Close

    14-12-2024 : मेधावी छात्र-छात्राओं के भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण के उपरांत राजभवन में आयोजित समारोह में मा. राज्यपाल महोदय का संबोधन

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 14, 2024

    जय हिन्द!

    ‘‘भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण’’ के उपरांत राजभवन में पहुंचे सभी मेधावी विद्यार्थियों का मैं हृदय से अभिनंदन एवं स्वागत करता हूँ। विद्यार्थियों से मिलने, उनसे बातचीत करने पर मुझे अपार खुशी की अनुभूति होती है। आशा है कि आपका यह शैक्षिक भ्रमण आपके दृष्टिकोण को और व्यापक रूप देने में सहायक सिद्ध होगा।

    प्यारे बच्चों,

    जीवन में घूमने का अपना एक अलग ही आनंद है। घूमने-फिरने के साथ-साथ बहुत कुछ सीखने को भी मिले, वह तो सोने पर सुहागा है। मेरा मानना है कि शैक्षिक भ्रमण का छात्रों के बहुमुखी विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। ये छात्रों के लिए किताबों की सीमाओं से परे सीखने का एक अच्छा मौका होता है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा शुरू किए गए इस ‘‘भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण’’ पहल की मैं भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ।

    शैक्षिक भ्रमण शिक्षा को रोचक बनाने और छात्रों के सीखने की आदत में तेजी लाने का एक शानदार तरीका है। आप जब किताबें पढ़ने के बजाय वास्तविक जीवन में चीजें देखते हैं, तो चीजों को बेहतर ढंग से समझते हैं। और उन्हें लंबे समय तक याद भी रखते हैं।

    शैक्षिक सैर के दौरान मिली व्यावहारिक शिक्षा विद्यार्थियों को अधिक सीखने के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनमें और जिज्ञासा पैदा करती है। इससे आप और मजेदार तरीके से सीखते हैं।

    शैक्षिक भ्रमण से विद्यार्थियों को भौगोलिक समेत अन्य भिन्न-भिन्न परिस्थितियों की जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इससे पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान में भी वृद्धि होती है। साथ ही आपके व्यक्तित्व का विकास भी होता है।

    सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की सक्रिय भागीदारी हो, अधिगम में बच्चों को प्रभावी ढंग से शामिल करने के लिए यह शैक्षिक भ्रमण एक प्रभावी उपकरण है। इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों को अपने और दूसरों के अनुभव से सीखने और सिखाने का एक अच्छा अवसर देते हैं।

    शैक्षिक यात्राओं की एक खास बात यह है कि इससे टीमवर्क और सामाजिक कौशल को बढ़ावा मिलता है।
    इसमें समूह गतिविधियाँ की जाती हैं। जब आप एक साथ काम करते हैं, तो इससे आपके अंदर टीमवर्क कौशल और सामाजिक कौशल विकसित होता है। यह आप जैसे युवा विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपका आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ता है।

    प्यारे विद्यार्थियों,

    शैक्षिक यात्राएँ आपको उन चीजों के बारे में रचनात्मक और आलोचनात्मक रूप से सोचने का मौका देती हैं, जो आप देखते और अनुभव करते हैं। इससे आपको अपनी आलोचनात्मक सोच कौशल को विकसित करने और अधिक नवीन शिक्षार्थी बनने में मदद मिलती है।

    शैक्षिक भ्रमण के दौरान यदि आपने अपने मन और मस्तिष्क के दरवाजे खुले रखें होंगे तो आपको जो व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ होगा, वह आप किसी किताब से प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि भ्रमण से प्राप्त अनुभव के द्वारा हमारा नजरिया विस्तृत होता है, किसी भी वस्तु स्थान को भौतिक रूप से अवलोकन करने के बाद हम विविध प्रकार की घटनाओं एवं वस्तुओं को एक नए नजरिए एवं सोच के साथ देख पाते हैं।

    आपको हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और देश की राजधानी दिल्ली जैसे राज्यों का भ्रमण कर वहां की विविध संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक संरचना से परिचित होने का शानदार अवसर मिला। इस दौरान आप कई शैक्षणिक संस्थानों, तकनीकी संस्थानों एवं ऐतिहासिक स्थलों से रूबरू हुए होंगे। मुझे मालूम है कि आप इस यादगार भ्रमण को आजीवन याद रखेंगे।

    मुझे विश्वास है कि आपने इन राज्यों का भ्रमण कर उत्तराखण्ड के ब्रांड एम्बेसडर की भूमिका निभाते हुए यहां के प्राकृतिक सौंदर्य,संस्कृति, खान-पान, भाषा और पर्यटन क्षेत्रों आदि विशेषताओं के बारे में भी वहां के बच्चों, वहां के लोगों को अवगत कराया होगा।

    प्रिय विद्यार्थियों,

    अपनी मेहनत और लगन से आप अपने-अपने ब्लॉक में टॉप स्थान प्राप्त करने में सफल रहे। यह सिर्फ आपकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि आपके माता-पिता, शिक्षक और पूरे विद्यालय की भी है। आपका परिश्रम, समर्पण और दृढ़ निश्चय ही आपको इस मुकाम तक लाया है।

    आज का युग ज्ञान और कौशल का है। आप जिस भी क्षेत्र में जाएं, चाहे वह विज्ञान हो, कला हो, खेल हो, या कोई अन्य क्षेत्र, आपका ज्ञान और कौशल ही आपकी असली ताकत बनेगा। भारत को 21वीं सदी का विश्व गुरु बनाने के लिए हमें शिक्षा के हर क्षेत्र में श्रेष्ठता की आवश्यकता है। आप सभी हमारे देश के भविष्य हैं, और आप में से ही देश के अगले वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, कलाकार, उद्यमी, नेता और नीति निर्माता निकलेंगे।

    मेरा आपसे आग्रह है कि आप हमेशा अपने सपनों को बड़ा रखें। अगर आपका सपना बड़ा होगा, तो उसे पूरा करने की ऊर्जा और प्रेरणा भी उतनी ही मजबूत होगी। कभी भी हार न मानें। चुनौतियाँ आएंगी, कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन याद रखें कि हर कठिनाई आपको कुछ नया सिखाने आती है। सफलता और असफलता, दोनों जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है आपके प्रयास और समर्पण।

    आज जब दुनिया तेजी से बदल रही है, हमें केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहना चाहिए। हमें नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाना होगा, खुद को अपडेट रखना होगा और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना होगा। डिजिटल युग में आप सभी को न सिर्फ शिक्षित होना है, बल्कि स्मार्ट तरीके से काम करना भी सीखना है। याद रखें! तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी उतना ही महत्व है।

    सफलता के रास्ते पर चलते हुए अपने माता-पिता, गुरुजनों और समाज का योगदान कभी न भूलें। उनके बिना यह सफर आसान नहीं होता। आप अपने जीवन में जहाँ भी जाएं, हमेशा देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को याद रखें। अपने ज्ञान का उपयोग न सिर्फ अपने लिए, बल्कि समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए भी करें। राष्ट्र ही सर्वाेपरि हैं इस बात का अवश्य ध्यान रखें।

    मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी भविष्य में अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करेंगे और देश-प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। ध्यान रखें!आपका उज्ज्वल भविष्य हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।

    आप सभी को मेरी ओर से आपके स्वर्णिम भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ!

    जय हिन्द!