ के पासआउट विद्यार्थी देश-विदेश में राज्य व देश का नाम रोशन कर रहें हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है। मैं आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ एवं कुशल नेतृत्व की सराहना भी करता हूँ।

    अंत में, मैं इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए आप में से प्रत्येक को हार्दिक बधाई देता हूँ। आप सेवा, करूणा और उत्कृष्टता की उस भावना को अपनाना जारी रखें जिसके लिए यह संस्थान खड़ा है। हम सभी के ऐसे प्रयासों से हर कोई आगे बढ़ेगा, राज्य आगे बढ़ेगा, देश आगे बढ़ेगा।

    जय हिन्द!