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    15-02-2025 : पूर्व सैनिक असम राइफल्स की रैली में माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    प्रकाशित तिथि: फ़रवरी 15, 2025

    जय हिन्द!

    भारतीय सेना में अपनी अमूल्य सेवाएं देकर देश का मान बढ़ाने वाले वीर सपूतों से मुलाकात करना मैं अपना सौभाग्य समझता हूँ। आप सभी से मिलकर मुझे अपार प्रसन्नता और गर्व की अनुभूति हो रही है। सच कहूँ तो मुझे अपने परिवार जनों के बीच आकर मेरा मन प्रफुल्लित हो जाता है।

    इस रैली में उपस्थित असम राइफल्स के भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों, विधवाओं एवं उनके परिवारजनों का मैं हृदय से अभिनन्दन करता हूँ। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा, एवीएसएम, एसएम, महानिदेशक असम राइफल्स का मैं बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे इस अवसर पर आपसे मिलने का अवसर प्रदान किया है।

    आप सभी का असम राइफल्स के सेवारत अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके ताकि आपकी हर एक समस्याओं से रूबरू होकर उनका शीघ्र समाधान किया जा सके, इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से पूर्व सैनिकों की समस्याओं का बेहतर ढंग से समाधान होगा।

    सर्वप्रथम मैं सीमा की रक्षा के लिए अदम्य साहस, समर्पण, बलिदान और देशभक्ति के साथ निस्वार्थ सेवा करने वाले सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों, दोनों के प्रति मैं अपना आभार व्यक्त करता हूँ। सेवानिवृत्ति के बाद भी हमारे सैनिक देश के लिए गौरव का प्रतीक हैं जो देश सेवा के उपरांत किसी न किसी रूप में समाज की सेवा में संलिप्त है।

    मेरे परिजनों,

    देश के लिए जान देना, हर पल देश के लिए शहीद होने की कामना करना, त्याग की पराकाष्ठा की यह सोच हमारे सैनिकों में कूट-कूट कर भरी होती है और इसलिए मैं आप सभी सैनिकों को हृदय की गहराइयों से नमन करता हूँ, मुझे आपके बीच आकर अपार गर्व हो रहा है, मैं देश के हर रिटायर्ड फौजी को, हर सैनिक को नमन करता हूँ।

    हमें असम राइफल्स भूतपूर्व सैनिकों पर गर्व है जिनकी राष्ट्र भावना और कर्तयनिष्ठा की वजह से असम राइफल्स इस बुलन्दी के मुकाम पर पहुँची है। सर्विस के दौरान असम राइफल्स सैनिक पूरी तरह से ऑपरेशन में तैनात रहते हैं और अपने वेलफेयर का ध्यान न रखते हुए विषम तथा कठिन परिस्थितियों में देश-सेवा में लगे रहते हैं।

    पूर्व सैनिक देश की धरोहर हैं और उनका अनुभव और समर्पण हमारे देश की सुरक्षा और स्थिरता में अमूल्य योगदान देता है। आप सभी ने अपनी सेवा के दौरान जिस कर्तव्यपरायणता, अनुशासन और देशभक्ति का परिचय दिया है, वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।

    एक भूतपूर्व सैनिक होने के नाते, स्वयं मैं भूतपूर्व सैनिकों की आकांक्षाओं को आसानी से समझता हूँ। आज इस आयोजन के माध्यम से हमें आपसे मिलने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। भूतपूर्व सैनिकों के लिए आयोजित रैली के माध्यम से हमारे आपसी ताल-मेल को बढ़ावा मिलता है। असम राइफल्स के उच्च अधिकारी भी हमारे बीच उपस्थित हैं। मुझे यकीन है कि वे यथाशीघ्र आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे।

    प्रिय परिजनों,

    सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण और सम्मान के प्रति सदैव प्रतिबद्ध है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान देते रहें क्योंकि आपके पास अनुशासन, नेतृत्व और साहस का ऐसा अनूठा अनुभव है जो समाज को और मजबूत बना सकता है। आप युवा पीढ़ी को दिशा दिखा सकते हैं और देश के विकास में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।

    मैं असम राइफल्स के परिवारों एवं वीर नारियों के प्रति भी श्रद्धा प्रकट करते हुए नमन करता हूँ जिन्होंने देश सेवा में अपने प्रियजनों को खोया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सभी सैनिक भी बधाई के पात्र हैंजिन्होंने अपनी निजी सुरक्षा की परवाह किए बगैर दुश्मन का डटकर मुकाबला किया एवं दुश्मन को नेस्तनाबूत कर दिया।

    आप इस तरह के समारोह में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपने सैनिक जीवन के बाद सेवानिवृत्ति के समय में आने वाली कठिनाइयों के बारे में अपने उच्च अधिकारियों को अवश्य अवगत कराएं। आप सभी अनुभवी सैनिक हैं इसलिए आपसे अनुरोध करता हूँ कि असम राइफल्स तथा भूतपूर्व सैनिकों की बेहतरी एवं विकास के लिए अपने सुझावों से अवश्य ही अवगत कराएं।

    मेरे परिजनों,

    उत्तराखण्ड को ‘देवभूमि’ के साथ-साथ ‘वीरभूमि’ भी कहा जाता है। यहां के प्रत्येक परिवार का भारतीय सेना से नाता है। भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के हमारे वीर सैनिकों का योगदान अतुलनीय रहा है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी।

    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के उत्थान हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं। देश में वन रैंक-वन पेंशन की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ही की। जिससे पूर्व सैनिकों को ना सिर्फ आर्थिक मजबूती मिली बल्कि उनके आत्मसम्मान की भी रक्षा हुई। एक सैनिक होने के नाते मैंने भी पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा और समझा है, इसलिए मैं सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हूँ।

    भूतपूर्व सैनिकों का अनुभव और उनकी नेतृत्व क्षमता राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति उनका जीवन अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय उदाहरण है, जो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप अपने अनुभवों से समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहयोग करते रहें और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में वे अपना अहम योगदान दें।

    अन्त में, मैं एक बार फिर आप सभी का धन्यवाद करता हूँ कि मुझे आपसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं आने वाले समय में आपके स्वस्थ खुशहाल जीवन की कामना करता हूँ।
    जय हिन्द!