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    20-02-2025 : अरुणाचल प्रदेश एवं मिजोरम राज्य स्थापना दिवस पर माननीय राज्यपाल महोदय का भाषण

    प्रकाशित तिथि: फ़रवरी 20, 2025

    जय हिन्द!

    सबसे पहले आप सभी का राजभवन में हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन! इस ऐतिहासिक दिवस पर मैं, अरुणाचल प्रदेश एवं मिजोरम वासियों को राज्य स्थापना दिवस की हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।

    यह अवसर केवल इन राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारी राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता के सम्मान का प्रतीक है।

    यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान के अंतर्गत हम देश के विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस को मिलकर मना रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक पहल है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के बीच आपसी सहयोग, सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को और अधिक मजबूत करती है।

    यह दूसरा अवसर है जब हम राजभवन में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के स्थापना दिवस का आयोजन कर रहे हैं। इस पहल से हमें अन्य राज्यों की अद्वितीय सांस्कृतिक परंपराओं, उनकी भाषाओं, लोक-कलाओं, विरासतों और ऐतिहासिक योगदान को करीब से जानने का अवसर मिलता है। यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि राज्यों के बीच संवाद, समझ और सहयोग को गहरा करने का एक प्रभावी माध्यम भी है।

    अरुणाचल प्रदेश अपनी जीवंत परंपराओं, समृद्ध जैव विविधता और सुरम्य प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की नदियाँ, पर्वत, वन और घाटियाँ, धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराते हैं। यह राज्य भारत की सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत उदाहरण है। यहां की जनजातियाँ अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बनाए हुए हैं।

    अरुणाचल प्रदेश न केवल सांस्कृतिक धरोहरों का धनी है, बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल और स्थानीय नागरिकों का जज्बा, उनकी देशभक्ति और सीमाओं की रक्षा में उनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय है। इस राज्य के वीर जवानों ने भारतीय सेना में हमेशा एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और देश के प्रति उनकी निष्ठा प्रेरणादायक है।

    मिजोरम, जिसे ‘पहाड़ियों की भूमि’ भी कहा जाता है, अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत, संगीत, नृत्य और सामाजिक सद्भाव के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य भारत की विविधता में एकता का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है। मिजो समाज की विशेषता यह है कि वहाँ के लोग पारंपरिक मूल्यों और आधुनिकता के संतुलन को बखूबी निभाते हैं।

    मिजोरम अपनी हरित पहाड़ियों, लहराती नदियों, सुंदर झरनों और जैव विविधता से परिपूर्ण जंगलों के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों के प्रति मिजो समाज की जागरूकता अनुकरणीय है। मिजोरम भारत का सबसे अधिक वनाच्छादित राज्य है, जो इसे जलवायु संतुलन और पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करता है।

    इसके अतिरिक्त, मिजोरम खेलों और शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार प्रगति कर रहा है। यहाँ के युवाओं ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है, जो अत्यंत सराहनीय है।

    अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम, दोनों ही राज्य भारत की विविधता और एकता के प्रतीक हैं। इन राज्यों की भाषा, संस्कृति, लोककला और परंपराएँ हमारी राष्ट्रीय धरोहर को और अधिक समृद्ध बनाती हैं।

    हम सभी जानते हैं कि भारत ‘विविधता में एकता’ का जीवंत उदाहरण है। हमारे देश के हर राज्य की अपनी विशिष्ट पहचान, भाषा, कला, संस्कृति और परंपराएँ हैं। यह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। अनेकता में एकता ही भारत की विशेषता है, और यही हमें विश्व में अद्वितीय बनाती है।

    आज का यह आयोजन हमें यह स्मरण कराता है कि चाहे हम भारत के किसी भी राज्य से हों, हम सभी एक ही राष्ट्र के अभिन्न अंग हैं। एक-दूसरे की संस्कृति को जानना, समझना और सम्मान देना हमारे देश की मजबूती का आधार है।

    उत्तराखण्ड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम, तीनों ही राज्य प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं। ये तीनों ही पर्वतीय राज्य हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और पर्यटन पर आधारित है। इन राज्यों में जैव विविधता, लोक संस्कृति और परंपराएँ अत्यंत समृद्ध हैं।

    मैं एक बार पुनः अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के नागरिकों को उनके राज्य स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई देता हूँ। मेरी कामना है कि आने वाले वर्षों में ये दोनों राज्य निरंतर प्रगति और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करें।

    आइए, हम सब मिलकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को और अधिक मजबूत करें और राष्ट्र को प्रगति के नए शिखर पर पहुँचाएँ।
    जय हिंद।