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    12-10-2022:राज्यपाल ने यू.पी.ई.एस.विश्वविद्यालय के सस्टेनेबिलिटी फेयर-2022 में प्रतिभाग किया।

    प्रकाशित तिथि: अक्टूबर 12, 2022

    राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को यू.पी.ई.एस.विश्वविद्यालय के सस्टेनेबिलिटी फेयर-2022 (Sustainability Fare) 2022 में प्रतिभाग किया। चार दिवसीय इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतियोगियों में क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज, शिक्षा के क्षेत्र की हस्तियां, सरकारी निकाय, एनजीओ और विभिन्न देशों जैसे स्पेन, डेनमार्क, श्रीलंका, इंडोनेशिया से आए छात्र शामिल हुए। राज्यपाल ने इस दौरान सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट-2022 का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में सस्टेनेबिलिटी पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और नई शोध एवं अनुसंधान तकनीकों की सराहना की।

    इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने स्थिर विकास की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए इस तरह के प्लेटफॉर्म का निर्माण करने के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से अलग-अलग विचारों वाले लोग एक साथ आएंगे और स्थिर आर्थिक विकास और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण स्थिरता के सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र में वर्ष 2030 के लिए जो सतत् विकास लक्ष्य निर्धारित किये थे, उसी पर आधारित यह सस्टेनेबिलिटी फेयर प्रशंसनीय पहल है।

    राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के शोध एवं अनुसंधान का फायदा अधिक से अधिक लोगों को मिले, इस ओर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शोध, अनुसंधान एवं तकनीक का सदुपयोग तभी संभव है जब वह जानकारी ‘‘लैब टू लैन्ड’’ यानि प्रयोगशालाओं से खेतों तक और ‘‘फाइल टू फील्ड’’ यानि कक्षाओं से गांव तक पहुंचे। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और शुद्ध पेयजल की अनुपलब्धता जैसी चुनौतियां है इनसे निपटने के कारगर उपाय खोजने की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे आने वाले अमृत काल में देश का नेतृत्व कर भारत के विश्वगुरु बनने के सपने को साकार करें। राज्यपाल ने यू.पी.ई.एस. को हरिद्वार और हर-की- पैड़ी को साफ सुथरा व प्लास्टिक मुक्त रखने के समाधान खोजने का भी लक्ष्य दिया।

    इस अवसर पर यू.पी.ई.एस. के कुलपति डॉ सुनील राय ने कहा कि मेले का मकसद सस्टेनेबिलिटी पर नवीनतम शोध को दुनिया के सामने लाना है और उच्च सामाजिक महत्व की संबंधित चुनौतियों से भी लोगों को रूबरू कराना है। इसका लक्ष्य किफायती और स्थिर समाधानों को बढ़ावा देना, इंडस्ट्री और शिक्षा जगत के सम्मेलन के जरिए स्थिर समाधानों पर विचार-विमर्श के सत्र आयोजित करना और विभिन्न हितधारकों के बीच नेटवर्किंग की स्थापना करना हैं। इसी के साथ विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से किए जाने वाले विकास कार्यो की योजना बनाई जाएगी।

    इस कार्यक्रम के दौरान यू.पी.ई.एस. के चांसलर डॉ एस. जे. चोपड़ा, प्रो वाइस चांसलर डॉ राम शर्मा, रजिस्ट्रार श्री मनीष मदान, डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और सस्टेनेबिलिटी डॉ गुरविंदर विर्क सहित विश्वविद्यालय की छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

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