03-12-2024 : उत्तरांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन।
जय हिन्द!
उत्तरांचल विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में ऊर्जा और उत्साह से परिपूर्ण युवाओं के बीच आकर, मुझे स्वयं के अंदर भी ऊर्जा के संचरण के साथ ही अपार प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। मैं आज यहां पर उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हृदय तल से बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।
दीक्षांत समारोह एक विद्यार्थी के जीवन का सबसे अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक क्षण होता है। जिसका स्टूडेंट्स बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। आज का यह दिन इस विश्वविद्यालय के 2356 डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यादगार दिन है। हम सभी ने देखा, डिग्री और पदक प्राप्त करते समय छात्रों में कितना रोमांच और उत्साह होता है।
जब मेधावी विद्यार्थी उत्तीर्ण होकर जीवन के नए सफर पर आगे बढ़ते हैं तो विश्वविद्यालय और उसके शिक्षक गौरवान्वित महसूस करते हैं। बच्चों के स्वर्णिम भविष्य के लिए सपने संजोए, माता-पिता के लिए भी यह दिन, अपने बच्चों की उपलब्धि पर गर्व करने का अवसर है। मैं विद्यार्थियों की इस सफलता में उनके अमूल्य योगदान हेतु तपस्यारत गुरुजनों और सभी पेरेंट्स को भी बधाई देता हूँ।
साथियों,
जब हम अपने जीवन में कोई लक्ष्य तय करते हैं, तो उसके लिए पहले हमें अपने मन-मस्तिष्क को तैयार करना होता है। एक राष्ट्र के मन-मस्तिष्क को तैयार करने की ये जिम्मेदारी उसके एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स को निभानी होती है। हमारी नई जेनेरेशन फ्यूचर रेडी हो, वो चुनौतियों को एक्सेप्ट करने और फेस करने का टेम्परामेन्ट रखती हो, ये सब शिक्षा संस्थान के विजन और मिशन से ही संभव होता है।
यह प्रसन्नता की बात है कि इस विश्वविद्यालय ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, उत्कृष्ट संकाय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय ने 21वीं सदी के मांग के अनुरूप, कौशल पर ध्यान केंद्रित कर अपने सभी पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप अपनाया है।
मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि उत्तरांचल विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड मूल के स्टूडेंट्स को फीस में 26 परसेंट की छूट के साथ ही 40 परसेंट आरक्षण प्रदान कर रहा है। वर्ष 2024 में इस संस्थान ने मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को महत्वपूर्ण छात्रवृत्ति भी प्रदान की है। इस संस्थान के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मुफ्त व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के निर्णय की सराहना करता हूँ। मुझे उम्मीद है आपके यह नेक प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए सकारात्मक बदलाव लाएंगेे।
मुझे बताया गया कि यह संस्थान आईपीआर सुविधा केंद्र की स्थापना कर छात्र को चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर रहा है और कामकाजी पेशेवरों के लिए ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम भी दे रहा है, साथ ही उद्योग 5.0, एआई, मेटावर्स, स्वच्छ और किफायती ऊर्जा, कृषि, भारतीय ज्ञान तकनीक आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान कर रहा है, जो एक सराहनीय कदम है।
प्यारे विद्यार्थियों,
अमृत काल के आने वाले इन वर्षों में आप युवा ही भारत का नेतृत्व करेंगे। अपने सपनों को पूरा करने के लिए अनंत ऊर्जा, दृढ़ता, साहस और धैर्य के साथ आगे बढ़ें। ध्यान रहे, दृढ़ संकल्प के बिना कभी कुछ भी बड़ा हासिल नहीं किया जा सकता है, और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। बड़े सपने देखें औरउन्हें यथार्थ में बदलने के लिए जुनून से जुट जाएं। याद रहे, विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी करना आपकी सीखने की गतिविधियों का अंत नहीं है। सफलता की ऊँचाइयों को प्राप्त करने के लिए आपको आजीवन सीखने की आदत विकसित करनी होगी।
आप सभी युवा निकट भविष्य में बड़ी जिम्मेदारियां संभालेंगे। आप में से कुछ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाएंगे और अन्य युवा उद्यमी बनने, स्टार्ट-अप शुरू करने या उद्योगों से जुड़ने का विकल्प चुन सकते हैं। आपको विभिन्न संस्थानों से डिग्री धारकों की भीड़ तो मिल जाएगी, लेकिन हमेशा याद रखें, आत्म अनुशासन, आत्म विश्वास और प्रतिबद्धता के बल पर ही आप शीर्ष पर पहुंच सकते हैं, एक सफल लीडर बन सकते हैं।
साथियों,
हमारा राष्ट्र और हमारी सभ्यता हमेशा ज्ञान के इर्द-गिर्द केंद्रित रही है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि सर्वाेच्च शिक्षा हमें केवल जानकारी ही नहीं देती है, यह हमें अस्तित्व के साथ सद्भाव से रहने में सहायता करती है। गरीब से गरीब व्यक्ति सहित पूरे समाज ने आपको इस महत्वपूर्ण दिन तक लाने में भूमिका निभाई। इसलिए उन्हें वापस देना, एक बेहतर समाज और देश निर्माण में आपका योगदान अपेक्षित है।
आपके द्वारा सीखा गया विज्ञान आपके गांव के एक किसान की सहायता कर सकता है। आपके द्वारा सीखी गई तकनीक जटिल समस्याओं को हल करने में मदद कर सकती है। आपके द्वारा सीखा गया व्यवसाय प्रबंधन, व्यवसाय चलाने में मदद कर सकता है। आपने जो अर्थशास्त्र सीखा है, वह गरीबी कम करने के काम में मदद कर सकता है। एक प्रकार से यहां का प्रत्येक ग्रेजुएट 2047 तक विकसित भारत बनाने में अपना योगदान दे सकता है।
शिक्षा सिर्फ सिखाने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि ये सीखने की भी प्रक्रिया है। लंबे समय तक हमारी शिक्षा का फोकस इसी बात पर रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन अब नई शिक्षा नीति में इस बात पर फोकस किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। आप सभी के सामूहिक प्रयास से तैयार ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ से अब छात्रों को ये बड़ी सुविधा मिली है कि वो अपनी इच्छा से, अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।
आज हमारी शिक्षा की फ्यूचरस्टिक नीतियों और निर्णयों का परिणाम है कि आज इंडियन यूनिवर्सिटीज की ग्लोबल पहचान बढ़ रही है। हमारे एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। हमारे संस्थान क्वालिटी एजुकेशन, स्टूडेंट फैकल्टी रेशियो और रेपुटेशन सभी में तेजी से सुधार कर रहे हैं। यह सब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और नीतियों का ही परिणाम है।
मेरे प्रिय छात्रों,
हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी ने कहा, ‘भारत के एक युवा नागरिक के रूप में, आप प्रौद्योगिकी, ज्ञान और राष्ट्र प्रेम से सुसज्जित हों’। इसलिए समय के साथ-साथ नई-नई टेक्नोलॉजी से अपडेट होते रहें, अपने क्षेत्र में लीडर बनने के लिए अपने ज्ञान के भंडार में निरंतर वृद्धि करते रहें, हां एक बात हमेशा गांठ बांधकर रख लें, राष्ट्र प्रथम की भावना को मन में समाहित कर ही प्रत्येक कार्य करें।
राष्ट्र के विकास का जो संकल्प हमने लिया है, यह प्रौद्योगिकी को मजबूत करने से संभव है। हम प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुसंधान को अपनाकर ही देश का भविष्य बदल सकते हैं। हमें ईमानदारी, नैतिक मूल्यों के साथ ही अपने अंदर उद्यमशीलता की भावना जागृत करनी होगी। हमें अपने ड्रीम पूरे करने हैं तो, हमें जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बनना होगा। इससे ‘‘स्किल इंडिया’’ और ‘‘मेक इन इंडिया’’ अभियान को भी मजबूती मिलेगी।
साथियों,
पिछले एक दशक में हमने जबरदस्त प्रगति की है। विगत 10 साल में भारत में 100 से अधिक यूनिकाॅन्र्स बने हैं। एक यूनिकॉर्न यानी 8 से 10 हजार करोड़ रुपए की कंपनी। भारत के नौजवानों द्वारा बनाई ऐसी 100 से ज्यादा कंपनियां आज भारत के स्टार्टअप कल्चर का परचम लहरा रही हैं, जो नित नए अवसरों का आधार भी बन रहा है।
आत्मविश्वास से भरा नया भारत, यह युवा भारत आज एक नई यात्रा पर चल पड़ा है, जिसका लक्ष्य है- विकसित भारत का निर्माण। आज स्पेस इंडस्ट्री में भारत जो कमाल कर रहा है, उसकी प्रशंसा तो दुनिया भर में हो रही है। भारत ने ठाना है जल्द ही हम अपने गगनयान से भारतीयों को स्पेस में भेजेंगे। जल्द ही भारत अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन भी बनाने जा रहा है।
साथियों,
21वीं सदी का नया भारत, एजुकेशन, स्किल, रिसर्च और इनोवेशन के दम पर आगे बढ़ रहा है। पूरी दुनिया के स्टूडेंट्स भारत आकर पढ़ें, आज देश में इस तरह का आधुनिक इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा हैं। बीते 10 साल में, भारत में हर हफ्ते एक यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन दो नए कॉलेज बने हैं और हर दिन एक नई प्ज्प्की स्थापना हुई है।
पिछले 10 वर्षों में ट्रिपल आईटी की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो चुकी है। प्प्डेकी संख्या 13 से बढ़कर 21 हो चुकी है। ।प्प्डे की संख्या, तीन गुना बढ़कर 22 हो चुकी है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो चुकी है। टॉप ग्लोबल यूनिवर्सिटीज भी आज भारत आ रही हैं, आज विश्व में भारत का नाम है। अभी तक दुनिया ने भारत के डिजाइनर्स का दम देखा, अब दुनिया, डिजाइन इन इंडिया का जलवा भी देखेगी।
आज भारत ने महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ अनेक व्यापार समझौते किए हैं। ये समझौते हमारे वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेंगे। वे हमारे युवाओं के लिए अनगिनत नए अवसर भी पैदा करते हैं। चाहे वह जी-20 जैसी संस्थाओं को मजबूत बनाना हो, या जलवायु परिवर्तन से लड़ना हो, आज पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। अनेक अर्थों में स्थानीय और वैश्विक कारणों से यह समय एक युवा भारतीय होने का सबसे अच्छा समय है। यह सही समय है, इस समय का अधिकतम लाभ उठाएं और अपने देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए कमर कस लें।
साथियों,
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सामथ्र्य से भरी, भारत की यह युवा शक्ति किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकती है। वह दिन अब दूर नहीं है, जब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएंगे। हम यदि विकास की इस गति को बरकरार रखेंगे तो, 2047 में जब भारत आजादी की शताब्दी मनाएगा, मेरा दृढ़ विश्वास है, और ये मेरा दावा है, आप जैसे सामथ्र्यवान, ऊर्जावान और कौशल से परिपूर्ण युवाओं के बल पर, तब तक हमारा विकसित भारत, समृद्ध भारत और विश्व गुरु भारत का स्वप्न साकार हो जाएगा।
प्यारे बच्चों,
अपनी शिक्षा की इस यात्रा को जिस प्रकार से आपने आगे बढ़ाया है, अब जीवन की इस दूसरी पारी में, आप और अधिक सामथर््य से, और अधिक शानदार तरीके से, और अधिक सपने और संकल्पों को ले करके सिद्धि को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ें, सिद्धियां आपके कदम चूमती रहें, आपके सामथर््य से देश निरंतर प्रगति करता रहे। इसी शुभ कामना के साथ आप सभी को पुनः बहुत बहुत बधाई, आपका भविष्य उज्ज्वल हो ऐसी शुभेच्छा।
जय हिन्द!