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    04-12-2024 : भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन

    प्रकाशित तिथि: दिसम्बर 4, 2024

    जय हिन्द!

    आज भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास के स्मरण उत्सव, नौसेना दिवस के शुभ अवसर पर, आप सभी के मध्य उपस्थित होकर, मुझे अत्यंत गौरव और प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

    आज के दिन पूरा भारत अपने नौसेना कर्मियों के समर्पण को सलाम करता है। आज के दिन हम उन वीर सपूतों को नमन कर रहे हैं जिन्होंने हमारे समुद्री हितों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

    इस वर्ष की इंडियन नेवी डे की थीम, श्ब्व्डठ।ज् त्म्।क्ल्ए ब्त्म्क्प्ठस्म्ए ब्व्भ्म्ैप्टम् ।छक् थ्न्ज्न्त्म् त्म्।क्ल् थ्व्त्ब्म्ए ै।थ्म् ळन्।त्क्प्छळ छ।ज्प्व्छ।स् ड।त्प्ज्प्डम् प्छज्म्त्म्ैज्ै.।छल्ज्प्डम्.।छल्ॅभ्म्त्म्श्। यह भारतीय नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है। राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक कार्यालय, इस शक्तिशाली बल का एक अभिन्न अंग है, जो हमारे समुद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनएचओ, समुद्रों और जलमार्गों का सटीक मानचित्रण करके नौसेना और तटरक्षक बल को हमारे समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए सक्षम बनाता है।

    एनएचओ द्वारा हाल ही में किए गए अंतर्देशीय जल निकायों के सर्वेक्षण का उपक्रम विशेष रूप से सराहनीय है। पैंगोंगसो झील और नैनीताल झील के सफल सर्वेक्षण, इस संगठन की बहुमुखी प्रतिभा और राष्ट्रीय विकास के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। ये पहल न केवल इन महत्वपूर्ण जल निकायों की हमारी समझ को बढ़ाती हैं, बल्कि उनके संरक्षण और सतत प्रबंधन में भी योगदान करती हैं।

    भारतीय नौसेना ने अपनी व्यावसायिकता, परिचालन उत्कृष्टता और मानवीय प्रयासों के लिए वैश्विक स्तर पर अलग पहचान बनाई है।इसमें एनएचओ का महत्वपूर्ण योगदान है। सटीक हाइड्रोग्राफिक डेटा और चार्ट प्रदान करके, एनएचओ नौसेना को अपने अभियानों को सटीकता और दक्षता के साथ संचालित करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा, एनएचओ की अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक सहयोग में भागीदारी भारत की समुद्री कूटनीति को बढ़ाती है और अन्य देशों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत करती है।

    वैश्विक व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हिंद महासागर क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो इसे बेहद अहम बनाता है। यह क्षेत्र आर्थिक, भू-राजनीतिक, व्यापार व सुरक्षा पहलुओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण तथा संवेदनशील है। इस क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए हम भारतीय नौसेना की सराहना करते हैं। भारत को अब इस पूरे क्षेत्र में एक पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में देखा जा रहा है।

    साथियों,

    मेरा मानना है कि 21वीं सदी की जटिलताओं के दौर में, भारतीय नौसेना और एनएचओ को बदलते समुद्री सुरक्षा परिदृश्य के अनुकूल होते रहना चाहिए। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वायत्त प्रणाली और उपग्रह दूरसंवेदन जैसी उभरती टेक्नोलॉजीज समुद्री संचालन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती हैं। इन प्रगतिशील तकनीकों को अपनाकर, हमारी नौसेना समुद्री शक्ति के क्षेत्र में अग्रणी बनी रहेगी।

    हमारे वीर सैनिकों के बलिदान और समर्पण ने भारतीय नौसेना और एनएचओ की सफलता की नींव रखी है। हम उनके कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण के प्रति कृतज्ञ हैं। हमें खुशी है कि आज के युवा अधिकारी और नाविक उनकी विरासत से प्रेरित हैं और व्यावसायिकता और सेवा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    साथियों,

    एक दशक पहले तक नौसेना को महत्वपूर्ण नहीं माना जाता था और यह माना जाता था कि देश को एकमात्र खतरा जमीन से ही है। लेकिन, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस सीमित सोच से ऊपर उठकर सशस्त्र बलों के तीनों अंगों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित किया है।

    किसी भी प्रमुख वैश्विक शक्ति के लिए एक मजबूत नौसेना का होना आवश्यक है, वर्तमान सरकार द्वारा नौसेना की क्षमताओं को उन्नत करना और स्वराज्य को मजबूत करने के लिए उन्हें आवश्यक संसाधन प्रदान करना सशक्त भारत के निर्माण के लिएएक दूरदर्शी कदम है।

    पहले नौसेना के अधिकांश उपकरण आयात किए जाते थे, लेकिन आज हम ‘खरीदार नौसेना’ से ‘निर्माता नौसेना’ बन गए हैं। यह परिवर्तन आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारे बढ़ते कदम हैं। आज हम इसे तटीय नौसेना से ब्लू वॉटर नौसेना में बदल रहे हैं, जो हमारी नेतृत्व की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है।

    पिछले 5-6 वर्षों के दौरान नौसेना के आधुनिकीकरण बजट का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप हम स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।

    साथियों,

    राष्ट्र के लिए नौसेना क्षमताओं के महत्व को पहचानने के लिए शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता को जानना और समझना जरूरी है, जिन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना का मसौदा तैयार किया था। हमें गर्व है कि नौसेना अधिकारियों द्वारा पहने जाने वाली पट्टियाँ अब छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को उजागर करेंगी क्योंकि नई पट्टियाँ नौसेना के ध्वज के समान होंगी।

    आज हमारी नारी शक्ति देश की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, आज वे सशस्त्र बलों से लेकर संसद तक हर क्षेत्र में देश के विकास में बराबर की भागीदारी कर रही हैं। अब सशस्त्र बलों में नारी शक्ति को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है। नौसेना के जहाज में भारत की महिला कमांडिंग अधिकारी की नियुक्ति, हमारी नारी शक्ति के सामथ्र्य का प्रमाण है।

    नए भारत में ‘विरासत के साथ-साथ विकास’, यही विकसित भारत का हमारा मार्ग है। छत्रपति शिवाजी का जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, जिन्होंने भविष्य की संभावनाओं को पहले ही देख लिया था। उन्होंने नौसेना की प्रासंगिकता को पहचाना और भारत की समृद्ध नौसेना परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ा। प्रधानमंत्री के गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के आह्वान के अनुरूप, नौसेना ने नया ध्वज अपनाया, जो छत्रपति शिवाजी की गौरवशाली विरासत से प्रेरित है।

    साथियों,

    आज का नया भारत, 140 करोड़ भारतीयों के सामथ्र्य और ताकत के बल पर बड़े लक्ष्य तय कर रहा है, और उन्हें हासिल करने के लिए पूरी दृढ़ता से काम कर रहा है। आज हमारे संकल्पों, भावनाओं और आकांक्षाओं की एकता के सकारात्मक परिणामों की झलक दिखाई दे रही है, क्योंकि आज प्रत्येक भारतीय‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से प्रेरित है। आज देश, इतिहास से प्रेरणा लेकर संकल्प के साथ उज्ज्वल भविष्य का रोड मैप तैयार करने में जुटा है। यह संकल्प हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगा।

    दृढ़ संकल्पित और आत्मविश्वास से भरा नया भारत, आज पूरे जोश और जुनून से विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत और सशक्त भारत के निर्माण की डगर पर चल पड़ा है। आज तेजस, किसान ड्रोन, यूपीआई सिस्टम और चंद्रयान-3 ये सब, मेड इन इंडिया की ताकत को दर्शा रहे हैं। परिवहन विमान, विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के उत्पादन की शुरुआत से रक्षा में आत्मनिर्भरता भी दिखाई दे रही है।

    यह भारत के इतिहास का वह कालखंड है, जो आने वाली सदियों का भविष्य लिखने वाला है। पिछले 10 वर्षों में भारत 10वें स्थान से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है। आज भारत के बढ़ते सामथ्र्य और समग्र प्रगति के कारण पूरी दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। हम सभी के सामूहिक योगदान से अपना देश निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा, मेरा दृढ़ विश्वास है।

    आज का यह महत्वपूर्ण दिवस राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण में नौसेना के योगदान को उजागर करता है।

    एक बार पुनः भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए, मैं देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को नमन करता हूँ।

    वंदे मातरम!
    जय हिन्द!
    भारत माता की जय!