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    13-03-2024 : ‘‘पीएम सूरज’’ पोर्टल के शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

    प्रकाशित तिथि: मार्च 13, 2024

    ‘‘पीएम सूरज’’ पोर्टल के शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

    (दिनांक 13 मार्च, 2024)

    जय हिन्द।

    “पीएम सूरज” पोर्टल के शुभारंभ कार्यक्रम में, आप सभी के बीच पहुँचकर मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। मैं, इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आप सभी को हृदय से बधाई देता हूँ।

    साथियों,

    मेरा मानना है कि हाशिए पर खड़े लोगों का सामाजिक सशक्तीकरण किसी भी समाज के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। भारतीय समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्गोंं को उनका पूरा हक मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में इनको सशक्त करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। “सुराज और नमस्ते” योजना भी समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के इम्पावर्मेंंट के लिए केंद्र सरकार की बहुत ही सराहनीय पहल है।

    यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि सरकार, विकसित भारत संकल्प कार्यक्रम के तहत आज हर योजना के आखिरी लाभार्थी को खोजकर, उस तक पहुंचकर, उसे योजना का लाभ पहुंचाने की अभिनव कोशिश कर रही है। सीधे लाभार्थी तक पहुंचने का लाभ यह हुआ है कि अब इसमें न कोई भेदभाव और ना ही कोई भ्रष्टाचार हो पाएगा।

    साथियों,

    मैं मानता हूँ कि वंचितों का, गरीबों का देश के संसाधनों पर सबसे ज्यादा हक होना चाहिए, क्योंकि इनके विकास से ही देश का समावेशी विकास संभव हो सकता है। पहले बैंक तक पहुंच भी सिर्फ अमीर लोगों की होती थी, लेकिन बीते कुछ वर्षांें में इस सोच को सरकार ने पूरी तरह से बदल दिया है।

    आज बैंकों के दरवाज़े सबके लिए खोल दिए गए हैं। आज 50 करोड़ से ज्यादा जनधन बैंक खाते खोले जा चुके हैं। मुद्रा योजना के तहत 50 हज़ार से लेकर 10 लाख रुपए तक के ऋण बिना गारंटी दिए जा रहे हैं। जिससे करोड़ों लाभार्थी मुद्रा योजना का लाभ उठाकर अपना काम शुरू कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक लाभ गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक परिवारों से जुड़े साथियों और महिला उद्यमियों को हुआ है। मैं मानता हूँ यही तो सामाजिक न्याय है।

    साथियों,

    पिछले दस वर्षोंं में, केंद्र सरकार ने समावेशिता को प्राथमिकता दी है। इसमें हाशिए पर रहने वाले वंचित छात्रों के लिए विस्तारित स्कॉलरशिप शामिल है, इसमें अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सफाई कर्मचारियों की बेहतर शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, सीमांत वर्गांें के सशक्तीकरण पर जोर देते हुए रियायती ब्याज ऋण के माध्यम से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।

    साथियों,

    शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के साथ-साथ समाज के वंचित और हाशिए पर रहने वाले वर्गांें के लोगों का पुनर्वास भी बहुत जरूरी है। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ, हाइब्रिड मोड में एक राष्ट्रव्यापी आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, यह योजना निश्चित तौर पर उद्यमियों को ऋण सहायता देकर उन्हें सशक्त करने में सफल साबित होगी।

    हाशिए पर रहने वाले वर्गांें के लिए सुगम ऋण के लिए हर-एक परेशानी मुक्त सिस्टम “पीएम सूरज” पोर्टल, बनाया गया है। जिसका तात्पर्य प्रधानमंत्री-सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण है। खुशी की बात है कि, आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा इस पोर्टल को लाँच किया जा रहा है, इसका लाभ हाशिए पर रहने वाले वर्गोंं के 1 लाख उद्यमियों को मिलेगा। इस योजना के पात्र व्यक्तियों को 3.5ः से 9ः प्रति वर्ष की ब्याज दरों पर ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह सामाजिक परिवर्तन का एक बहुत बड़ा कारक सिद्ध होगा।

    इस योजना में एक लाख ऋण की मंजूरी वंचित वर्गों (एससी, ओबीसी, सफाई कर्मचारी) को दी जाएगी। सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड वितरण किए जाएंगे। साथ ही सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों को पीपीई किट का वितरण किया जाएगा।

    इन ऋण सहायता योजनाओं के तहत लगभग 660 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 1 लाख से अधिक लाभार्थियों को कवर करने का प्रस्ताव है। इसमें देश के 525 जिलों के लाभार्थियों को फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया की जाएगी, जिससे लाभार्थी अपना उद्यम शुरू कर सकेंगे और विकसित भारत के संकल्प में अपना योगदान दे सकेंगे।

    साथियों,

    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन जैसे व्यापक स्वच्छता अभियानों की सफलता से पूरे भारत में 18 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ। इससे कुशल सफाई कर्मचारियों की भारी मांग पैदा हुई। हालांकि, समाज में अपने अहम योगदान के बावजूद स्वच्छता कर्मचारी आज भी हाशिये पर हैं। ये हमारे समाज के गुमनाम नायक हैं, जो स्वच्छता सेवाओं की रीढ़ हैं। वह समुदायों के लिये स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम हर तरह से उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनके उत्थान ले लिए प्रयास करें।

    मै भी मानता हूँ कि सफाई कर्मचारी समाज के सबसे वंचित वर्गोंं में से हैं। जिनके पास न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा है, जो अस्वच्छता और तनावपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि समाज के इस विशेष वर्ग के सशक्तीकरण के उद्देश्य से संचालित, “नमस्ते योजना” देश भर में 1 लाख सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और एक सुरक्षित वातावरण के निर्माण को सुनिश्चित करेगी।

    ‘नमस्ते योजना’ सरकार की मानव-केन्द्रित ऐसी ही सोच है जिसमें अब किसी भी सफाई कर्मचारी को सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक कार्य को अपने हाथों से नहीं करना होगा। सफाई कर्मियों और उनके परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (।ठ.च्डश्र।ल्) के तहत स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा, जो सराहनीय कदम है।

    यह प्रसन्नता की बात है कि उत्तराखण्ड के 32 नगर निकायों में अब तक एस०एस०डब्ल्यू० प्रोफाइलिंग शिविर का आयोजन किया गया है। साथ ही देहरादून में 95 एस०एस०डब्ल्यू० का सर्वेक्षण और सत्यापन भी कर दिया गया है।

    यह सत्य है कि कमजोरों का सशक्तिकरण ही समाज को संपूर्ण रूप से सशक्त बनाता है। इस ध्येय से आज सरकार समाज के सबसे कमजोर वर्गोंं को वास्तव में सशक्त बनाने के लिए अपनी ताकत से सब कुछ कर रही है। यह योजनाएं स्पष्ट रूप से दलितों एवं अन्य वंचित वर्गोंं के उत्थान के प्रति मौजूदा सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

    मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएंगे ताकि गरीबी को खत्म करने और समाज के कमजोर वर्गोंं को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम देश की निरंतर प्रगति में भी सार्थक सिद्ध हो सकेंगे।

    अंत में, विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए आप सभी को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं।
    जय हिन्द!