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    01-05-2024 : गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का उद्बोधन

    प्रकाशित तिथि: मई 1, 2024

    जय हिन्द!

    सचमुच मुझे आज अपार खुशी की अनुभूति हो रही है कि हम-सब यहाँ एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण अवसर पर एकत्रित हुए हैं। आप सभी लोगों को गुजरात और महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस शुभ अवसर पर, मैं गुजरात और महाराष्ट्र की जनता और पूरे भारत में निवास कर रहे दोनों राज्यों के लोगों को भी उत्तराखण्ड की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।

    आज यह भी प्रसन्नता का विषय है कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की इस अनूठी पहल को आज एक वर्ष पूरा हो चुका है। यानि इस पहल के तहत हम सभी प्रदेशों के स्थापना दिवस समारोह एक बार आयोजित कर चुके हैं।

    आज का दिन इन दो जीवंत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य की नींव रखने का दिन है, जिन्होंने भारत के इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुजरात और महाराष्ट्र ने सर्वांगीण प्रगति के साथ-साथ अपनी अनूठी संस्कृति के कारण अपनी अमिट छाप छोड़ी है। मैं प्रार्थना करता हूं कि आने वाले समय में दोनों ही राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें।

    1947 में जब भारत एक स्वतंत्र देश बन गया, तो पश्चिमी भारत में बॉम्बे एक अलग राज्य था। जो मौजूदा महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में था। 1950 के दशक में संयुक्त महाराष्ट्र समिति ने बंबई के तत्कालीन द्विभाषी राज्य से अलग एक मराठी भाषी राज्य के निर्माण करने की माँग की थी, और सन 1960 को आज ही के दिन देश के इतिहास में गुजरात और महाराष्ट्र के रूप में दो ऐतिहासिक राज्यों का उदय हुआ था।

    पश्चिमी भारत में स्थित गुजरात अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत और परंपराओं के लिए जाना जाता है। यह राज्य भारत के कुछ सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है, जैसे साबरमती आश्रम, कच्छ का रण और गिर राष्ट्रीय उद्यान, जो एशियाई शेरों का अंतिम प्राकृतिक आवास है।

    गुजरात का इतिहास भी काफी आकर्षक है, यहाँ मौर्य, गुप्त और मुगल राजवंशों सहित विभिन्न साम्राज्यों द्वारा शासन किया गया। और एक बड़ी बात यह कि गुजरात हमारे पूज्य बापू राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के शिल्पी लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जन्मस्थली भी है।

    आधुनिक समय में, गुजरात उद्योग और वाणिज्य का केंद्र है, इसकी राजधानी अहमदाबाद को कपड़ा उद्योग के कारण ‘‘पूर्व का मैनचेस्टर’’ कहा जाता है। गुजरात दिवस राज्य के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का उत्सव है। इस दिन, लोग विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रदर्शन में भाग लेते हैं।

    वहीं महाराष्ट्र भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई का घर है, जिसे सपनों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। यह राज्य गेटवे ऑफ इंडिया, एलीफेंटा गुफाओं, एवं अजंता और एलोरा की गुफाओं जैसे प्रतिष्ठित स्थलों के लिए जाना जाता है, जिन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में मान्यता प्राप्त है।

    महाराष्ट्र में साहित्य और कला, के एक लंबे इतिहास के साथ ही एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। क्षेत्रफल के मुताबिक भारत में महाराष्ट्र तीसरे पायदान पर आता है। जिसमें छत्तीस जिले मौजूद है। इसको संपन्न, धनी और व्यवस्थित राज्यों में गिना जाता है। यह बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर और दादाभाई नौरोजी की जन्मभूमि है।

    आज मैं यह कहना चाहता हूँ कि हर गुजराती ने गुजरात को आगे ले जाने में योगदान दिया है, चाहे सबसे गरीब इंसान हो, साक्षर हो या अनपढ़, शहरी हो या ग्रामीण, पुरुष हो या महिला, युवा हो या बुजुर्ग। जो वास्तव में सभी के लिए प्रेरणादायक है। वहीं हर एक मराठी ने अपनी विरासत को सँजोने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। महाराष्ट्र ने जहां एक ओर छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है वहीं हमारे दशमेश गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ज्योति जोत स्थान नांदेड भी यहीं है।

    इन दोनों ऐतिहासिक राज्यों का उत्तराखण्ड से भी गहरा नाता है, प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड में पवित्र धामों के दर्शन करने आते हैं, इतना ही नहीं, हमारे उत्तराखण्ड के भी कई लोग महाराष्ट्र और गुजरात में रहकर, हमारे प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।

    वास्तव में जब हमारे राज्य में चार धाम यात्रा का समय होता है तो यहाँ आपको ‘‘मिनी भारत’’ के भी दर्शन हो सकते हैं, यहाँ आने वाले प्रत्येक सैलानी और श्रद्धालु हमारे ब्रांड एम्बेसडर की तरह है।

    “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की पहल, हमारे सभी राज्यों की परस्पर परंपराओं, रीति रिवाजों, संस्कृति और ज्ञान की समझ को बढ़ाते हुए भारत की एकता और अखंडता को मजबूती देने वाली एक अनोखी पहल है। ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ की संकल्पना हमारी सदियों पुरानी एकता की शक्ति को भी बल देने वाली है।

    विभिन्न राज्यों का स्थापना दिवस को मनाने के अवसर पर हम भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को समझने की कोशिश करते हैं। इससे राज्यों के लोगों से परस्पर परिचय, प्रवासी लोगों के बीच संवाद, एकता की भावना, राज्यों की विविध परम्पराएं, कला, संस्कृति, वेशभूषा, और खान-पान की शैली का भी आदान-प्रदान होता है।

    हमारे हर-एक राज्य की एक विशिष्ट पहचान है, हर-एक राज्य की एक भाषा, विविधतापूर्ण कला और संस्कृति है। यह विविधता ही तो भारत की ताकत है। तमाम अनेकताओं के बावजूद भी हम सब एक हैं, यही भारत की अनूठी विशेषता है।

    मैं आज के इस समारोह में यहां उपस्थित सभी महानुभावों को ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ के संकल्प के साथ इस ऐतिहासिक गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस की एक बार पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।

    जय हिन्द।