03-11-2022:राज्यपाल ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय से तीन दिवसीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली प्रतिभाग किया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन द्वारा “बिग डाटा एंड कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस“ विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली प्रतिभाग किया। तीन दिन तक चलने वाले इंटरनेशनल कांफ्रेंस में 55 के करीब शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान में समय की मांग हो चुका है और यह समय की एक महत्वपूर्ण खोज है। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि भारत में अभी भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने शुरुआती चरण में है लेकिन भारत सरकार इस क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रही है। खेती-किसानी, यातायात, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, मैन्युफैक्चरिंग आदि क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से कई कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किये जा सकते हैं। जटिल से जटिल कार्य भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से चुटकियों में पूर्ण हो सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आज के समय में भी हमारी रचनात्मकता एवं मानवीय स्वभाव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बेहतर हैं लेकिन हमारी सृजनात्मकता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समन्वय से यह टेक्नोलॉजी और बेहतर हो सकती है। कुशल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसरणनीतियां जहाँ अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करती हैं एवं व्यवसाय अपनाने का समर्थन करती हैं वहीं इसके नैतिक उपयोग के लिए मानक भी विकसित करती हैं। राज्यपाल ने कहा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते, भारत के लिए निरंतर विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) की शक्ति का उपयोग करने के लिए समर्पित रूप से काम करना आवश्यक है।
           उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को पारंपरिक सोच को छोड़ कर शोध कार्यों को बढ़ावा देने और समस्याओं के सस्ते और स्थानीय समाधान खोजने हेतु एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें प्रयास करना है कि हम अपने शोध एवं ज्ञान का उपयोग देश की सेवा के लिए कर सके। कुमाऊँ विश्वविद्यालय को इंटरनेशनल कांफ्रेंस के आयोजन पर शुभकामनायें देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कांफ्रेंस के माध्यम से हम मानव सभ्यता के भविष्य की दिशा में सार्थक योगदान देंगे साथ ही कोशिश करेंगे कि नवाचार का पूरा लाभ आम जनमानस को मिल सके।
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