01-11-2025:राजभवन देहरादून में आयोजित भारत के विविध राज्यों के स्थापना दिवस पर माननीय राज्यपाल महोदय का संबोधन।
जय हिन्द!
आज भारत के विविध राज्यों के स्थापना दिवस के इस पावन अवसर पर आप सभी के मध्य उपस्थित होकर मुझे अत्यंत हर्ष और गौरव की अनुभूति हो रही है। मैं देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नागरिकों को उनके स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
यह आयोजन केवल एक औपचारिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता का जीवंत प्रतीक है। राज्यों के स्थापना दिवस हमें स्मरण कराते हैं कि यह महान राष्ट्र विविधताओं में एकता का अद्भुत उदाहरण है जहाँ भाषा, वेशभूषा, परंपरा और संस्कृति की अनेक धाराएँ मिलकर “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” का विराट रूप प्रस्तुत करती हैं।
हमारा देश एक लम्बे ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास का परिणाम है। आज भारत के राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपनी विशिष्ट पहचान, संस्कृति और जनजीवन के साथ राष्ट्र की शक्ति में अपना अद्वितीय योगदान दे रहे हैं।
राज्यों के गठन का इतिहास हमें यह भी बताता है कि भारत के नागरिकों में अपनी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति के प्रति कितनी गहरी आकांक्षा रही है। यही भावना आज हमें विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में प्रेरित कर रही है।
यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि इस वर्ष भी देशभर के सभी राजभवनों में राज्यों के स्थापना दिवस एक साथ मनाए जा रहे हैं। यह भारत की एकता और सामूहिक शक्ति का सशक्त संदेश है। यह परंपरा हमारे परस्पर संवाद, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राष्ट्रीय एकात्मता को और अधिक सुदृढ़ बना रही है।
भारत के प्रत्येक राज्य की अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक यात्रा रही है। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अपने स्थापना दिवस मनाते हैं। जहाँ एक ओर जम्मू-कश्मीर की भूमि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है, वहीं लद्दाख, हिमालय की ऊँचाइयों में बसा वह प्रदेश है जो न केवल भारत की सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि बौद्ध संस्कृति, करुणा और सरलता का जीवन्त प्रतीक भी है। दोनों प्रदेश भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामरिक धरोहर के अमूल्य अंग हैं।
01 नवम्बर को मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के साथ दिल्ली, चंडीगढ़, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार जैसे केंद्रशासित प्रदेश भी अपने स्थापना दिवस मनाते हैं।
मध्य प्रदेश, जिसे भारत का “हृदय प्रदेश” कहा जाता है, अपने ऐतिहासिक नगरों, भव्य मंदिरों और अद्भुत प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है।
कर्नाटक भारत के ज्ञान-विज्ञान, संगीत और प्रौद्योगिकी का संगम स्थल है। बेंगलुरु ने विश्व में भारत को तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित किया। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध जनजातीय संस्कृति, लोककला, खनिज संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह राज्य परिश्रम, संस्कृति और विकास की नई मिसाल कायम कर रहा है। हरियाणा का इतिहास पराक्रम और कृषि दोनों से जुड़ा है। यह भूमि महाभारत के धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पावन भूमि है, और आधुनिक भारत में खेलों, रक्षा सेवाओं तथा कृषि उत्पादन में अग्रणी है।
पंजाब, वीरता, परिश्रम और उत्साह की भूमि है। इसकी हरियाली, लोकसंगीत और गुरुवाणी पूरे भारत को प्रेरणा देती है। केरल, अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक प्रगति के कारण सम्पूर्ण भारत के लिए आदर्श है। आंध्र प्रदेश अपनी समृद्ध कृषि, उद्यमशीलता और प्राचीन तेलुगु संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। तिरुपति बालाजी की आस्था और अमरावती की ऐतिहासिक विरासत इसकी पहचान है। तमिलनाडु भारत की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक का केंद्र है, जो भारत की सांस्कृतिक आत्मा को जीवित रखे हुए है।
इसी प्रकार दिल्ली, भारत की राजधानी, देश की राजनीतिक और ऐतिहासिक धड़कन है। चंडीगढ़, अपनी नियोजित बसावट और आधुनिक स्थापत्य कला के कारण भारत की आधुनिक नगरीय दृष्टि का प्रतीक है। पुडुचेरी एकता में विविधता का जीवंत उदाहरण है। लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, भारत की समुद्री सीमा और प्राकृतिक संपदा के प्रहरी हैं, जो पर्यटन, समुद्री जीवन और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक हैं।
इन राज्यों के गठन के पीछे हमारी संवैधानिक दूरदृष्टि, प्रशासनिक कुशलता और जन आकांक्षाओं की पूर्ति का समन्वय निहित है। हर राज्य ने अपनी विशिष्टता से भारत के सामूहिक चरित्र को समृद्ध किया है।
कला, साहित्य, संगीत, नृत्य, स्थापत्य और लोक परंपराओं की अनगिनत धाराएँ मिलकर भारतीय संस्कृति की गंगा को अविरल बनाए हुए हैं। इन विविधताओं के मध्य राष्ट्रीय एकता की भावना ही वह सूत्र है जो हमें जोड़ता है और हमें गर्व से यह कहने का अधिकार देता है कि ‘‘हम सब एक हैं, हम भारत हैं।’’
आज जब हम राज्यों के स्थापना दिवस मना रहे हैं, तो यह अवसर है अपने-अपने राज्यों की उपलब्धियों पर गर्व करने का और यह संकल्प दोहराने का है कि हम सब मिलकर विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे।
मैं भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नागरिकों की निरंतर प्रगति, सुख-समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना करता हूँ।
जय हिन्द!